जानिए क्यों व्यक्ति या वस्तु को छूने पर महसूस होता है करंट का झटका: Electric Spark
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Electric Spark: कई बार ऐसा होता है जब हम किसी वस्तु या व्यक्ति को छूते हैं तो स्पार्क की आवाज के साथ करंट का झटका महसूस होता है। इसके बाद हम उसी वास्तु को फिर से छूने में थोड़ा सा भय महसूस करते हैं। हो न हो हम सभी के साथ ये कभी न कभी जरूर हुआ होगा। हालांकि सर्दियों में वस्तु या व्यक्ति को छूने पर इस तरह करंट लगने की घटना सबसे ज्यादा होती हैं। क्या आपने कभी सोचा है ऐसा क्यों होता है?, वस्तु या व्यक्ति को छूने पर करंट लगने का कारण क्या है? अगर नहीं तो आज इस आर्टिकल में हम आपको इसके पीछे के कारण के बारे में बताते हैं।

क्यों लगते हैं झटके?

बिना बिजली के संपर्क में आए करंट के झटके लगने के पीछे वैज्ञानिक कारण है। स्कूल में विज्ञान विषय की पढ़ाई करते हुए आपने पढ़ा होगा कि ब्रह्मांड में मौजूद सभी वस्तु का निर्माण परमाणु यानी एटम से हुआ हैं। वहीं एटम इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन नामक तीन कणों से बनता है। इलेक्ट्रॉन में नेगेटिव (-Charge) चार्ज प्रोटोन में पॉजिटिव (+Charge) और न्यूट्रॉन में न्यूट्रल (=Charge) चार्ज होता है।

दुनिया की सभी चीज़ों की ही तरह मानवीय शरीर में भी इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन कण होते हैं। इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन तीनो कणों के पास अपना चार्ज होता है। ये तीनों चार्ज को फ्लो करवाने में अहम भूमिका निभाते हैं। प्रोटॉन और इलेक्‍ट्रॉन एक दूसरे में संतुलन बनाने का काम करते हैं। इसलिए कोई भी एटम तब तक स्थिर रहता है जब, प्रोटॉन और इलेक्‍ट्रॉन समान मात्रा में होते हैं।

जब किसी वस्तु या व्यक्ति में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती है तो नेगेटिव चार्ज भी बढ़ जाता है, इस स्थिति में नेगेटिव इलेक्ट्रॉन पॉजिटिव इलेक्‍ट्रॉन को आकर्षित करते हैं। और जब नेगेटिव और पॉजिटिव इलेक्‍ट्रॉन संपर्क में आते हैं तो करंट का झटका महसूस होता है। यानी इन इलेक्‍ट्रॉन की तेज गति के कारण झटका महसूस होता है।

गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में लगते हैं ज्यादा झटके

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अब बात करते हैं खास मौसम की, क्योंकि सर्दियों के मौसम में ही इस तरह के झटके ज्यादा महसूस होते हैं। दरअसल, इसके पीछे का कारण होता है मौसम में नमी की कमी होना। सर्दियों के मौसम में रूखापन बढ़ जाता है, जिसकी वजह से त्वचा पर इलेक्‍ट्रॉन आसानी से जमा हो जाते हैं। जब नेगेटिव चार्ज वाला इलेक्‍ट्रॉन, जब पॉजिटिव चार्ज (व्यक्ति और वस्तु) के संपर्क में आता है तो स्पार्क के साथ झटका लगता है। लेकिन गर्मियों में नमी वाले मौसम की वजह से इलेक्‍ट्रॉन त्वचा पर आसानी से नहीं जमा होते और इस तरह करंट लगने की घटना कम होती हैं।

वर्तमान में गृहलक्ष्मी पत्रिका में सब एडिटर और एंकर पत्रकारिता में 7 वर्ष का अनुभव. करियर की शुरुआत पंजाब केसरी दैनिक अखबार में इंटर्न के तौर पर की. पंजाब केसरी की न्यूज़ वेबसाइट में बतौर न्यूज़ राइटर 5 सालों तक काम किया. किताबों की शौक़ीन...