तुलसी एक फायदे अनेक, जानें कैसे करें इसका भरपूर इस्तेमाल
ये पौधा नहीं समझिये औषधि है। तुलसी का पौधा छोटी बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने की शक्ति रखता है।
Benefits of Basil Leaves: पेड़-पौधों से किसे प्यार नहीं, ये हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज हम बात करेंगे एक ऐसे पौधे के बारे में जो लगभग हर भारतीय घर में पाया जाता है। शायद आप समझ ही गए होंगे की हम बात कर रहे है तुलसी के पौधे की, ये पौधा देखने में बेशक छोटा और कम जगह लेने वाला है, लेकिन इसके बड़े बड़े फायदे जान कर आप हैरान रह जाएंगे। शायद कुछ ऐसे फायदे भी होंगे जिनके बारे में आप आज तक जानते भी नहीं होंगे। ये पौधा नहीं समझिये औषधि है। तुलसी का पौधा छोटी बड़ी बीमारियों को जड़ से खत्म करने की शक्ति रखता है। आप स्वस्थ और निरोगी रहना चाहते हैं, तो अपनी दिनचर्या में तुलसी जरूर शामिल करें।
आइये जानते हैं इसका सेवन किस तरह किया जा सकता है।
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चाय बना कर पिएं
तुलसी को ले कर एक बात बिलकुल साफ़ है की इसका इस्तेमाल आप गर्मी और सर्दी हर मौसम में कर सकते हैं ये हमारे शरीर को किसी भी तरह का नुक़सान नहीं पहुँचाती है। ठीक तुलसी की ही तरह चाय भी हर घर में हर मौसम में पी जाती है सर्दी गर्मी बारिश चाहे कोई भी मौसम हो चाय साथ बैठ कर थोड़ा समय बिता लेने का एक बहाना सा है, तो क्यों न इस बहाने में स्वाद के साथ साथ सेहत को कूट कूट कर मिला लिया जाए। कुछ लोग दूध वाली चाय पीना पसंद करते हैं और कुछ लाल चाय यानी की बिना दूध वाली, और मजे की बात है की दोनों ही तरह की चाय में आप तुलसी का रस डाल कर पी सकते हैं। तुलसी के सेवन करने से हमारी पाचन शक्ति को भी मजबूती मिलती है। अगर हमारा शरीर खाया हुआ खाना अच्छी तरह से पचा पा रहा है तो हमें इसके बहुत से फायदे मिलते हैं। पोषण पूर्ण रूप से मिलने पर शरीर काफी क्रियाशील रहता है और स्फूर्ति बनी रहती है।
पानी में उबाल कर पिएं
जिस तरह हमारे शरीर को पोषण के लिए अनाज, फल आदि की जरुरत होती है ठीक उसी तरह शरीर में उचित मात्रा में हाइड्रेशन बना रहे इसके लिए हर स्वास्थ सलाहकार आपको हर दिन में एक निश्चित मात्रा में पानी पीने की सलाह देता है। इस तरह शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और साथ ही त्वचा में नमी बनी रहती है जिस से त्वचा के रोग होने की संभावना ना के बराबर होती है। ऐसे में अगर आप पानी में तुलसी के पत्ते डाल कर इसे अच्छी तरह उबाल कर इसका सेवन करेंगे तो ये आपको और अधिक स्वस्थ बनाएगा। इसके सेवन से हमारा शरीर स्फूर्ति और ताजगी से भरा रहेगा और कमजोरी का जरा भी अनुभव नहीं होगा।
तुलसी का दूध बनाएं
दूध अपने आप में सम्पूर्ण आहार है। दूध के सेवन से आपका शरीर मजबूत और निरोगी बनता है। हड्डियों में आने वाली कमजोरी को ये पूरी तरह से खत्म कर देता है। बढ़ते हुए बच्चों और खासकर बुजुर्गों की सेहत के लिए तो दूध किसी दवा से कम नहीं, ऐसे में अगर हम तुलसी का दूध बना कर पिएं तो ये सेहत को भरपूर फायदे देगा। आईये जानते हैं इसकी विधि।
2 गिलास दूध
12 -15 तुलसी पत्ती
- हल्की आंच पर दूध उबलने रख दें, बीच बीच में इसे हिलाते रहे ताकि ये बर्तन के तले में ना लगे।
- जब दूध हल्का गरम हो जाए तो इसमें तुलसी की पत्तियां डाल दें और इसे अच्छी तरह उबलने दें।
- जब ये दूध अच्छी तरह उबाल कर 1 ग्लास के करीब रह जाए और साथ में थोड़ा गाढ़ापन ले आये तो गैस की फ्लेम बंद कर दें।
- अपनी पसंद और स्वाद के अनुसार इसे हल्का गरम या गुनगुना ही पिएं।
तुलसी पाउडर
अगर आप तुलसी की पत्तियां सुखाकर इसका पाउडर बना लें तो इसे काफी लम्बे समय तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इस पाउडर का इस्तेमाल आप गरम पानी में मिलाकर भी कर सकती हैं। इस तरह इसे पीने से आपका वजन भी घटेगा और मेटाबोलिज्म भी मजबूत बना रहेगा। शरीर में किसी भी तरह का दर्द हो, इसके नियमित रूप से सेवन करने से आपको जल्द ही पुराने से पुराने दर्द से राहत मिलेगी।
इसके पाउडर का इस्तेमाल आप अपनी त्वचा के लिए भी कर सकती हैं। इसके लिए आपको पानी में मिलकर इसका लेप जैसा बनाना हैं और शरीर पर हो रहे किसी भी तरह के फोड़े फुंसी पिंपल और संक्रमण पर इसे कुछ समय के लिए लगा देना है। आप चाहें तो पानी की जगह गुलाबजल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
काढ़ा बनाये निरोगी
सर्दी के मौसम में काढ़ा पीना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है साथ ही आजकल लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी काढ़ा पीने लगे हैं। तुलसी में मौजूद औषधीय गुण काढ़े को और स्वास्थवर्धक बनाते हैं। जितने लोगों के लिए काढ़ा बनाना है, उसके अनुसार पानी गरम करने रखें और तुलसी की पत्तियों के साथ साथ काली मिर्च,अदरक और मुलेठी या दालचीनी डाल कर पानी में 3 – 4 उबाल आने दें। हल्का गुनगुना रह जाने पर इसे छान कर सिप करके पिएं। सेहतमंद काढ़ा कई परेशानियों से राहत दिलाएगा।
फायदे
सर्दी-ज़ुकाम का करे काम तमाम
भारत में लोग अक्सर तुलसी की पत्तियां चबाकर सर्दी-ज़ुकाम ठीक करते हैं। इसका इस्तेमाल बुख़ार में भी किया जाता है। तुलसी की पत्तियां चाय में उबालने से आप डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से दूरी बनाए रख सकते हैं। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-एलर्जिक, और एंटी-माइक्रोबियल गुण नाक की म्यूकस मेम्ब्रेन में जलन को रोकते हैं। इससे बार-बार हो रहे सर्दी-ज़ुकाम के लक्षणों से भी राहत मिलती है। कई अध्ध्यनों के अनुसार तुलसी खांसी में भी आरामदायक साबित हुई है।
डिप्रेशन में असरदार
तुलसी एक प्राकृतिक जड़ी-बूटी है जिसमें तनाव से राहत देने के गुण भी पाए जाते हैं। इसलिए जब आप परेशान या तनाव में हों, तो बस एक कप तुलसी की चाय पी लें और ख़ुश हो जाएँ। तुलसी के पौधे का हर हिस्सा एक एडाप्टोजेन की तरह काम करता है। एडाप्टोजेन एक प्राकृतिक पदार्थ है जो आपके शरीर को तनाव के अनुकूल बनाने में मदद करता है और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार तुलसी के औषधीय गुण शरीर को कई तरह के तनाव से निपटने में मदद करता है।
बढ़ाए आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता
तुलसी में ज़िंक और विटामिन सी भारी मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए यह प्राकृतिक रूप से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से बचाए रखता है। इसके एंटी-वायरल, एंटी-फंगल, और एंटी-बैक्टीरियल गुण कई प्रकार के संक्रमणों से सुरक्षित रखते हैं। तुलसी की पत्तियों का अर्क टी हेल्पर सेल्स को बढ़ाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को और मज़बूत करता है। रोज़ तुलसी की पत्तियां चबाने से या तुलसी की चाय पीने से शरीर बीमारियों से डटकर सामना कर पाता है।
माइग्रेन
पेन किलर्स खाने, ब्लैक कॉफ़ी पीने, और खुद को अँधेरे कमरे में रखने से आपका माइग्रेन भले ही कुछ समय के लिए कम हो जाए, लेकिन लम्बे समय में वह आपके शरीर को नुक़सान पहुंचाता है। तुलसी की पत्तियों का पेस्ट सर पर लगाने से माइग्रेन में राहत मिलती है। अगर आपको लम्बे समय से माइग्रेन की शिकायत है, तो आप तुलसी वाली चाय भी पी सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर तुलसी से माइग्रेन कैसे ठीक हो सकता है? दरअसल तुलसी के दर्दनिवारक गुण माइग्रेन से जुड़े लक्षण जैसे उलटी और जी मिचलाने जैसी समस्याओं में आराम देते हैं।
अस्थमा भगाए दूर
प्रदूषित वातावरण आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य को ख़राब कर देता है जिससे ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसे श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। ऐसी स्थिति में तुलसी आपकी श्वसन प्रणाली के लिए बेहतरीन है। ऐसे में तुलसी की पत्तियों को गर्म पानी में डालकर भांप लेने से फेफड़ों में हुए जमाव से राहत मिलती है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-एलर्जिक गुण श्वसन नली के म्यूकस मेम्ब्रेन की जलन को कम करता है।
दिल का रखे ख़याल
तुलसी में विटामिन के भारी मात्रा में पाया जाता है जो आपकी हड्डियों को खनिज देने में और दिल का स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट यूजेनॉल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके दिल को सुरक्षित रखता है और रक्त कोशिकाओं को कसकर रक्तचाप को भी नियंत्रित रखता है। इसे खाने से स्ट्रोक और इस्कीमिआ जैसी समस्याएं भी समाप्त हो जाती हैं। कहने की ज़रूरत नहीं है कि कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों पर तुलसी का गहरा प्रभाव पड़ता है और ये दिल की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए एक आशीर्वाद है।
FAQ | क्या आप जानते हैं
क्या तुलसी के पत्ते रोज खाये जा सकते हैं?
तुलसी की तासीर कैसी होती है?
तुलसी का पानी पूरे दिन पिया जा सकता है?
तुलसी का उपयोग किस-किस तरह किया जा सकता है?
खाली पेट सुबह तुलसी खाने के क्या लाभ हैं?
क्या तुलसी में एक से अधिक पोषक तत्त्व पाए जाते हैं?