आम महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं

महिलाओं और पुरुषों की स्वास्थ्य समस्याएँ एक दूसरे से अलग होती हैं,ऐसे में दोनों की बीमारियाँ और उनके,स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव भी अलग अलग होते हैं.मासिक धर्म,गर्भावस्था,प्रसव और रजोनिव्रत्ति जैसे जैविक चरणों का अनुभव कर महिलाएँ कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं. जैसे-

आम महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं
दिल की बीमारी

1-दिल की बीमारी

आज दिल की बीमारी के कारण लगभग 29%औरतें मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं.इसका सबसे बड़ा ख़तरा यह है कि इसमें महिलाओं की असायमिक मृत्यु और विक़लागता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.बहुत सी महिलाएँ ऐसी भी हैं जिन्हें,दिल की बीमारी के साथ बहुत सी तकलीफ़ों जैसे -सीढ़ी चढ़ने मेंअसमर्थ होंना,और साँस लेने में तकलीफ़ होना जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है.

आम महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं
स्तन कैंसर

2-स्तन कैंसर

महिलाओं में सबसे प्रचलित ब्रेस्ट कैंसर के,भारत में हर साल १० लाख से ज़्यादा मामले पाए जाते हैं.स्तन कैंसर के लक्षणो में स्तन में गाँठ होना,निपल में से ख़ून मिला हुआ रिसाव और निपल या स्तन की बनावट या प्रकृति में बदलाव शामिल है.स्तन कैंसर का उपचार इसकी अवस्था पर निर्भर करता है.इसमें रेडियेशन,कीमोथीरेपी,हॉर्मोन से उपचार और ऑपरेशन शामिल है.ब्रेस्ट कैंसर जान लेवा नहीं है.

आम महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं
सर्वाइकल कैंसर

3-सर्वाइकल कैंसर

सर्विक्स में शुरू होने वाला यह दूसरा सबसे आम प्रकार का कैंसर है,सर्विक्स योनि से गर्भाशय की ओर एक संकीर्ण खुलाव है. यह कैंसर मध्य जीवन में अधिक होता है.क्योंकि सर्वाइकल कैंसर,समय के साथ विकसित होता है,इसलिए इसका निवारण किया जा सकता है.सर्वाइकल कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं

A-सक्वामस कोशिकाओं का कैंसर,

B-अदिनोकार्सिनोमा.इनका नाम कैंसरग्रस्त होने वाली कोशिकाओं के ऊपर रखा गया है

4-टर्नर सिंड्रोम– टर्नर सिंड्रोम(टीएस) एक क्रोमोसोम की कमी या अधूरे क्रोमोसोम के उपस्थित होने के कारण पैदा होने वाली स्थिति है.इसके आम लक्षण छोटा क़द,है जो लगभग ५वर्ष की आयु तक स्पष्ट हो जाता है.अंडाशय पहले तो सामान्य रूप से विकसित होते हैं,लेकिन अंडा कोशिकाएँ आमतौर पर समय से पूर्व मर जाती हैं.जब तक हार्मोन थेरेपी नहीं दी जाती,कई प्रभावित लड़कियाँ प्यूबर्टी से भी नहीं गुज़रतीं हैं.अधिकांश लड़कियाँ गर्भ धारण करने में असमर्थ(बांझपन) होती हैं

सामान्यत:इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है.

5-यौन संचारित रोग-एच आइ वी/एड्स और एचपीवी के अलावा,महिलाओं में गोनोरिया,क्लैमाइंडिया और सिफ़लिस जैसे यौन संचारित रोगों के होने का ख़तरा होता है.चूँकि ,पुरुषों की तरह महिलाओं में इसके स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते हैं,इसीलिए इसका आसानी से उपचार नहीं हो पाता है.इन संक्रमणों से न केवल महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याओं से दोचार होना पड़ता है,साथ ही उनके प्रसव और शिशु स्वास्थ्य में भी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं.इस बीमारी से बचने के लिए निम्नलिखित क़दम उठाने चाहिए-

1-यौन शिक्षा की जानकारी

2-गर्भनिरोधक(कंडोम) के प्रयोग की जानकारी,और उनकी आसानी से उपलब्धतता को सुनिश्चित करना

आम महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं
मानसिक स्वास्थ्य

6-मानसिक स्वास्थ्य

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार अवसाद,चिंता और कई तरह की मनोदेहिक शिकायतें महिलाओं में अधिक देखने को मिलती हैं.मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित मुद्दों के बारे में बातचीत करके उसके निदान और उपचार के बारे में चिंतन किया जाना चाहिएदूसरे इस तरह की समस्याओं से प्रभावित महिलाओं को सामाजिक स्तर पर सहायता प्रदान करना ज़रूरी होता है जिससे वो जल्द से जल्द इससे बाहर आ सकें.

7-ग़ैर संचारी रोग

महिलाओं में ग़ैर-संचारी रोगों जैसे मधुमेह,हाई ब्लड प्रेशर,मोटापा अदि तेज़ी से फैल रही बीमारियाँ हैं,इनकी रोकथाम के लिए ज़रूरी है महिलाओं को,इन बीमारियों के प्रति जागरूकता फैलाना और इससे लड़ने के लिए उचित उपचारों की जानकारी उपलब्ध कराना.

8-उम्र के साथ बढ़ने वाली समस्याएँ

उम्र बढ़ने के साथ साथ महिलाओं में गठिया,औस्टीयोपोरोसिस ,मोतियाबिंद,ग्लोकुमा,और गुर्दे की बीमारी -आम समस्या है.यदि उम्र बढ़ने के साथ  महिलाओं को मानसिक,और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए उनके ख़ानपान और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर माहौल दिया जाय तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है.

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