कोलेस्ट्रॉल का नाम भर ही आपको चिंता में डालने के लिए काफी है। लेकिन कोलेस्ट्रॉल के बारे में आप कितना और क्या जानते हैं? क्या आपको पता है कि कोलेस्ट्रॉल फायदा भी करता है, और इसका रक्त में होना जरूरी है। इस पहेली को समझने के लिए आपको कोलेस्ट्रॉल को समझने की जरूरत है। दरअसल कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है, गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल। अब सवाल उठता है कि अच्छे और खराब कोलेस्ट्रॉल को कैसे पहचाने।
क्या है गुड कोलेस्ट्रॉल?
कोलेस्ट्रॉल रक्त में मौजूद लिपोप्रोटीन, जो एक प्रकार का प्रोटीन है, में पाया जाता है। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। क्योंकि ये रक्त से कोलेस्ट्रॉल को सोखकर लिवर तक पहुंचाने का काम करता है। लिवर से इसे शरीर के बाहर निकाल दिया जाता है। गुड कोलेस्ट्रॉल आपको स्ट्रोक और ह्रदय रोगों से दूर रखता है। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन के लिए फाइबर युक्त फल और सब्जियां, एवोकेडो, आॅलिव आॅएल, फैटी फिश, बादम, अखरोट, पिस्ता का सेवन करना चाहिए।
बैड कोलेस्ट्रॉल को पहचाने
बैड कोलेस्ट्रॉल लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन होता है। रक्त में इसकी मात्रा बढ़ने से रक्त गाढ़ा होने लगता है और ये ह्रदय धमनियों की दीवार पर जमना शुरू हो जाता है। ह्रदय तक रक्त न पहुंच पाने के कारण ह्रदय रोग पनपने लगते हैं और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जाता है। मक्खन, फुल फैट वाले डेरी उत्पाद, पाम आॅएल और अन्य सैचुरेटेड वनस्पति घी, प्रोसेस्ड फूड, वसा युक्त मांस और खाल युक्त चिकन में लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन होता है।
बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ जाने पर आपका शरीर आपको कुछ चेतावनियां देना शुरू कर देता है। समय रहते इन्हें पहचानना जरूरी है जिससे बड़े घात से बचा जा सकता है। जी मिचलाना, थकान महसूस होते रहना, सांस फूलना, गर्दन, जबड़े, पेट के ऊपरी हिस्से और पीठ में दर्द की शिकायत बने रहना हाई कोलेस्ट्रॉल की ओर इशारा है। लेकिन कई दफा ये इशारे भी नहीं मिलते और अचानक स्ट्रोक जैसी घटना का सामना करना पड़ता है। इसलिए आम तौर पर बीस की उम्र के बाद आपको कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराते रहना जरूरी है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य रखने के लिए सबसे पहले खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है।
एचडीएल से भरपूर इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें:
– फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे साबुत अनाज और फल
– एवोकाडो
– सन बीज और चिया बीज
– नट्स जैसे बादाम, अखरोट, पिस्ता, ब्राजील नट्स
– जैतून का तेल
– फैटी मछली
LDL को कम रखने के लिए इन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें या सीमित करें:
– मक्खन
– पूर्ण वसा वाली डेयरी
– नारियल तेल और पॉम का तेल जैसे संतृप्त वनस्पति तेल
– प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ
– गहरे तले हुए खाद्य पदार्थ
– मांस का फैटी कटौती
– त्वचा के साथ चिकन
खाने की बुरी आदतों को छोड़ना
जितना मुश्किल है पकड़ना उतना ही आसान है। खराब खाने की आदतें पोषण में कमी का कारण बनती हैं, और बदले में मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोग, स्ट्रोक, आदि बिमारियों का जोखिम बढ़ाती हैं।
उच्च कोलेस्ट्रॉल कुछ केस में सचेत करे हो सकता है पर ज्यादातर मामलों में यह एक चेतावनी भरा संकेत है। उच्च कोलेस्ट्रॉल का निदान होने का मतलब यह नहीं है कि आप हृदय रोग का विकास करेंगे या स्ट्रोक होगा, लेकिन फिर भी इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
यदि आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल है और इसे कम करने के लिए आप प्रयासरत हैं, तो आपके हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा काफी घट जाएगा। जीवन शैली में बदलाव बहुत जरूरी है।
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