आज हम आपको बताएंगे कि शरीर में अच्छे व बुरे कोलेस्ट्रॉल का अनुपात क्या होना चाहिए व इसे संतुलित रखने के लिए क्या कर सकते हैं?
क्या है कोलेस्ट्रॉल?
यह एक मुलायम मोमयुक्त पदार्थ है, जो हमारे शरीर की कोशिकाओं व प्रवाहित रक्त के लिपिड (वसायुक्त अम्लों) में पाया जाता है। हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका को जीवित रहने के लिए कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है।
गुड व बैड कोलेस्ट्रॉल
हमारे शरीर में अच्छी व बुरी वसा की तरह अच्छा-बुरा कोलेस्ट्रॉल भी होता है। यह शरीर में कोशिकाओं की दीवारें बनाने वाले उत्तकों के निर्माण में सहयोग करता है तथा हारमोंस का संतुलन बनाए रखता है।
यह दो प्रकार का होता है- (HDL) हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन व (LDL) लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन, को गुड कोलेस्ट्रॉल कहते हैं, जो हमें हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।
कोलेस्ट्रॉल क्यों बढ़ता है?
— यदि भोजन में अधिक वसा हो या कोलेस्ट्रॉल युक्त पदार्थों का सेवन किया जाए।
— यदि चयापचय संस्थान आवश्यकता से अधिक कोलेस्ट्रॉल को शरीर से बाहर न निकाल पाए।
— यदि शरीर में यकृत द्वारा अधिक कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन हो। इन तीनों कारणों से शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है।
एचडीएल व एलडीएल की आदर्श संख्या
आमतौर पर एलडीएल की संख्या 100 मिग्रा से कम ही रहनी चाहिए। पुरुषों में 40 व महिलाओं में 45 मिग्रा से ऊपर एचडीएल को आदर्श माना जाता है। कुल मिलाकर यह ध्यान रखना चाहिए कि पूर्ण कोलेस्ट्रॉल 180 मिग्रा/DL इससे कम रहे।
कैसे करें बचाव
अपने शरीर में LDL की मात्रा घटाएं तथा HDL की मात्रा बढ़ाएं। प्रतिदिन चहलकदमी से आप फालतू वजन घटा सकते हैं या फिर सप्ताह में दो-तीन बार एरोबिक व्यायाम करें ताकि बी.एम.आर. बढ़ने से फैट बर्न हो। लेकिन कोई भी व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर की राय लें। शराब व सिगरेट आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ाते हैं व एचडीएल की मात्रा घटाते हैं, इसलिए इनसे बचने में ही भलाई है।
खायें जरा हट के
— खाना पकाते समय हाइड्रोजिनेटिड वसा प्रयोग में लाने की बजाए जैतून, सूरजमुखी या सफोला आदि तेल इस्तेमाल करें।
— रेड मीट की बजाए चिकन या फिश को प्राथमिकता दें।
— खाद्य पदार्थों को तलने-भूनने की बजाए पकाने के लिए ग्रिल, स्टीम, पोच, बेक या माइक्रोवेव साधन का प्रयोग करें।
— लो फैट डेयरी उत्पाद ही प्रयोग करें।
— कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण के लिए जीवनशैली में बदलाव लाना बहुत जरूरी होता है। हालांकि कई मामलों में इसके साथ-साथ दवा भी लेनी पड़ सकती है।
— यदि वजन कम होगा तो कई रोग स्वयं ही पास नहीं आएंगे। आपको अपना बॉडी मास इंडेक्स बी एमआई-25 से कम रखना चाहिए। इसे 18.5 से 24.9 के बीच आदर्श माना जाता है।
— अपने भोजन में वसा की मात्रा घटाएं। यदि आप हृदय रोगी हैं, तब तो और ज्यादा ध्यान रखें। साथ ही आपको अपने शरीर में एचडीएल की मात्रा भी बढ़ानी होगी। इसके लिए अपने भोजन में स्वस्थ तेलों को शामिल करें।
— एचडीएल की मात्रा आपको कई प्राणघातक रोगों से बचाती है। इससे हृदयरोग का खतरा घटता है, वजन कम करने में मदद मिलती है, उच्च रक्तचाप नहीं होता व फेफड़ों को भी लाभ पहुंचता है।
— कई विशेषज्ञों का मानना है कि जौ के सेवन से भी कोलेस्ट्रॉल के विसर्जन में सहायता मिलती है।
— शरीर में ट्राईग्लिसराइड की मात्रा 100 मिग्रा/DL से कम तथा ग्लूकोज का स्तर 70 से 105 मिग्रा/DL रखने में काफी हद तक बचाव हो सकता है।
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