सर्वाइकल कैंसर ने ली अभिनेत्री पूनम पांडे की जान, जानिए इस बीमारी के लक्षण और बचाव: Poonam Pandey Death
सर्वाइकल कैंसर वह कैंसर है, जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में शुरू होता है। यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे बड़ा कैंसर है।
Cervical Cancer Symptoms: बॉलीवुड एक्ट्रेस और मॉडल पूनम पांडेय का निधन हो गया है। कहा जा रहा है कि पूनम की मौत सर्वाइकल कैंसर की वजह से हुई है। सर्वाइकल कैंसर वह कैंसर है, जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में शुरू होता है। यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे बड़ा कैंसर है। एक आंकड़ों के अनुसार, भारत में महिलाओं के कैंसर में सर्वाइकल कैंसर दूसरे स्थान पर है। साल 2020 में 123,000 से ज्यादा मामले सामने आए थे। आज हम आपको बताने वाले है कि सर्वाइकल कैंसर क्या है, इसके क्या कारण हैं और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
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क्या होता है सर्वाइकल कैंसर?
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सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स की कोशिकाओं को इफेक्ट करता है। सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है, जो सीधे वेजाइना से जुड़ा होता है। सर्वाइकल कैंसर इस हिस्से की कोशिकाओं को इफेक्ट करता है। सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के अलग-अलग तरह के एचपीवी स्ट्रेन्स के कारण होते हैं। बता दें, एचपीवी एक आम वायरस है, जो संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। एचपीवी एक बहुत ही आम यौन रोग है, जो जननांग में मस्से के रूप में नज़र आता है।
सर्वाइकल कैंसर का शुरुआती स्तर पर पता लगाना संभव
अगर किसी को सर्वाइकल कैंसर है, तो शुरुआती स्तर पर ही पता लगाना संभव है, क्योंकि इसमें 10 से 15 साल तक प्री-कैंसरस स्टेज रहता है और पैप स्मियर जैसी सामान्य जांच से इसका पता लग सकता है। इन टेस्ट के माध्यम से इसका रोकथाम किया जा सकता है। डॉक्टर्स द्वारा हर तीन साल में महिलाओं को पैप टेस्ट की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही जिन महिलाओं की उम्र 30 से अधिक है, उन्हें तो डॉक्टर एचपीवी टेस्ट कराने को भी बोलते है।
सर्वाइकल कैंसर के मुख्य कारण
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सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामलों में हाई रिस्क ह्यूमन पैपिलोमा वायरस कारण होता है। एचपीवी से संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से भी यह फैलता है। साथ ही जो महिलाएं एक से ज्यादा पार्टनर के साथ यौन संबंध बना चुकी हैं या जो कम उम्र में यौन संबंध बना चुकी है, उसमें सर्वाइकाल कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। इसके साथ ही अधिक समय तक गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग करने से भी कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
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एक रिपोर्ट के अनुसार शुरुआती स्टेज पर सर्वाइकल कैंसर का कोई लक्षण नहीं होता है। इसके लक्षण तब दिखने शुरू होते हैं, जब कैंसर एडवांस्ड स्टेज पर पहुंच जाता है। इसलिए नियमित तौर पर जांच कराते रहना चाहिए, ताकि शुरूआती दौर में ही पता चल जाएं। आम तौर पर पीरियड में में अनियमितता, पीरियड्स के अलावा भी रक्त स्राव होना, संभोग के बाद रक्त स्राव होना, मीनोपॉज के बाद रक्त स्राव होना, दुर्गंधयुक्त स्राव होना आदि सर्वाइकल कैंसर के लक्षण हो सकते है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय
डॉक्टर्स के अनुसार सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए एचपीवी से बचाव का टीका लगवाना चाहिए। अस्पताल में 9 से 26 साल की उम्र की लड़कियों व महिलाओं के लिए टीका उपलब्ध है। टीके का सबसे ज्यादा प्रभाव तब होता है, जब यौन गतिविधियां शुरू होने से पहले ही महिलाएं टीका लगवा लें। 9 से 14 साल की उम्र में दो इंजेक्शन के रूप में टीका लगाया जाता है और 14 से 26 की उम्र में तीन इंजेक्शन की जरूरत होती है। टीका लेने के बाद भी डॉक्टर्स स्क्रीनिंग की सलाह देते है।