जानिये क्या है बाइपोलर डिसऑर्डर, ज़रूरी है इसे समझना: Bipolar Disorder
Bipolar Disorder

बाइपोलर डिसऑर्डर के मरीज का रखें ख़ास ध्यान

जब कभी आपको लगे आपके आस पास रहने वाला इंसान पूरी तरह से नकारात्मक विचारों से घिरा हुआ है और इससे उबरने में उसे परेशानी हो रही है तो समझ लें ये बाइपोलर डिसऑर्डर का ही एक रूप है।

Bipolar Disorder: बाइपोलर डिसऑर्डर एक मानसिक विकार है। अक्सर इसे गलत तरीके से समझा जाता है। हमारे शरीर में मौजूद डोपामाइन हॉर्मोन जब असंतुलित होने लगता है तब इसका खतरा बढ़ने लगता है। इस से पीड़ित रोगी का बर्ताव अचानक बदलने लगता है और ये ज्यादा देर के लिए स्थिर नहीं रहता है। अगर आप महसूस कर रहे हैं आपके सोचने समझने की क्षमता कुछ कम होती जा रही है। आपका किसी एक निर्णय पर रहना मुश्किल होता जा रहा है और आप डिप्रेशन में जा रहे हैं तो अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें। जब कभी आपको लगे आपके आस पास रहने वाला इंसान पूरी तरह से नकारात्मक विचारों से घिरा हुआ है और इससे उबरने में उसे परेशानी हो रही है तो समझ लें ये बाइपोलर डिसऑर्डर का ही एक रूप है।

इस बीमारी में मरीज को मेनिया और डिप्रेशन दोनों के एपिसोड का सामना करना पड़ता है, उस व्यक्ति का मूड या तो बहुत हाई रहता है या लो।

बाइपोलर 1 मेनिया

Bipolar Disorder
Living well is an art

बाइपोलर 1 में व्यक्ति को तेज़ी के दौरे का सामना करना पड़ता है।इसे आप कुछ इस तरह समझ सकते हैं।

  • नींद की जरुरत ना महसूस होना
  • लगातार काम करते रहना
  • बिना मतलब बोलते रहना
  • बढ़ चढ़ कर बड़ी-बड़ी बातें करना
  • बिना सोचे समझे बड़े से बड़ा फैसला ले लेना
  • अपने आप को सबसे ज्यादा ताकतवर समझना
  • सेक्स ड्राइव बढ़ जाना

सरल शब्दों में समझें तो टाइप 1 के शिकार मरीज वास्तविकता से नाता खो देते हैं। वो अपनी एक अलग ही दुनिया बना लेते हैं। उन्हें लगने लगता है जो वो कर रहे हैं कह रहे हैं और सोच रहे हैं बस वही सही है बाकी सब गलत है।

बाइपोलर 2 हाइपोमेनिया

bipolar disorder
It’s a challenge

इसमें मरीज काफी लो फील करता है।गहरी उदासी होने पर मरीज अपने आप को दुनिया का सबसे मजबूर और परेशान इंसान समझने लगता है।बिना किसी वजह के उसका मन रोने का करता है।खुश होने वाली बातों पर भी वो अपनी ख़ुशी जाहिर नहीं कर पाता है।इंसान पूरी तरह से नकारात्मक विचारों से भर जाता है।उसे अपने आस पास नकारत्मकता दिखाई देने लगती है।चाह कर भी वो किसी काम में अपना मन नहीं लगा पाता है।

  • नींद ना आना
  • लोगों से दूरी बना लेना
  • बिना वजह दुःख महसूस करना
  • बोलचाल बन कर देना
  • बिस्तर पर पड़े रहना

इस तरह के लक्षण मरीजों में पाए जाते हैं। टाइप 2  बाइपोलर डिसऑर्डर के शिकार मरीज दुनिया से दूरी बना लेते हैं।उनके मन में नकारात्मकता घर कर लेती है। बिना वजह रोना और दुखी रहना उनकी आदत बन जाता है। वो लोगों से मिलना जुलना तक बंद कर देते हैं।

कारण

Something different from a mood disorder
Something different from a mood disorder

वंशानुगत बीमारी

अगर रोगी के परिवार या खानदान में ये बीमारी किसी को पहले हो चुकी है तब भी ये इसकी एक बड़ी वजह है। ये वंशानुगत हो सकती है और पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। जरुरी नहीं परिवार में हर किसी को इस तरह की परेशानी हो पर पीढ़ियों तक ये परेशानी बनी रहती है।

आस पास का वातावरण

अगर आपके आस पास का वातावरण नकारात्मक है तो इसका सीधा असर आपकी जीवनशैली पर पड़ता है। मन में सकारात्मक विचार आ ही नहीं पाते हैं। इसके लिए आपको अपनी जीवन शैली में थोड़ा सुधार लाना होगा।

शरीर की चोट

Side effects of medicines
Side effects of medicines

शरीर में किसी तरह की गहरी चोट लगने पर आपको उस तरह की दवाइयां दी जाती हैं की ये चोट जल्दी ठीक हो जाए।ऐसे में अगर दवाइयां आपके ऊपर हावी हो जाती हैं तो इस से आपको बाइपोलर डिसऑर्डर होने का खतरा बना रहता है। इस तरह की दवाइयों के साथ खान पान का ध्यान रखा जाए तो ये समस्या आएगी ही नहीं।

प्रेग्नेंसी

प्रेग्नेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद भी अधिकतर महिलाओं को डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है। इस तरह वो बाइपोलर डिसऑर्डर की भी चपेट में आ जाती हैं।

इस तरह करें बचाव

Keep an eye on patient
Keep an eye on patient

समय रहते सही इलाज

आपके परिवार या आस पड़ोस में किसी में भी इस तरह के लक्षण दिखें तो नज़रअंदाज़ ना करें। समय रहतें उसे डॉक्टर के पास ले जाएँ और ठीक तरह से इलाज पूरा करें। ऐसे व्यक्ति का ख़ास ख्याल रखें।उसकी हर एक गतिविधि पर नज़र रखें।समय रहते सही इलाज करवाने से व्यक्ति के जल्दी ठीक होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

अपने शौक को समय दें

Keep yourself busy
Keep yourself busy

जब कभी आप ऐसा महसूस करें या आपका कोई अपना इस तरह की तकलीफ में हो तो कोशिश करें उसे उसके शौक पर काम करने को कहें।जैसे कोई पेंटिंग करना पसंद करता है, कविताएं, शायरी आदि लिखने के शौक़ीन लोग अपना शौक बनाएं रखें और खुद को थोड़ा समय दें। अगर आपको घूमना पसंद है तो अपने किसी ख़ास के साथ अपनी मनपसंद जगह के लिए निकल पड़ें। जब आप अपने शौक पूरे करने में व्यस्त हो जाएंगे, तो किसी भी तरह की नकारात्मकता से सामना करने का आपके पास समय ही नहीं होगा। 

मरीज को अकेला ना छोड़ें

Share good memories
Share good memories

इस बीमारी से ग्रसित मरीज को अकेला छोड़ने की गलती कभी ना करें।चाहे आपको वो सामान्य दिखाई दे रहा है पर ना जाने कब उसके मन में गलत ख्याल आने लगे। वो अपने साथ कुछ गलत कर बैठे। उनका मनोबल बढ़ाएं। उनसे उनके खुशनुमा पलों की यादें साझा करें। इस तरह उन्हें काफी हद तक सुकून पहुंचाया जा सकता है।

डॉक्टर के सुझाव को अनदेखा ना करें

Obey your doctor
Obey your doctor

डॉक्टर अपने अनुभव और अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल कर के हमारा इलाज करते हैं। अगर वो हमें कोई सुझाव दे रहें है तो हमें पूरी तरह से उसका पालन करना चाहिए। उनकी हर एक बात का ख्याल रखें, उनके सुझावों पर पूरी तरह से अमल करें।

दवाइयां लगातार लेते रहें

थोड़े दिनों की दवाओं के बाद जब मरीज ठीक होने लगते हैं तो उन्हें दवाइयों का ख्याल ही नहीं रहता और धीरे धीरे वो सारी दवाइयां लेना बंद कर देतें हैं। सबसे पहले मरीज के रिश्तेदारों को इस बात का ख्याल रखना है की ये बीमारी कोई बुखार या सर्दी खाँसी नहीं है जो थोड़े दिन दवा लेने पर ये ठीक हो जाए। मरीज के रिश्तेदार उसकी दवा का ख्याल रखें और डॉक्टर के कहने से पहले कोई भी दवा बंद ना करें।