स्फूर्तिदायक है अनाज से बना आटा: Grain Flour
Grain Flour

Grain Flour: भारत में अधिकतर घरों में खाने की थाली में चावल के साथ-साथ रोटी अवश्य लेते हैं। यहां तक कि चीला, ढोकला और इडली बनाने के लिये भी अलग-अलग तरह के आटे का ही प्रयोग किया जाता हैं। यूं तो विश्वभर में आटे की बहुत सारी किस्मे हैं लेकिन जो अनाज व दालें आसानी से आसपास की दुकानों में मिल जाते हैं और वे बेहद ही लाभकारी है। आज हम उन्हीं अनाज व दालों से बने आटे की पौष्टिकता, गुण व उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में बात कर रहे हैं-

मक्की का आटा

मक्की के आटे सेहत के लिए काफी अच्छा माना गया है। इसमें विटामिन बी, थायमिन और फोलेट, कार्ब्स, सोडियम, प्रोटीन और डायटरी फाइबर होता है। ये ग्लूटेन फ्री होता है। मकई के आटे के बहुत सारे फायदे भी हैं, मसलन ये कब्ज, वजन कम करने और हाइपरटेंशन जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद रहता है।

ज्वार का आटा

ज्वार ग्लूटेन फ्री होता है। इसमें फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, विटामिन, मिनरल्स और कई सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता हैं। ज्वार हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। ज्वार मोटापा, स्ट्रोक, हाई बीपी, हृदय रोग, मधुमेह और पाचन समस्याओं के जोखिम को भी कम करता है।

जौ का आटा

जौ में कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वस्थ जीवन जीने में मदद करते हैं। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम और फोस्फोरस जैसे कई मिनरल्स शामिल होते हैं। साथ ही, यह विटामिन सी, थियामिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन जैसे कई विटामिनों का एक बेहतरीन स्रोत है।

सोया का आटा

सोयाबीन का आटा भी ग्लूटेन फ्री होता है। सोयाबीन में फाइटोएस्ट्रोजेन्स पाए जाते हैं, जो हड्डियों को कमजोर होने से बचा सकते हैं। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण सूजन और हृदय रोग को रोकने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।

रागी का आटा

यह फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। रागी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है और यह प्रभाव सूजन से जुड़ी समस्याओं (जैसे मधुमेह, गठिया, एलर्जी, हृदय रोग आदि) के लिए उपयोगी हो सकता है।

ओट्स का आटा

ओट्स ग्लूटेन फ्री है और इसे आसानी से पचाया जा सकता है। इसके अंदर सॉल्यूबल फाइबर पाया जाता है, जो हमारी पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मददगार साबित होता है। इसमें विटामिन बी, एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, डायटरी फाइबर और मिनरल्स पाए जाते हैं जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

चावल का आटा

ग्लूटेन से संबंधित समस्याओं वाले लोगों को चावल के आटे से लाभ हो सकता है। यह लिवर के स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है क्योंकि इसमें कोलीन होता है, जो लिवर से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का परिवहन करता है।

गेहूं का आटा

गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट्स भरपूर मात्रा में होता है। यह कार्बोहाइड्रेट्स शरीर में ग्लूकोस के निर्माण में सहायक है। गेहूं के आटे का सेवन करने से ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

काले चने का आटा

शाकाहारी व्यक्ति के लिए चना बेहद ही फायदेमंद है। फैट कम होने के अलावा, इसमें विटामिन और मिनरल भी अच्छी मात्रा में होते हैं। इसमें मैग्नीशियम और फोलेट की मौजूदगी दिल से जुड़ी कई बीमारियों से बचाव करती है।

बाजरे का आटा

इसमें आयरन, जिंक, विटामिन बी3, विटामिन बी6 और विटामिन बी9 प्रचुर मात्रा में होता है। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व त्वचा की झुर्रियों को कम करते हैं और चेहरे पर चमक लाने का काम करते हैं।

मूंग दाल का आटा

मूंग दाल फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, इसके सेवन से हंगर हार्मोन प्रभावित होता है, जो भूख को नियंत्रित करता है। इसमें सेहत के लिए जरूरी फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक एसिड, कार्बनिक एसिड, अमीनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड जैसे पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है।

स्प्राउट्स का आटा

स्प्राउट्स का आटा बनाने के लिए आप अंकुरित साबुत अनाज, दालें, चना, बाजरा, गेंहू, जौ आदि का आटा लें सकते हैं। ये प्रोटीन, फाइबर और विटामिन-ए व सी का अच्छा स्रोत है।