Weight Loss Remedy: हमारी दादी माँ की बातें कभी किताबों में नहीं लिखी गईं, लेकिन उनका हर नुस्खा किसी आयुर्वेदिक ग्रंथ से कम नहीं था। उनकी हथेलियों से आती हल्दी की महक, किचन में रखे मसालों की खुशबू, और वो हर छोटी सी चीज़ सबमें एक अनकहा ज्ञान छुपा होता था।
जब भी कोई बीमार पड़ता या मन थका-थका सा लगता, दादी एक कटोरी लेकर कुछ मिलातीं और कहतीं ‘ले बेटा, पी ले, सब ठीक हो जाएगा।’ और सच में, सब ठीक भी हो जाता। वक़्त भले बदल गया हो, लेकिन उनके नुस्खों का असर आज भी वैसा ही है। खासकर जब बात आती है वज़न घटाने की, तो उनकी बातें आज की डाइट चार्ट्स और जिम शेड्यूल्स से कहीं ज़्यादा स्थायी और सरल लगती हैं।
तो चलिए, इस बार वजन घटाने के लिए महंगे सप्लीमेंट्स नहीं, बल्कि दादी माँ की पुरानी पोटली से कुछ देसी नुस्खे निकालते हैं जो आज भी उतने ही असरदार हैं, जितने पहले थे।
दिन की शुरुआत ऐसे करें

सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नींबू और एक चम्मच शहद मिलाकर पीने की सलाह दादी हमेशा देती थीं।
यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और शरीर को डिटॉक्स करता है। दिनभर की कैलोरी बर्निंग यहीं से शुरू हो जाती है।
जीरा पानी है पेट की चर्बी का दुश्मन
दादी के अनुसार, “जीरा ना सिर्फ खाना स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि पेट की चर्बी भी घटाता है!”
रातभर एक चम्मच जीरा पानी में भिगो दें। सुबह उसे उबालकर छान लें और खाली पेट पिएं। इससे डाइजेशन सुधरता है और फैट धीरे-धीरे कम होता है।
काली मिर्च और शहद.. छोटी चीज़, बड़ा असर
एक चुटकी काली मिर्च पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाने से भूख कम लगती है और मेटाबॉलिज्म तेज़ होता है।
दादी इसे “घरेलू फैट कट्टर” कहती थीं और सच में ये छोटे-छोटे उपाय बड़ा असर दिखाते हैं।
दूध में हल्दी

हल्दी वाला दूध ना सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाता है, बल्कि वजन घटाने में भी मदद करता है। हल्दी शरीर की सूजन कम करती है और मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाती है। अगर रात को खाने के बाद मीठा खाने का मन हो, तो एक कप हल्दी दूध एक हेल्दी ऑप्शन है।
तुलसी और अदरक की चाय से पेट की सफाई और फैट बर्न
दादी की स्पेशल चाय- तुलसी के पत्ते, अदरक, और थोड़ा सा दालचीनी मिलाकर उबालें।
ये चाय शरीर से टॉक्सिन्स निकालती है, भूख कंट्रोल करती है और वजन घटाने में हेल्प करती है।
सादा खाना, सही समय पर खाना

दादी हमेशा कहती थीं “खाना भूख से थोड़ा कम खाओ और वक्त पर खाओ।” ना देर रात खाना, ना बार-बार स्नैकिंग। उनका सिंपल फंडा था “पेट को आराम दो, शरीर खुद हेल्दी रहेगा।”
घर का काम भी एक्सरसाइज़ है
दादी के ज़माने में जिम नहीं थे, लेकिन फिर भी वो फिट रहती थीं। सीढ़ियाँ चढ़ना, झाड़ू-पोंछा लगाना, बागवानी करना ये सब उनकी एक्सरसाइज़ थी। हर दिन 20-30 मिनट की हल्की फुल्की एक्टिविटी वज़न घटाने में कमाल कर सकती है।

दादी के नुस्खों में एक बात और खास थी वो कभी जल्दीबाज़ी नहीं करती थीं। उनका विश्वास था कि शरीर का ख्याल प्यार से रखा जाए, तो वो खुद ठीक हो जाता है।
तो अगली बार जब वज़न घटाने की सोचें, तो सिर्फ इंस्टाग्राम ट्रेंड्स ही नहीं, थोड़ा दादी माँ वाला देसी ज्ञान भी अपनाएं। शायद वही असली “फिटनेस गुरु” हैं जिनकी हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
