हृदय की बीमारियों में आपके हृदय को प्रभावित करने वाली स्थिति की एक रेंज शामिल हैं। दिल्ली में अपोलो इंद्रप्रस्थ अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में कन्सल्टेंट डॉ. एस. के. गुप्ता के अनुसार ब्लड वेसेल्स (रक्त वाहिकाओं) में ब्लॉक के कारण हृदय की बीमारी के लक्षण (एथ्रोस्लेरोटिक डिजीज) इस प्रकार हैं-

सीने में दर्द (एनजाइना)

सांस फूलना, दर्द, सुन्न होना, कमजोरी या आपके पैरो अथवा बांह में ठंडापन, अगर शरीर के इन हिस्सों की रक्त कोशिकाएं संकरी हैं। गर्दन, जबड़े में, गले के अंदर, पेट के ऊपरे हिस्से या पीठ में दर्द।

हृदय के असामान्य धड़कन (हार्ट एरिथमिआस) के लक्षण
हार्ट एरिथमिआ हृदय की असामान्य धड़कन है। आपका हृदय बहुत तेजी, बहुत धीरे या अनियमित ढंग से धड़क सकता है। हार्ट एरिथमिया के लक्षण में शामिल हो सकते हैं :

  • आपके सीने में घबराहट
  • रेसिंग हार्टबीट (टैकीकार्डिया)
  • स्लो हार्टबीच (ब्रैडीकार्डिया)
  • सीने में दर्द या असुविधा
  • सांस फूलना
  • सर हल्का लगना
  • चक्कर आना
  • बेहोश होना (सिनकोप) या लगभग बेहोश होना

हृदय की खराबी के कारण हृदय की बीमारी के लक्षण
गंभीर जन्मजात हृदय की खराबी — आपका जन्म जिन खराबियों के साथ हुआ था — आमतौर पर जन्म के तुरंत बाद स्पष्ट हो जाता है। बच्चों में हृदय की खराबी में निम्नलिखित शामिल हो सकता है :

  • गाढ़ा भूरा या त्वचा का नीला रंग (सायनोसिस)
  • पैरों, पेट या आंखों के आस-पास सूजना
  • नवजात शिशु में दूध पिलाने के समय सांस फूलना और इस कारण उसका वजन न बढ़ना.

हृदय की कमजोर मांसपेशियों की बीमारी के लक्षण (डिलेटेड कार्डियोमायोपैथी)
कार्डियोमायोपैथी हृदय की मांसपेशी का मोटा या कमजोर होना है। कार्डियोमायोपैथी के शुरुआती चरण में मुमकिन है आपमें कोई लक्षण ना हो। जैसे-जैसे स्थिति खराब होती लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकता है :
थकान के साथ सांस लेने में असुविधा या आराम करते हुए भी सांस लेने में असुविधा, पैरों, एड़ियों और पांवों में सूजन, थकान
अनियमित धड़कन जो द्रुत, आघात करने या घबराहट जैसा लगता है
चक्कर आना, सिर हल्का लगना और बेहोश हो जाना।

हृदय में संक्रमण के कारण हृदय की बीमारी के लक्षण
हृदय संक्रमण तीन तरह के होते हैं : 

पेरीकार्डिटिस, जो हृदय के आस-पास के टिश्यू को प्रभावित करता है (पेरीकार्डियम)
मायोकार्डिटिस, जो हृदय की दीवार की मसकुलर मिडिल लेयर को प्रभावित करता है
एंडोकार्डिटिस जो इनर मेमब्रेन को प्रभावित करता है। यह हृदय के चैम्बर्स और वॉल्व (एंडोकार्डियम) को अलग करता है। (एंडोकार्डियम)
हर तरह के संक्रमण में थोड़ा बदलते हुए हृदय संक्रमण के लक्षण में निम्नलिखित हो सकता है :

  • बुखार
  • सांस फूलना
  • कमजोरी या थकाना
  • आपके पैरों या पेट में सूजन
  • आपके हृदय की धड़कन में बदलाव
  • सूखी या लंबे समय तक खांसी
  • त्वचा में लाली या असामान्य निशान

वलवुलर हार्ट डिजीज के कारण हृदय की बीमारी के लक्षण
हृदय में चार वॉल्व होते हैं — दि एओर्टिक, मितरल, पलमोनरी और ट्राईकुसपिड वॉल्व — जो खुलते और बंद होते हैं ताकि आपके हृदय के जरिए खून के प्रवाह को निर्देशित कर सकें। वॉल्व भिन्न कारणों से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इससे संकरा होना (स्टेनोसिस), लीक करना (रीगरगिटेशन या अपर्याप्तता) या अनुपयुक्त ढंग से बंदी (प्रोलैप्स) हो सकता है।
इस बात पर निर्भर कि कौन सा वॉल्व ठीक से काम नहीं कर रहा है, वलवुलर हार्ट डिजीज में आमतौर पर निम्नलिखित शामिल होते हैं :

  • थकान
  • सांस फूलना
  • अनियमित धड़कन
  • सूजे हुए पैर या एड़ियां
  • सीने में दर्द
  • बेहोश होना (सिनकोप)

हृदय की बीमारी के ये लक्षण हों तो आपात चिकित्सा सहायता तलाशें :

  • सीने में दर्द
  • सांस फूलना
  • बेहोशी

हृदय की बीमारी का पता समय रहते चल जाए तो उपचार आसान होता है। इसलिए, अपने हृदय स्वास्थ्य से संबंधित अपनी चिन्ता के बारे में डॉक्टर से चर्चा कीजिए। अगर आपको हृदय की बीमारी होने की चिन्ता है तो अपने डॉक्टर से बात कीजिए कि आप हृदय की बीमारी के अपने जोखिम को कम करने के लिए कौन से कदम उठा सकते हैं। यह खासतौर से महत्वपूर्ण है अगर आपके परिवार में हृदय की बीमारी का इतिहास है।

(अपोलो इंद्रप्रस्थ अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में कन्सल्टेंट डॉ. एस. के. गुप्ता से बातचीत पर आधारित)