Appliance Problems: चाहे किचन एप्लाइंसेज हो या होम एप्लाइंसेज, हमारी जिंदगी में इनकी भूमिका अहम है। इस्तेमाल के दौरान इनमें उत्पन्न होने वाली कई ऐसी समस्याएं होती हैं, जिनका समाधान स्वयं किया जा सकता है। जैसे-
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रेफ्रिजरेटर
रेफ्रिजरेटर भारतीय रसोई की सबसे पहली जरूरत बन चुकी है। लगातार 24 घंटे फ्रिज चलने की वजह से तथा अन्य कारणों से एक समय के बाद फ्रिज में कई समस्याएं आने लगती है, जैसे- कूलिंग का कम या बंद हो जाना। इसके पीछे कई कारण होते हैं। फ्रिज की कूलिंग को सही बनाए रखने के लिए उसे दीवार से सटाकर न रखें। फ्रिज को हर तरफ से दीवार से कम-से-कम 5-8 इंच की दूरी पर रखना चाहिए। इससे कंप्रेसर की गर्म हवा दीवार से टकरा कर वापस कंप्रेसर तक नहीं पहुंचती और फ्रिज के टेंपरेचर में उतार-चढ़ाव नहीं होता। इसके अलावा महीने में एक बार फ्रिज को 1 घंटे के लिए बंद कर दें और फिर उसका गेट खोल दें।
माइक्रोवेव

माइक्रोवेव भी अब अधिक घरों में मौजूद है। सोलो माइक्रोवेव, बेसिक माइक्रोवेव, माइक्रोवेव विद ग्रिल और माइक्रोवेव विद ओटीजी कई तरह के उपलब्ध होते हैं। इसका चुनाव लोगों को अपनी जरूरत के अनुरूप करना चाहिए। हमारी भारतीय रसोई के लिए कन्वेक्शन माइक्रोवेव ओवन ज्यादा प्रभावकारी होता है। इसमें हमारी सभी जरूरतें पूरी हो सकती हैं। लेकिन कई बार अचानक से माइक्रोवेव चलते-चलते बंद हो जाता है या उसमें ब्लास्ट हो जाता है। इसके पीछे कई वजह होती है। ब्लास्ट यानी चिंगारी उत्पन्न होने के कारण गलत बर्तन का इस्तेमाल भी हो सकता है। इसके अलावा
खाना पकाने के लिए माइक्रोवेव सेफ ग्लास या सिरामिक बर्तन का उपयोग करें। फ्रोजन फूड को नॉर्मल टेंपरेचर में आने के बाद ही बंद करें। पोर्सलीन के बर्तनों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। ग्रिल या कन्वेक्शन मोड में ही मेटल के बर्तन का इस्तेमाल करें।
माइक्रोवेव लंबे समय तक चले। इसके लिए उसे समय-समय पर साफ करते रहें। माइक्रोवेव में सुरक्षित मैटीरियल का इस्तेमाल न करने से आग लगने का खतरा हो सकता है। माइक्रोवेव का दरवाजा हमेशा धीरे से बंद करें। माइक्रोवेव ओवन को कभी खाली ऑपरेट न करें। खुद से किसी पार्ट के मरम्मत की कोशिश न करें।
कुछ भी बेक, ग्रिल या टोस्टिंग से पहले माइक्रोवेव को उचित तापमान में प्री हीट करें।
अक्सर लोग प्री-हीट नहीं करते हैं। इसी तरह खाना पक जाने और पॉवर ऑफ करने के बाद उसे तुरंत माइक्रोवेव से ना निकालें। खाने को अंदर के तापमान में 5 मिनट के लिए रहने दें फिर निकालें। इसमें हमेशा माइक्रोवेव सेफ बर्तन का इस्तेमाल करें। इसके अलावा इसमें सिल्वर फॉइल का इस्तेमाल न करें। इसके लिए बाजार में अलग से बेकिंग पेपर उपलब्ध हैं। माइक्रोवेव की नियमित साफ-सफाई भी जरूरी है।
वॉशिंग मशीन

वाशिंग मशीन आजकल हर घर की जरूरत बन चुकी है। कई बार ऐसा होता है कि मशीन चलते- चलते बंद हो जाती है। इसकी वजह कई बार ओवरलोड कपड़े भी होते हैं। मशीन में कपड़ों को डालने का भी एक तरीका होता है। आपके मशीन की जितनी वॉशिंग टब की कैपेसिटी है उसके अनुरूप उससे थोड़ा कम ही कपड़े डालें। कपड़े हमेशा एक-एक और अलग कर के डालें। जैसे कि बड़े कपड़े सब से पहले फिर उनसे छोटे और फिर उनसे छोटे। यदि कपड़ों को मशीन में ज्यादा भर देंगे तो मोटर बैठ जाएगी और मशीन रुक जाएगी। इसके अलावा कपड़े आपस में उलझ जाएंगे और फिर जिस समय मशीन स्पंज करती है, तो उन के फटने और मशीन में एरर आ कर रुक जाने की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है। इसके अलावा हर मशीन की डिटर्जंेट लेने की अपनी क्षमता होती है, इसलिए अगर मशीन में 1 ढक्कन डिटर्जंेट डालने के लिए लिखा है, तो उतना ही डालें।
वैक्यूम क्लीनर

घर के कोनों और फर्नीचर में जमी धूल को साफ करने में वैक्यूम क्लीनर की भूमिका महत्वपूर्ण है। ये काम को आसान बनाने के साथ समय भी बचाता है। इसके सही इस्तेमाल के लिए जरूरी है कि आप वैक्यूम क्लीनर के ऑपरेटिंग सिस्टम और सेफ्टी प्वाइंट्स को समझें। अगर वैक्यूम क्लीनर के एयर कंप्रेसर में प्रॉब्लम आ रही है तो सबसे पहले उसका फिल्टर चैक करें, इसलिए जब क्लीनिंग प्रोसेस कम्प्लीट हो जाए, तब डस्ट कप एवं फिल्टर को अच्छी तरह सुखाएं। ये पार्ट केवल पानी से साफ करना चाहिए और एयर ड्राई करना चाहिए। इसके डस्ट बैग को नियमित रूप से खाली करें या बदलें।
