अपनाएं पर्यावरण के अनुकूल फैशन: Eco Friendly Fashion
Eco Friendly Fashion

Eco Friendly Fashion: आज के समय में जब बच्चे से लेकर बूढ़ा व्यक्ति तक फैशनेबल और स्टाइलिश दिखना चाहता है तो ऐसे में एक फैशन डिजाइनर के पास करने के लिए काफी कुछ है। वह अपनी रचनात्मकता और सोच को एक बेहद ही अलग तरह से दुनिया के सामने रख सकता है। हालांकि, फैशन का मतलब सिर्फ अच्छे डिजाइन बनाना और उसे साकार करना ही नहीं होता है। बल्कि आप अपने काम को कितनी जिम्मेदारी से निभाते हैं, यह भी अहम् है। अगर एक सस्टेनेबल ब्रांड के रूप में खुद को विकसित करना है तो जरूरी है कि डिजाइनर पर्यावरण की ओर भी उतना ही ध्यान दें। शिल्पी गुप्ता डिजाइन की संस्थापक और डीआईए आईएमएस संस्थान की अध्यक्ष शिल्पी जी का कुछ ऐसा ही मानना है। पर्यावरण का ध्यान रखते हुए खुद को फैशनेबल बनाने के लिए आप उनके द्वारा दिए गए टिप्स को अपना सकते हैं।

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कपड़े का सही इस्तेमाल

Eco Friendly Fashion
Eco Friendly Fashion by Shilpi Gupta

आज के समय आर्गेनिक टेक्सटाइल का बाजार काफी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में एक टिकाऊ ब्रांड या टिकाऊ फैशन के लिए जरूरी है कि पर्यावरण को बिल्कुल भी नजरअंदाज ना किया जाए। ऐसे कपड़े डिजाइन किए जाएं, जिन्हें अलग-अलग लुक में दोबारा पहना जा सके। इतना ही नहीं, सस्टेनेबल फैशन का उद्देश्य यही होना चाहिए कि उसका पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव ना हो, जिससे आज के ग्राहकों की मांग को पूरा करने के साथ-साथ भावी पीढ़ियों की आवश्यकताओं का भी ख्याल रखा जा सके। डिजाइनरों को अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों को पहचानना और उनकी रक्षा करने की कोशिश करनी चाहिए।

डिजाइनर और ग्राहक बनें जिम्मेदार

पर्यावरण की सुरक्षा करने के लिए डिजाइनर और कस्टमर दोनों का जिम्मेदार होना बेहद जरूरी है। जहां इस सेक्टर में नैतिक व्यवहार को प्रोत्साहित करना चाहिए, कचरे में कटौती करनी चाहिए। साथ ही साथ, फैशन उत्पादन की सामाजिक और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ाना चाहिए। वहीं ग्राहक को भी आउटफिट खरीदते समय उसके फैब्रिक पर ध्यान देना चाहिए। उन्हें कॉर्क भांग, आर्गेनिक कॉटन, रिजेनरेटेड कॉटन और लिनन जैसे मैटीरियल का चयन करना चाहिए। इसके अलावा, पर्यावरण के अनुकूल सामग्री से बने डेनिम और कपड़े खरीदे जा सकते हैं। सर्दियों के दौरान गर्म स्वेटर खरीदते समय ग्राहकों को ऊन या अल्पाका पर ध्यान देना चाहिए। इस तरह के फैब्रिक वेस्टेज में कटौती करते हैं और पर्यावरण की दृष्टि से भी इन्हें अच्छा माना जाता है।

पर्यावरण मुक्त फैशन

अगर फैशन के साथ-साथ एनवायरनमेंट का भी ख्याल रखना है तो ऐसे में सर्कुलर फैशन का फंडा अपनाना सबसे अच्छा रहता है। इसमें ऐसे कपड़े तैयार किए जाते हैं, जिन्हें दोबारा इस्तेमाल किया जा सके या फिर अन्य तरीकों से काम में लाया जा सके। पर्यावरण अनुकूल टेक्सटाइल्स का इस्तेमाल करके और जीरो-वेस्ट डिजाइन के जरिए कपड़े के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है।

ग्राहकों को शिक्षित करना भी जरूरी

सस्टेनेबल इको-सिस्टम फैशन के लिए जरूरी है कि ग्राहकों को भी इसके बारे में थोड़ा ज्ञान दिया जाए। ग्राहकों को अच्छी क्वालिटी के मैटीरियल और कपड़ों की देखभाल के बारे में शिक्षित किया जाना जरूरी है। शिल्पी गुप्ता का स्टोर अपने ग्राहकों की सहायता के लिए ऐसा करता है। इसके अतिरिक्त, वे अपने सोशल मीडिया खातों के लिए ऐसी सामग्री तैयार करते हैं जो उनके फॉलोअर्स को सस्टेनेबल विकल्प के बारे में सूचित करती है।

वेस्ट को कम करने का तरीका

फैशन में सस्टेनेबिलिटी बनाए रखने के लिए वेस्ट को कम करना बेहद जरूरी है। इसलिए, डिजाइन से जुड़ी ऐसी रणनीति अपनानी चाहिए, जिसमें कटिंग के दौरान जीरो वेस्टेज हो। साथ ही साथ, इनवेंटरी मैनेजमेंट को लेकर भी अपडेट होना जरूरी है। हमेशा सीमित मात्रा में ही उत्पादन किया जाना चाहिए।

ट्रेडिशनल और कंटेपरेरी फैशन को ऐसे करें ब्लेंड

हमेशा ब्रांड्स को ईको-फ्रेंडली टेक्सटाइल्स पर जोर देना चाहिए जो ट्रेडिशनल क्वालिटी वाली कारीगरी को दर्शाती हो। स्थानीय कारीगर, जो आधुनिक और पारंपरिक दोनों पहलुओं से वाकिफ हैं, उन्हें डिजाइनिंग और प्रोडक्शन प्रोसेस में जरूर शामिल किया जाना चाहिए। किसी भी खास डिजाइन बनाने के लिए, ऐसे मैटीरियल को चुनना चाहिए, जो उस शहर की आत्मा का प्रतिनिधित्व करती हों और जिनमें ऐसे रंग शामिल हों जिनका विशेष अर्थ हो।