रिश्‍तों और सपनों के बीच युवाओं का अलग रूप दर्शाती ‘यारियां 2’: Yaariyan 2 Review
Yaariyan 2 Review

Yaariyan 2 Review: आज की भागमभाग भरी जिंदगी में रिश्‍तों में जहां कमियां तलाशने वालों की कमी नहीं है। वहीं ‘यारियां 2’ भाई बहन के बंधन और प्‍यार की मीठी कहानी लेकर आई है। हर किसी ने जिस मिठास का बचपन में महसूस किया बड़े होते होते जीवन की भागदौड़ में भूल जाते हैं। फिल्‍म में इस अहसास को पर्दे पर उकेरना का मेकर्स ने अच्‍छा प्रयास किया है। दिव्‍या खोसला कुमार, मिजान जाफरी और बजरंग दास खत्री की ‘यारियां 2’ सिनमाघरों में रिलीज हो गई है। आइए जानते हैं क्‍या खास है इस बार की यारियां में।

तीन कजिन्‍स की कहानी

‘यारियां 2’ फिल्‍म की कहानी तीन कजिन्‍स की जिंदगी पर आधारित है। लाडली छिब्बड़ (दिव्या खोसला कुमार), शिखर रंधावा (मिजान जाफरी), और बजरंग दास खत्री (पर्ल वी.पुरी) की जिंदगी में उतार चढ़ाव के साथ इनके रिश्‍तों को फिल्‍म में दिखाया गया है। शादीशुदा लाडली के जिंदगी में कई परेशानियां हैं। उसकी और पति अभय (यशदास गुप्‍ता) के बीच कुछ न कुछ परेशानियां रहती हैं। वहीं शिखर अपने कैरिअर और पैशन के बीच की जद्दोजहद से गुजर रहा है। बजरंग दास को जीवन में प्‍यार की वजह से परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। उसका दिल टूट जाता है। तीनों भाई बहन अपने जीवन में परेशानियों से जूझ रहे हैं लेकिन परिस्‍थतिवश जब एक दूसरे से मिलते हैं तो एक दूसरे की ताकत बनने की कोशिश करते हैं। तीनों के बीच प्‍यार और एक दूसरे की केयर पहले जैसी ही है। वे एक दूसरे के जीवन की समस्‍याओं को सुलाझाने की कोशिश करते हैं। क्‍या तीनों भाई बहन एक दूसरे के साथ समस्‍याओं का हल निकाल पाएंगे। क्‍या वो खुशियों से वापस जीवन को भर पाएंगे। इसे जानने के लिए सिनेमाघरों में फिल्‍म देखने जाना होगा।

बात अभिनय की

फिल्‍म में दिव्‍या खोसला कुमार ने लाडली का किरदार बखूबी निभाया है। एक पंजाबी लड़की का बड़े शहर में मैच्‍योर किरदार में दिव्‍या का अभिनय सराहनीय है। मिजान जाफरी ने भी अपने किरदार के साथ न्‍याय किया है। ये कहना गलत नहीं होगा कि दिव्‍या और मिजान ने ही फिल्‍म की कमान संभाली है। पर्ल वी पुरी का काम भी ठीक ठीक रहा है। वहीं यशदास गुप्‍ता की अदाकारी कहीं कहीं ढीली नजर आई है।

फिल्‍म से जुड़े तकनीकी पक्ष

‘यारियां 2’ साउथ की बैगलोर डेज का हिंदी रिमेक है। इसका निर्देशन राधिका राव और विनय सप्रू ने किया है। फिल्‍म की कहानी मुहम्‍मद आसिफ अली ने लिखी है। फिल्‍म को यूथ के हिसाब से बनाने में निर्देशक ने अच्‍छा काम किया है। लेकिन फिलम की कहानी थोड़ी बिखरी हुई लगती है। फर्स्‍ट हाफ कुछ लम्‍बा खिंचा हुआ महसूस हो सकता है। सेकंड हॉफ में फिल्‍म रफ्तार में आती है। इसके इमोशनल सीन्‍स प्रभावशाली हैं।

फिल्‍म का संगीत अच्‍छा है। युवाओं और डांस नम्‍बर्स के हिसाब से कुछ पंजाबी गाने हैं। टीसीरीज की फिल्‍म में अच्‍छे गाने तो होना बनता ही है। वहीं अरिजीत और जुबिन नौटियाल की आवाज में ‘ऊंची ऊंची दीवारें’ और ‘बेवफा तू’ सुनने में अच्‍छे लग रहे हैं।

क्‍यों देखें

आज के समय में परिवार और रिश्‍तों पर कम ही कहांनियां देखने को मिलती हैं। यारियां 2 युवाओं के नजरिए और रिश्‍तों में उनकी अपनी समझ को दर्शाने वाली फिल्‍म है। पारिवारिक फिल्‍मों को पसंद करने वाले और जीवन में प्‍यार और भाई बहन के बंधन पर आधारित इस  कहानी को एक बार देखना तो बनता है।