कौन है जय श्री बर्मन, जिन्होंने किया राधिका मर्चेंट के रिसेप्शन के लहंगे को हाथ से पेंट: Radhika Merchant Reception Lehenga
Radhika Merchant Reception Lehenga

Radhika Merchant Reception Lehenga: अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रही है। शादी की सबसे बड़ी हाइलाइट्स में से एक राधिका मर्चेंट का हाथ से पेंट किया हुआ लहंगा था, जिसे उन्होंने मिसेज राधिका अंबानी के तौर पर अपने रिसेप्शन में पहना था। राधिका के लहंगे को एक फेमस भारतीय कलाकार जयश्री बर्मन ने हाथ से पेंट किया था। वह एक लोकप्रिय भारतीय चित्रकार और मूर्तिकार हैं, जो अपनी कला के विभिन्न रूपों जैसे लोक कला और क्लासिक कला के मिश्रण के उपयोग करने के लिए जानी जाती हैं।

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राधिका मर्चेंट ने दुल्हन के रूप में कई खूबसूरत और यादगार लुक केरी किए। लेकिन उनके हाथ से पेंट किए गए लहंगे ने सबको चौका दिया। इसे डिज़ाइनर जोड़ी, अबू जानी और संदीप खोसला के सहयोग से बनाया गया था, जिन्होंने दुल्हन के लिए कई अन्य लुक डिज़ाइन किए थे। हाथ से पेंट किया गया गुलाबी रंग का लहंगा फैशन और ललित कला का मिश्रण है। लहंगे में 12 हाथ से पेंट किए गए पैनल थे। डिज़ाइन में पौराणिक सौंदर्यशास्त्र के तीन महत्वपूर्ण तत्व शामिल थे।

एक इंटरव्यू में जय श्री बर्मन ने बताया कि इस काम में पूरे एक महीने का समय लगा। जयश्री ने दिल्ली में अपने स्टूडियो में बिना किसी स्केच के 15-16 घंटे काम किया। उन्हें डिजाइनर जोड़ी अबू जानी और संदीप खोसला और स्टाइलिस्ट रिया कपूर से पूरी स्वतंत्रता मिली। जयश्री का मुख्य उद्देश्य लंहगे के इर्द-गिर्द कुछ ऐसा बनाना था जो उसमे आशावाद और उम्मीद लाए।

जयश्री बर्मन का जन्म कोलकाता में हुआ था, जो दुनिया के कुछ सबसे उल्लेखनीय कलाकारों और साहित्यिक लोगों का घर है। उनका जन्म 21 अक्टूबर, 1960 को हुआ था और अभी वह नई दिल्ली में रहती हैं। जय श्री बर्मन ने 1977 से 1979 तक शांतिनिकेतन के कला भवन में अपनी शिक्षा प्राप्त की। अपनी आगे की पढ़ाई के लिए, जयश्री ने कोलकाता के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ आर्ट एंड क्राफ्ट में पेंटिंग में मास्टर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री पूरी की। जयश्री सीखती रहीं और अपने जुनून में महारत हासिल करने के लिए विदेश चली गईं। उन्होंने पॉल लिंगरेन द्वारा आयोजित ग्राफिक आर्ट वर्कशॉप में भाग लिया और पेरिस में प्रिंटमेकिंग का कोर्स किया।

जयश्री का काम 1983 से ही प्रदर्शनियों का हिस्सा रहा है। उनका काम भारत और विदेशों में कई प्रदर्शनियों में दिखाया गया है। उन्होंने अपने काम को दिखाने के लिए कई खुद की प्रदर्शनियाँ भी आयोजित की हैं। 2023 में, उन्होंने मुंबई में एक धरा नाम की प्रदर्शनी , आर्ट म्यूज़िंग्स की मेजबानी की। 1984 में, उन्होंने अपनी पेंटिंग ‘जेली’ के लिए राष्ट्रीय अकादमी पुरस्कार जीता था।

जयश्री की कलाकृति में सबसे बड़ी खासियत प्रकृति, देवी-देवताओं का इस्तेमाल है। वह अपने कैनवास पर नारीवादी तत्वो के प्रभाव के साथ लोक, मिथक, प्रकृति और पौराणिक कथाओं के तत्वों को एक साथ लाने की कोशिश करती है। इसके अलावा, य़ह अपनी पेंटिंग बनाने के लिए वाटर कलर, स्याही, चारकोल और ऐक्रेलिक का उपयोग करती है।