Transgender Roles in Movies: सिनेमा समाज के हर हिस्से को दर्शाने में निपुण है। वो समाज के हर वर्ग , जाति और धर्म के जीवन की झलक पेश करता आया है। इस कोशिश से दर्शक एक नए जीवन से परिचित होते हैं। ये नई कहानियां कभी उन्हें झकझोर कर रख देती है तो कभी हौसले से भर देती है। ऐसी कई फिल्में हैं जिसमें किन्नरों की भूमिका को काबिल अभिनेताओं द्वारा दर्शाया गया है। उनके अभिनय को काफी सराहा गया है। बड़े पर्दे पर निभाए जाने वाले ये किरदार हर बार समाज को एक नई जिज्ञासा देते हैं। इसी से समाज में विकास और अधिकार की बात का जन्म होता है जो कि एक समृद्ध समाज के लिए ज़रूरी है। आज हम नज़र डालेंगे हिंदी सिनेमा के ऐसे 5 किन्नर किरदार पर जिनका मुकाबला अभी तक कोई नहीं कर सका है।
लज्जा शंकर पांडेय

1999 में आयी फिल्म ‘संघर्ष’ का ये दिल दहला देने वाला किरदार किसे याद नहीं। साड़ी पहने, बड़ी-बड़ी आँखें करके आशुतोष राणा जब भयानक आवाज़ निकालते हैं दिल दहल उठता है। पहली बार जो भी उन्हें देखे डरकर रह जाता है। फिल्म संघर्ष के इस किरदार का नाम होता है लज्जा शंकर पांडेय, अभिनेता आशुतोष राणा का अभिनय इतना कमाल है कि आज भी लोग उन्हें भूले नहीं हैं। भीगी साड़ी में आशुतोष जिस तरह अपने मुंह से डरावनी आवाज़ निकालते हैं इस दृश्य ने फिल्म को देखने के लिए कई दर्शकों को मजबूर किया है।
टीकू

1997 में आयी फिल्म ‘तमन्ना’ एक बेहद मार्मिक फिल्म है। इसमें परेश रावल का किरदार बेहद प्यारा है परेश जिस तरह कचरे में फेंकी गयी बच्ची की परवरिश करते हैं वो बहुत मार्मिक है। ये सकारात्मक किरदार आपके दिल में अपनी छाप छोड़ जाता है। फिल्म में परेश रावल का अभिनय बहुत पसंद किया गया था।
धीरज पाण्डेय

फिल्म मर्डर 2 2011 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म में अभिनेता प्रशांत नारायण ने एक किन्नर धीरज पांडेय का किरदर निभाया था। जिसे बेहद पसंद किया गया था। फिल्म बहुत हिट भी हुई थी। धीरज पांडेय का किरदार नकारात्मक किरदार था जिसे प्रशांत ने बखूबी निभाया। ये किरदार दर्शकों के दिल में जो डर पैदा करता है वो कमाल है। प्रशांत नारायण के अभिनय को काफी पसंद किया गया था।
शबनम मौसी

फिल्म ‘शबनम मौसी’ 2005 में रिलीज़ हुई थी जो कि सच्ची कहानी से प्रेरित फिल्म थी। एक किन्नर का राजनीति में महत्वपूर्ण कदम बेहद सराहनीय विषय था जिसपर फिल्म बनाई गयी थी। शबनम मौसी का किरदार आशुतोष राणा ने निभाया था जिसे दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किया गया था। ये सकारात्मक किरदार समाज में न जाने कितने ही लोगों के लिए प्रेरणा था और आज भी है।
महारानी

फिल्म ‘सड़क’ 1991 में रिलीज़ हुई थी। फिल्म में सदाशिव अमरापुरकर का अभिनय बेहद पसंद किया गया था। फिल्म में सदाशिव ने ‘महारानी’ नाम की एक किन्नर का किरदार निभाया है जो कि वैश्यावृत्ति में संलग्न होती है। सदाशिव का ये किरदार काफी पसंद किया गया था। फिल्म काफी अच्छी चली थी।

