Arattai, a new messaging app from India, is creating a lot of buzz across the country. Designed to provide an alternative to WhatsApp, the app has quickly gained popularity thanks to its focus on privacy and local technology
Arattai, a new messaging app from India, is creating a lot of buzz across the country. Designed to provide an alternative to WhatsApp, the app has quickly gained popularity thanks to its focus on privacy and local technology

Summary: WhatsApp को टक्कर देने वाला भारत का नया Arattai ऐप

व्हाट्सएप की लोकप्रियता के बीच, भारत ने अब अपना खुद का मैसेजिंग ऐप लॉन्च किया है। इसका नाम है अरट्टई जो यूज़र्स को सुरक्षित और लोकल चैट एक्सपीरियंस देने का दावा करता है।

Arattai App: भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले सोशल ऐप्स में इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप शामिल हैं। व्हाट्सएप पर लोग अपनी फैमिली और दोस्तों से जुड़ने के लिए रोज़ाना चैट करते हैं। लेकिन अब विदेशी व्हाट्सएप को टक्कर देने के लिए एक देसी ऐप आया है, जिसका नाम अरट्टई है। यह ऐप खासतौर पर भारतीय यूज़र्स के लिए बनाया गया है। हाल ही में इसे भारत सरकार के कई मंत्रियों ने प्रमोट भी किया, जिससे इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। इतना ही नहीं, यह ऐप अब भारत के ऐप स्टोर पर सोशल नेटवर्किंग ऐप्स की लिस्ट में पहले नंबर पर आ गया है। चलिए जानते हैं कि इसे किसने बनाया है और यह क्यों खास है।

Arattai, India’s new messaging app, is making waves nationwide. With its focus on privacy and local technology, it’s emerging as a strong alternative to WhatsApp.
Arattai app

अरट्टई ऐप बनाने वाले हैं श्रीधर वेम्बु, जो भारतीय बिजनेसमैन और टेक उद्योग के जाने-माने नाम हैं। वे Zoho कॉरपोरेशन के फाउंडर भी हैं। श्रीधर वेम्बु ने भारत के एक छोटे गांव से निकलकर एक ग्लोबल सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई और अब इसी कंपनी के जरिए उन्होंने व्हाट्सएप के मुकाबले के लिए अरट्टई ऐप डेवलप किया।

Shridhar Vembu completed his studies at Princeton University and worked in the tech industry in Silicon Valley, USA
Shridhar Vembu study

श्रीधर वेम्बु ने अपनी पढ़ाई प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से की और अमेरिका के सिलिकॉन वैली में टेक इंडस्ट्री में काम किया। वहां उन्हें अच्छी नौकरी और सफलता मिली, लेकिन उन्होंने भारत लौटने का फैसला किया। 2000 के दशक में वे तमिलनाडु के एक छोटे गांव में बस गए। उनका सपना था कि गांव से ही एक ऐसी कंपनी बनाई जाए जो वैश्विक स्तर पर नाम कमा सके।

Zoho कॉरपोरेशन की शुरुआत किसी बाहरी निवेश के बिना हुई। इसे ‘बूटस्ट्रैप्ड’ कंपनी कहा जाता है, यानी जो अपने खुद के कमाई और संसाधनों से विकसित हुई। शुरू में कंपनी का नाम एडवेंटनेट था, जिसे बाद में जोहो कॉरपोरेशन में बदल दिया गया। श्रीधर ने बिजनेस सॉफ्टवेयर बनाए, जो दुनिया के बड़े ब्रांड्स के साथ मुकाबला कर सकें। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने यह सब काम गांव से ही किया, किसी बड़े शहर या मेट्रो से नहीं।

श्रीधर वेम्बु ने गांव के युवाओं को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सिखाने के लिए कई अनोखे कदम उठाए। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में ट्रेनिंग प्रोग्राम और स्कूल शुरू किए, ताकि युवाओं को Zoho में नौकरी मिल सके। उनका मानना था कि प्रतिभा सिर्फ बड़े शहरों या महंगे कॉलेजों में नहीं, बल्कि गांव में भी हो सकती है।

आज Zoho 50 से अधिक क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर बनाती है, जिनका इस्तेमाल दुनिया के 180 से ज्यादा देशों में 10 करोड़ से अधिक लोग कर रहे हैं। इसी कंपनी ने अब अरट्टई (Arattai) ऐप भी लॉन्च किया है। यह ऐप खासतौर पर भारत में डेटा सुरक्षा और स्थानीय तकनीक को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। सरकार और कई संस्थाएं इसे प्रमोट कर रही हैं, ताकि लोगों में स्वदेशी ऐप्स के प्रति पॉपुलैरिटी बढ़े।

स्वाति कुमारी एक अनुभवी डिजिटल कंटेंट क्रिएटर हैं, जो वर्तमान में गृहलक्ष्मी में फ्रीलांसर के रूप में काम कर रही हैं। चार वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली स्वाति को खासतौर पर लाइफस्टाइल विषयों पर लेखन में दक्षता हासिल है। खाली समय...