whatsapp traffic challan
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Summary: फैल रहा नया Fake Traffic Challan Scam: जानिए कैसे करें खुद को साइबर ठगों से सुरक्षित

साइबर अपराधियों ने अब लोगों को फंसाने का नया तरीका निकाला है व्हाट्सएप पर फेक ट्रैफिक चालान भेजकर UPI लिंक से पेमेंट करवाना। पुणे पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध लिंक या ऐप पर क्लिक न करने की सलाह दी है।

कुछ दिन पहले पुणे की एक महिला को व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिला,  “आपका ट्रैफिक चालान 1000 रुपये का बकाया है, तुरंत पेमेंट करें, नहीं तो लाइसेंस ब्लॉक कर दिया जाएगा।” मैसेज के साथ एक Traffic Fine.apk फाइल और एक UPI लिंक भी थी। घबराई हुई महिला ने क्लिक करने ही वाली थी कि तभी उसके बेटे ने ध्यान दिया कि लिंक किसी @okaxis आईडी से जुड़ा है, न कि सरकारी वेबसाइट से। उसने तुरंत रोक लिया और ऑनलाइन चेक किया। पता चला, ये तो फेक चालान था! ऐसे ही कई लोग अब इस नए स्कैम का शिकार बन रहे हैं।

Fake traffic challan scam alert
Fake traffic challan scam alert

पुणे सिटी ट्रैफिक पुलिस ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लोगों को चेतावनी दी है कि व्हाट्सएप पर फैल रहे फेक ट्रैफिक चालान मैसेज से सावधान रहें। साइबर अपराधी खुद को ट्रैफिक पुलिस बताकर लोगों को नकली चालान भेज रहे हैं और UPI लिंक या ऐप इंस्टॉल कराने के बहाने उनके बैंक अकाउंट तक पहुंच बना रहे हैं। पोस्ट में पुलिस ने लिखा, ‘किसी भी चालान लिंक पर क्लिक करने से पहले अच्छी तरह जांच लें कि वह असली है या नहीं।’

साइबर ठग बहुत चालाकी से सरकारी जैसी भाषा और फॉर्मेट में संदेश भेजते हैं, लेकिन कुछ संकेत ऐसे हैं जो आपको सतर्क कर सकते हैं:

अनजान नंबर से आए मैसेज

अगर नंबर सेव नहीं है या संदिग्ध लगता है, तो तुरंत ब्लॉक करें।

ऐप इंस्टॉल करने का मैसेज

जैसे “Traffic Fine.apk” या “RTO Challan” नाम की फाइलें – इन्हें कभी डाउनलोड न करें।

संदिग्ध UPI IDs

जैसे @okaxis, @paytm, @upi – ऐसे हैंडल्स से पेमेंट कभी न करें।

फर्जी वेबसाइट लिंक

असली सरकारी साइटें हमेशा .gov.in पर खत्म होती हैं।

किसी भी लिंक पर क्लिक न करें

अगर आपको किसी अनजान नंबर या ग्रुप से कोई “Traffic Fine”, “RTO Challan” या “Pending Payment” वाला लिंक मिलता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं। इन लिंक पर क्लिक करने से आपके मोबाइल में वायरस या स्पाइवेयर इंस्टॉल हो सकता है, जो आपकी बैंकिंग जानकारी, पासवर्ड और कॉन्टैक्ट्स चुरा सकता है।

कोई अनजान ऐप डाउनलोड न करें

अक्सर साइबर अपराधी TrafficFine.apk या RTO.apk जैसे नामों से ऐप भेजते हैं ताकि लगे कि यह सरकारी है। लेकिन असल में ये फेक ऐप होते हैं जो आपके फोन का डेटा हैक कर लेते हैं। किसी भी ऐसे ऐप को डाउनलोड न करें जो Google Play Store या Apple App Store पर उपलब्ध न हो।

भुगतान करने से पहले वेबसाइट की जांच करें

कई ठग सरकारी जैसी वेबसाइट बनाकर आपको पेमेंट के लिए प्रेरित करते हैं। असली ट्रैफिक चालान की जानकारी केवल parivahan.gov.in या आपके राज्य की ट्रैफिक पुलिस की ऑफिशियल वेबसाइट पर मिलती है। हमेशा वेबसाइट का URL ध्यान से देखें, वह .gov.in पर खत्म होना चाहिए।

scam
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केवल सरकारी पोर्टल या ऑफिशियल ऐप्स का इस्तेमाल करें

चालान या वाहन से जुड़ी जानकारी के लिए सिर्फ Parivahan Sewa, Traffic Police Portal या DigiLocker जैसे सरकारी ऐप्स का ही इस्तेमाल करें। ये सुरक्षित होते हैं और आपकी जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति तक नहीं पहुंचाते।

दोस्तों और परिवार को भी ऐसे संदेशों से सतर्क करें।

अगर आपको कोई फेक चालान मैसेज मिला है, तो उसे सिर्फ डिलीट न करें बल्कि अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और व्हाट्सएप ग्रुप्स में शेयर करें कि यह फेक है। जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। जितने लोग जानेंगे, उतना कम होगा ठगी का खतरा।

अगर आपके साथ ऐसा कोई मामला हो जाए, तो तुरंत कार्रवाई करें

कॉल करें 1930 पर या जाएं cybercrime.gov.in पर।

शिकायत दर्ज करें CHAKSHU Portal (sancharsaathi.gov.in) पर।

नज़दीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में जाकर FIR दर्ज कराएं और सबूत (स्क्रीनशॉट, चैट) जमा करें।

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...