Pic showing cyber crime
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Summary: साइबर ठगी से कैसे बचें? जानिए ऑनलाइन फ्रॉड के सबसे बड़े हथकंडे और बचाव के उपाय

डिजिटल युग में मनी म्यूल से लेकर KYC स्कैम तक साइबर ठग लोगों को अलग-अलग हथकंडों से निशाना बना रहे हैं। सतर्क रहकर और सही सुरक्षा उपाय अपनाकर ही हम अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकते हैं।

Online Fraud Prevention: आपके खाते से पैसे कट गए हैं…, खाता बंद होने वाला है, तुरंत केवाइसी करें…, स्टॉक लिमिटेड है, अभी पेमेंट करें…क्या आपने भी ऐसे मैसेज या कॉल सुने हैं? अगर हाँ, तो सावधान हो जाइए। ये कोई मददगार सूचना नहीं, बल्कि आपके पैसे लूटने का जाल है। आज के डिजिटल युग में साइबर ठग ऐसे हथकंडे अपनाते हैं कि एक पल की लापरवाही आपकी मेहनत की सालों की कमाई छीन सकती है।

मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन शॉपिंग और डिजिटल पेमेंट्स ने जहाँ जीवन आसान बनाया है, वहीं इन सुविधाओं के सहारे जालसाज़ अपनी चालबाज़ी को और तेज़ कर चुके हैं। ऐसे माहौल में सिर्फ एक हथियार आपकी सुरक्षा कर सकता है जागरूकता।

इसमें अपराधी आपको किसी का पैसा अपने खाते में लेने और किसी दूसरे खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं। पहली नज़र में यह सामान्य काम लगता है, लेकिन असल में आप अपराधियों की मनी लॉन्ड्रिंग प्रक्रिया का हिस्सा बन जाते हैं। बाद में कानूनी कार्रवाई सीधे आप पर भी हो सकती है।

सावधान कैसे रहें? – किसी अजनबी के लिए पैसे न लें और न ही भेजें। बैंक खाते का इस्तेमाल सिर्फ अपने व्यक्तिगत कामों के लिए ही करें।

ठग आपको कॉल करके कहते हैं कि “आपका खाता हैक हो गया है” या “रिफंड पाने के लिए यह ऐप डाउनलोड करें।” जैसे ही आप ऐप डाउनलोड करते हैं, आपके फोन का नियंत्रण उनके पास चला जाता है। वे आपके सारे मैसेज, ओटीपी और बैंकिंग डिटेल्स देख सकते हैं।

सावधान कैसे रहें? – किसी भी अनजान ऐप को डाउनलोड न करें और रिमोट एक्सेस देने से हमेशा बचें।

Online Fraud Prevention: Pic showing cyber fraud
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आपको मैसेज या ईमेल मिलेगा“केवाइसी अपडेट न करने पर खाता फ्रीज़ हो जाएगा।” घबराकर लोग तुरंत लिंक पर क्लिक करते हैं और अपनी पहचान संबंधी जानकारी साझा कर देते हैं। इसके बाद ठग आपके नाम पर फर्जी लेन-देन करते हैं।

सावधान कैसे रहें? – केवाइसी से जुड़े अपडेट्स केवल बैंक की आधिकारिक वेबसाइट या शाखा से ही करवाएँ।

इसमें आपको पार्सल या कुरियर डिलीवरी का मैसेज भेजा जाता है। उसमें पेमेंट लिंक दिया जाता है कि “डिलीवरी कन्फर्म करने के लिए ₹10 या ₹20 का भुगतान करें।” जैसे ही आप पेमेंट करते हैं, आपके खाते से हज़ारों रुपये गायब हो जाते हैं।

सावधान कैसे रहें? – किसी भी अज्ञात लिंक से पेमेंट न करें। डिलीवरी एजेंसी के असली नंबर या वेबसाइट से ही जानकारी लें।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अक्सर लिखा होता है“स्टॉक लिमिटेड है, तुरंत पेमेंट करें।” असल में ये नकली वेबसाइट्स या पेज होते हैं। पैसे कट जाते हैं, लेकिन प्रोडक्ट कभी नहीं मिलता।

सावधान कैसे रहें? – हमेशा भरोसेमंद और लोकप्रिय वेबसाइट्स से ही खरीदारी करें। अज्ञात साइट्स पर कार्ड डिटेल्स डालने से बचें।

“हमारे ग्रुप में शामिल होकर 10 दिन में पैसा दोगुना करें।” ऐसे मैसेज टेलीग्राम, व्हाट्सऐप या फेसबुक ग्रुप्स पर मिलते हैं। शुरुआत में छोटे-छोटे रिटर्न दिखाकर वे भरोसा जीतते हैं और बाद में बड़ी रकम लेकर गायब हो जाते हैं।

सावधान कैसे रहें? – कोई भी निवेश करने से पहले उसकी वैधता और कंपनी का रजिस्ट्रेशन चेक करें।

digital arrest
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इसमें ठग खुद को पुलिस, सीबीआई या इनकम टैक्स अफसर बताकर कॉल करते हैं। वे कहते हैं“आपके खिलाफ केस दर्ज है, तुरंत पैसे जमा करो वरना गिरफ्तार कर लेंगे।” डर के कारण लोग पैसे भेज देते हैं।

सावधान कैसे रहें? – असली एजेंसियां कभी फोन पर पैसे नहीं मांगतीं। ऐसे कॉल्स को तुरंत काटें।

विशिंग (Voice + Phishing) में ठग फोन कॉल करते हैं, जबकि स्मिशिंग (SMS + Phishing) में झूठे मैसेज भेजते हैं। इनमें लिखा होता है आपका कार्ड ब्लॉक हो जाएगा, तुरंत ओटीपी बताइए। जैसे ही आप जानकारी साझा करते हैं, आपके बैंक खाते से पैसे निकल जाते हैं।

सावधान कैसे रहें? – कभी भी कॉल या मैसेज पर अपनी गोपनीय जानकारी न दें। संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक न करें।

ओटीपी, पिन या पासवर्ड किसी से साझा न करें।

संदिग्ध लिंक या क्यूआर कोड्स पर भरोसा न करें।

किसी और के कहने पर कोई ऐप डाउनलोड न करें।

बैंकिंग सहायता के लिए केवल आधिकारिक नंबर और वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।

अगर आप किसी साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत http://cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन नंबर – 1930 पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कराएं।

सुविधा के साथ सुरक्षा भी जरूरी है। थोड़ी सी जागरूकता से आप ठगों के हर जाल से बच सकते हैं। याद रखिए“सोच-समझकर किया गया हर क्लिक, आपकी मेहनत की कमाई को बचा सकता है।”

सोनल शर्मा एक अनुभवी कंटेंट राइटर और पत्रकार हैं, जिन्हें डिजिटल मीडिया, प्रिंट और पीआर में 20 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने दैनिक भास्कर, पत्रिका, नईदुनिया-जागरण, टाइम्स ऑफ इंडिया और द हितवाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया...