Satish Shah in sara bhai
Satish Shah in sara bhai

Summary: दोबारा आया तो हिट हुआ था साराभाई

सतीश शाह ने साराभाई को अपने टीवी करियर की पहली असफलता कहा था, क्योंकि शुरुआत में कम टीआरपी के चलते शो बंद हो गया था। बाद में जब यह दोबारा चला, तो दर्शकों ने इसे बेहद पसंद किया।

Satish Shah First Failure: 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में सतीश शाह का निधन हो गया। उन्होंने अपने करियर में ऐसे कई यादगार किरदार निभाए जो दर्शकों के दिलों में हमेशा बसे रहेंगे। इनमें सबसे लोकप्रिय किरदार था उनका चतुर, व्यंग्यात्मक और बेहद मजेदार इंद्रवदन साराभाई। सतीश सीरियल साराभाई वर्सेज़ साराभाई से हर घर का नाम बन गए। यह शो कल्ट क्लासिक माना जाता है, जिसे दर्शक अक्सर “अपने समय से आगे” बताते हैं। दिलचस्प बात यह है कि जब यह पहली बार टीवी पर आया था, तब इसकी टीआरपी बहुत कम थी और यह सतीश शाह के करियर के सबसे कम सफल शोज में से एक था।

एक पुराने इंटरव्यू में सतीश शाह ने इसे अपने टीवी करियर की पहली असफलता बताया था। उन्होंने डीएनए को कहा था “हमने यह सीरियल साप्ताहिक (सप्ताह में एक बार) बनाया था। लेकिन उस समय इसका अधिक प्रचार नहीं हुआ। जब तक लोगों को पता चला कि यह एक अच्छा सीरियल है और उन्होंने देखना शुरू किया, तब तक कम टीआरपी के कारण इसे बंद कर दिया गया! यह मेरे करियर की पहली असफलता थी। मुझे बहुत बुरा लगा। बाद में जब शो को दोबारा डेली शो बनाकर चलाया गया, तब लोगों को यह बहुत पसंद आया। विडंबना यह है कि साराभाई वर्सेज साराभाई जब पहली बार आया, तब यह बहुत बड़ा फ्लॉप था। अगर ऐसा न होता, तो शायद आज भी चल रहा होता। यह वही शो था जिसके लिए मैंने अपनी फीस में भी समझौता किया था।”

शो की सबसे बड़ी खासियत थी माया और इंद्रवदन साराभाई की जोड़ी यानी रत्ना पाठक शाह और सतीश शाह की जुगलबंदी। दोनों की केमिस्ट्री इतनी स्वाभाविक थी क्योंकि उनके बीच पहले से ही एक व्यक्तिगत रिश्ता था। सतीश ने बताया था, “रत्नाजी की मां और मेरे पिता की छोटी बहन बहुत अच्छी दोस्त थीं। उनकी मां की शादी मेरे बुआ के घर हुई थी। उस समय हम दोनों एक्टिंग में नहीं थे, लेकिन एक-दूसरे को जानते थे। जब हम प्रोफेशनली मिले, तो तुरंत एक अच्छा तालमेल बन गया। उनका पति (नसीरुद्दीन शाह) मेरा सबसे अच्छा दोस्त है और मेरी पत्नी उनकी सबसे अच्छी दोस्त है। जब हम स्क्रीन पर आते थे, तो सच में पति-पत्नी की तरह लगते थे, वही असली केमिस्ट्री थी।”

Satish Shah
Satish Shah

शो के डायरेक्टर देवेन भोजानी (जो खुद भी इसमें नजर आए थे) ने एक इंटरव्यू में बताया था कि सतीश शाह ने साराभाई वर्सेज़ साराभाई करने की एक शर्त रखी थी कि वह शाम 6 बजे के बाद काम नहीं करेंगे। भोजानी ने कहा, “वो असल जिंदगी में भी बहुत शरारती थे। जब उन्होंने शो साइन किया, तो अधिक काम नहीं करना चाहते थे। इसलिए कहा कि वो सिर्फ शाम 6 बजे तक शूट करेंगे। हमने उनका शेड्यूल उसी हिसाब से बनाया। शुरू में 2-3 दिन उन्होंने सच में 6 बजे तक काम किया, लेकिन फिर उन्हें सेट पर इतना मजा आने लगा कि जब हम कहते कि अब पैकअप है, तो भी वो 9 बजे तक वहीं रहते, सबके साथ मस्ती करते रहते।”

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...