Overview: चार दशकों तक लोगों को हंसाने वाले सतीश शाह को श्रद्धांजलि देने की अपील
FWICE द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया यह पत्र केवल एक औपचारिक अनुरोध नहीं, बल्कि एक ऐसे कलाकार के प्रति आभार का प्रतीक है जिसने चार दशकों तक देश को हंसाया। सतीश शाह का नाम पद्म श्री जैसे सम्मान के योग्य है, क्योंकि उन्होंने मनोरंजन को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बना दिया।
Padma Shri To Satish Shah: भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के सबसे बहुमुखी हास्य कलाकारों में से एक सतीश शाह अब हमारे बीच नहीं रहे, लेकिन उनका हंसमुख चेहरा और बेहतरीन अभिनय आज भी हर दर्शक के दिल में ज़िंदा है। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर मरणोपरांत पद्म श्री सम्मान देने की मांग की है। यह पत्र सतीश शाह के चार दशकों के योगदान को सलाम करने का प्रतीक माना जा रहा है।
सतीश शाह- हंसी की विरासत छोड़ने वाले कलाकार
सतीश शाह ने अपने करियर की शुरुआत रंगमंच से की थी और जल्द ही वे टेलीविजन और फिल्मों में एक जाना-माना चेहरा बन गए। ‘ये जो है जिंदगी’, ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ और ‘जाने भी दो यारों’ जैसे शोज़ और फिल्मों में उनके किरदार आज भी अमर हैं। उनकी कॉमेडी में न केवल मनोरंजन था, बल्कि एक सूक्ष्म सामाजिक संदेश भी छिपा होता था।
FWICE की पहल – एक सच्चे कलाकार के सम्मान की मांग
FWICE ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि सतीश शाह ने भारतीय मनोरंजन जगत को अपनी हंसी और सहज अभिनय से समृद्ध किया। संगठन ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि सतीश शाह को मरणोपरांत पद्म श्री सम्मान देकर उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर यादगार बनाया जाए। उन्होंने लिखा कि यह पुरस्कार न केवल सतीश शाह की स्मृति को सम्मान देगा बल्कि हास्य अभिनय की परंपरा को भी सलाम करेगा।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में क्या कहा गया
पत्र में FWICE ने लिखा, “सतीश शाह भारतीय टेलीविजन और सिनेमा के ऐसे कलाकार थे जिन्होंने हंसी को एक कला के रूप में जीवित रखा। उन्होंने अपने अभिनय से पीढ़ियों को जोड़ दिया। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उन्हें मरणोपरांत पद्म श्री से सम्मानित किया जाए।”यह पत्र सोशल मीडिया पर भी चर्चा में है और कई फिल्म कलाकारों ने इस कदम का समर्थन किया है।
फिल्म इंडस्ट्री में शोक और गर्व दोनों की भावना
सतीश शाह के निधन के बाद फिल्म जगत में गहरा शोक छा गया था। रत्ना पाठक शाह, बोमन ईरानी और परेश रावल जैसे कलाकारों ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने न सिर्फ हंसाया बल्कि हर सेट पर सकारात्मकता फैलाई। कई सितारों ने FWICE की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि सतीश शाह को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना चाहिए।
दर्शकों का समर्थन
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैंस लगातार पोस्ट कर रहे हैं कि सतीश शाह ने भारतीय परिवारों को साथ बैठकर हंसने का कारण दिया। कई लोगों ने लिखा कि उनकी कॉमेडी हर उम्र के लोगों के लिए प्रेरणादायक थी। FWICE की इस अपील को दर्शकों का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है, लोग कह रहे हैं कि यह “उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि” होगी।
सतीश शाह की अमर विरासत
सतीश शाह ने कभी खुद को सिर्फ कॉमेडियन नहीं, बल्कि एक परफॉर्मर के रूप में देखा। वे हर किरदार में सादगी, संवेदनशीलता और वास्तविकता लाते थे। चाहे ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ का इंद्रवदन साराभाई हो या ‘जाने भी दो यारों’ का कमलेश्वर, उनके किरदार आज भी लोगों के ज़ेहन में बसते हैं। उनकी कला आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
