Sara Arfeen Khan Blast On Trolls
Sara Arfeen Khan Blast On Trolls

Overview: एक्ट्रेस सारा अर्फीन खान ने सोशल मीडिया पर मिल रही आलोचनाओं पर दिया करारा जवाब

सारा अर्फीन खान ने उन सभी को करारा जवाब दिया जिन्होंने उनके बच्चों के स्कूल न जाने को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने यह साबित किया कि परवरिश का कोई तयशुदा फॉर्मूला नहीं होता। हर मां अपने बच्चों को उनके हिसाब से गढ़ती है। सारा का संदेश साफ है — “मां होना आसान नहीं, लेकिन सही फैसले वही होते हैं जो दिल से लिए जाएं, न कि दुनिया की राय से।”

Sara Arfeen Khan Blast On Trolls : टीवी एक्ट्रेस और मोटिवेशनल स्पीकर सारा अर्फीन खान एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार किसी प्रोजेक्ट या शो की वजह से नहीं, बल्कि अपनी पेरेंटिंग स्टाइल को लेकर। हाल ही में सारा ने बताया कि उनके जुड़वां बच्चे अभी स्कूल नहीं जाते, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी परवरिश पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। ट्रोल्स के इन सवालों का सारा ने बड़ी शालीनता लेकिन सटीक जवाब दिया, जिसमें उन्होंने साफ कहा — “हर बच्चे की जरूरतें अलग होती हैं, और हर मां अपने तरीके से सही होती है।”

जब सारा की पेरेंटिंग पर उठे सवाल

सारा अर्फीन खान अपने बच्चों की परवरिश को लेकर हमेशा खुलकर बोलती रही हैं। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि उनके दोनों बच्चे फिलहाल स्कूल नहीं जाते क्योंकि वे उन्हें एक वैकल्पिक तरीके से शिक्षित कर रही हैं। बस इतना कहना था कि सोशल मीडिया पर लोग उनके खिलाफ बोलने लगे — किसी ने कहा कि वो बच्चों को “आज़ादी का गलत मतलब” सिखा रही हैं, तो किसी ने उनकी “मां होने की जिम्मेदारी” पर सवाल उठाया।

सारा का ट्रोल्स को जवाब

ट्रोल्स की बातों का जवाब देते हुए सारा ने कहा, “मेरे बच्चे स्कूल नहीं जाते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे सीख नहीं रहे। वे दुनिया से, लोगों से, अनुभवों से सीख रहे हैं। शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होती।” उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की सीखने की गति और रुचि हर किसी की अलग होती है, इसलिए किसी भी मां को उसकी पेरेंटिंग के आधार पर आंकना गलत है।

‘मॉम गिल्ट’ पर सारा की ईमानदार बात

सारा ने माना कि उन्हें भी कई बार समाज की बातें सुनकर “मॉम गिल्ट” होता है — यानी मां होने का अपराधबोध। लेकिन अब उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा, “हर मां अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा चाहती है। मैं भी वही कर रही हूं। फर्क बस इतना है कि मेरा तरीका अलग है।” उन्होंने आगे कहा कि समाज को अब यह समझने की जरूरत है कि एक ही तरीका हर बच्चे पर लागू नहीं हो सकता।

समाज की सोच पर सवाल

सारा ने कहा कि हर मां अपने बच्चों को प्यार, समझ और अनुशासन के बीच संतुलन सिखाने की कोशिश करती है। उन्होंने कहा, “मेरे बच्चे मुझसे सीखते हैं कि अपनी बात खुलकर कहनी चाहिए। मैं उन्हें डर नहीं, आत्मविश्वास देना चाहती हूं। जो मुझे जज करते हैं, उन्हें पहले खुद समझना चाहिए कि परवरिश सिर्फ बाहरी तौर-तरीकों से नहीं, बल्कि सोच से तय होती है।”

ट्रोल्स को दिया सटीक जवाब

सारा ने ट्रोल्स पर निशाना साधते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर बैठकर किसी के जीवन के एक पल को देखकर राय बनाना बेहद आसान है, लेकिन किसी के संघर्ष और भावनाओं को समझना मुश्किल। उन्होंने लिखा, “मां होना कोई लाइसेंस नहीं कि दुनिया आपको जज करे। हम सब गलतियां करते हैं, लेकिन इन्हीं गलतियों से तो बच्चों को असली जिंदगी सिखाई जाती है।”

सारा की बात हर मां के दिल को छू गई

सारा ने अपने बयान के आखिर में लिखा – “हर मां परफेक्ट नहीं होती, लेकिन हर मां अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा चाहती है। इसलिए खुद को कोसना बंद करो और गर्व से कहो – हां, मैं मां हूं और मैं अपनी पूरी कोशिश कर रही हूं।” सारा के इन शब्दों ने न केवल महिलाओं को प्रोत्साहित किया, बल्कि सोशल मीडिया पर ‘मॉम गिल्ट’ झेल रही हर मां को आत्मविश्वास दिया।

मेरा नाम श्वेता गोयल है। मैंने वाणिज्य (Commerce) में स्नातक किया है और पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म से बतौर कंटेंट राइटर जुड़ी हूं। यहां मैं महिलाओं से जुड़े विषयों जैसे गृहस्थ जीवन, फैमिली वेलनेस, किचन से लेकर करियर...