Summary: साउथ की हिट फिल्म का चक्कर
फिल्म के अधिकार पाने के लिए बोनी को जबरदस्त मुकाबले का सामना करना पड़ा क्योंकि कई निर्माता चाहते थे कि वो इस फिल्म का रीमेक करें।
Sanjeev Kumar and Boney Kapoor: अनिल कपूर ने जब फिल्म ‘वो सात दिन’ से बॉलीवुड में कदम रखा, तो उनके करियर की यह पहली बड़ी फिल्म थी। इसे उनके भाई बोनी कपूर ने प्रोड्यूस किया था। उस समय अनिल नए अभिनेता थे और बोनी कपूर नए निर्माता। इससे पहले बोनी ने सिर्फ एक फिल्म बनाई थी ‘हम पांच’। एक दफा एक इंटरव्यू में बोनी कपूर ने बताया था कि उन्हें ‘वो सात दिन’ (जो असल में एक तमिल फिल्म रीमेक थी) के अधिकार खरीदने में कितनी मुश्किलें आईं और कैसे दो दिग्गज कलाकार संजीव कुमार और शबाना आजमी ने उनकी मदद की।
बोनी ने बताया, “वो सात दिन तमिल फिल्म ‘अंधा 7 नाटकळ’ का रीमेक थी। बापू जी (जिन्होंने हम पांच बनाई थी) इसे तेलुगु में ‘राधा कल्याणम’ नाम से बना रहे थे। जब वे उस फिल्म को देखने गए तो मैं भी वहां मौजूद था। फिल्म अधूरी थी… करीब 80% ही तैयार थी, लेकिन मुझे इसकी कहानी और किरदार इतने पसंद आए कि मैंने वहीं तय कर लिया कि मुझे इसका हिंदी रीमेक बनाना है। अनिल भी बहुत उत्साहित हो गए।”
इसके बाद बोनी ने बताया कि फिल्म के अधिकार पाने के लिए उन्हें जबरदस्त मुकाबले का सामना करना पड़ा। उनके मुताबिक “मैं चेन्नई गया और उस वक्त हर बड़ा अभिनेता और निर्माता उस फिल्म के अधिकार लेना चाहता था क्योंकि भाग्यराज उस समय के सबसे लोकप्रिय अभिनेता-निर्देशक थे। मैं करीब एक महीना वहीं रुका रहा। फिल्म रिलीज से दो-तीन दिन पहले उसके निर्माता को वित्तीय संकट आ गया। किसी ने सुझाव दिया कि अगर कोई 1,25,000 रुपए का बफर अमाउंट चुका दे तो वे रीमेक अधिकार दे देंगे। लेकिन मेरे पास इतने पैसे नहीं थे।”

पहले शबाना ने रकम ऑफर की
निराश होकर बोनी मुंबई लौट आए। एक दिन शूटिंग के दौरान शबाना आजमी ने उनसे पूछा कि वे इतने परेशान क्यों हैं। बोनी बताते हैं, “मैंने कहा, फिल्म के अधिकार नहीं मिलेंगे क्योंकि वे 1,25,000 रुपए मांग रहे हैं। शबाना ने कहा, मेरे पास 25,000 रुपए हैं, ले लो, शायद कुछ काम आ जाए।” थोड़ी देर बाद संजय कुमार ने भी उनकी उदासी देखी।
संजीव कुमार ने सुबह घर पर बुलाया
बोनी याद करते हैं, “उन्होंने पूछा क्या हुआ, तो मैंने सब बताया। संजीव ने कहा ‘कल सुबह मेरे कमरे में आना।’ जब मैं उनके कमरे में गया, तो उन्होंने एक तकिए के नीचे से पैसे निकाले और बोले- यह 1,25,000 रुपये हैं, ले जाओ और अधिकार खरीद लो। यह वही संजीव कुमार थे जिन्हें लोग अक्सर ‘कंजूस’ कहा करते थे। मैंने कहा कि मैं यह पैसा किस्तों में लौटाऊंगा, तो उन्होंने कहा कि पहले फिल्म के अधिकार खरीदो, बाकी बाद में देख लेंगे।” बोनी ने वह पैसा लेकर फिल्म के अधिकार खरीद लिए और शबाना आजमी का पैसा लौटा दिया। बाकी, जैसा कहा जाता है, इतिहास बन गया। ‘वो सात दिन’ ने अनिल कपूर को हिंदी सिनेमा में एक शानदार शुरुआत दी। फिल्म में पद्मिनी कोल्हापुरे, नसीरुद्दीन शाह और सतीश कौशिक भी थे और इसका संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने तैयार किया था।
