Summary: रूप की रानी चोरों का राजा का प्रचार खर्च काफी बड़ा था
बोनी ने 'रूप की रानी चोरों का राजा' के लिए जबरदस्त मार्केटिंग की थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। बीच में ही निर्देशक शेखर कपूर ने फिल्म छोड़ दी ...
Sridevi Flop Film: प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने उन दिनों को याद किया है जब उनकी महंगी स्पोर्ट्स ड्रामा ‘मैदान’ के बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद वे बड़े कर्ज में डूब गए। वैसे यह पहली बार नहीं था जब उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा हो। साल 1993 में आई उनकी श्रीदेवी वाली भव्य और बड़े बजट वाली फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ भी बुरी तरह असफल हुई थी। इस फिल्म के कारण उन्हें भारी कर्ज लेना पड़ा और उसे चुकाने में पूरे चार साल लग गए।
कोमल नाहटा को दिए एक इंटरव्यू में बोनी कपूर ने कहा कि उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ के लिए जबरदस्त मार्केटिंग की थी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। बीच में ही निर्देशक शेखर कपूर ने फिल्म छोड़ दी और फिर दूसरे निर्देशक से फिल्म पूरी करानी पड़ी। उन्होंने बताया कि उसी समय पहलाज निहलानी ने अपनी फिल्म ‘आंखें’ रिलीज़ की थी, जिसमें बहुत कम प्रचार हुआ था। इसके बावजूद ‘आंखें’ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई।
सैयारा का उदाहरण दिया बोनी ने
बोनी कपूर ने इसे हाल ही में रिलीज हुई वाईआरएफ की ब्लॉकबस्टर ‘सैयारा’ से भी जोड़ा। इस फिल्म का कोई खास प्रमोशन नहीं किया गया था। बस, गाने और ट्रेलर की दम पर इसे रिलीज किया गया। नतीजा यह हुआ कि फिल्म ने दुनियाभर में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की। बोनी कपूर ने यह भी साफ कहा कि वे कभी भी कॉर्पोरेट कंपनियों के साथ काम नहीं करेंगे। बोनी का मानना है कि आजकल स्टूडियो प्रमोशन पर 30 करोड़ रुपए तक खर्च कर देते हैं, जो उन्हें समझ से बाहर लगता है। उन्होंने कहते हैं “आजकल प्रमोशन केवल प्रमोशन नहीं रहे। कलाकार अपने पूरे दल-बल के साथ आते हैं। यानी आप सिर्फ एक्टर का नहीं, बल्कि पांच-छह लोगों का टिकट खरीद रहे हैं। ज्यादातर कॉर्पोरेट बॉस को फिल्म बनाने की असलियत नहीं पता। कई बार वे प्रमोशन पर पूरी तरह से बेकाबू हो जाते हैं। वे ऐसे एक्टर्स चुनते हैं जो बड़े स्टार लगते हैं, पर यह नहीं देखते कि फिल्म की कहानी को क्या चाहिए।”
कम प्रचार से कमाल की कमाई

उन्होंने आगे कहा “उस दौर में पहलाज निहलानी ने आंखें रिलीज की थी। न कोई होर्डिंग, सिर्फ पोस्टर लगाए गए और फिल्म ब्लॉकबस्टर निकली। रूप की रानी उससे पहले आई थी, हमने उसका जमकर प्रचार किया, पर फिल्म फ्लॉप हो गई… यही अब ‘सैयारा’ के साथ हुआ। कलाकारों ने न तो इंटरव्यू दिए, न सिटी टूर किया, न मॉल में डांस किया।”
एक पुराने इंटरव्यू में बोनी कपूर ने बताया था कि ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ की असफलता ने उन्हें 12 करोड़ रुपए के कर्ज में डाल दिया था। लेकिन उनकी पत्नी और परिवार ने उस मुश्किल समय में उनका साथ दिया। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे जितनी परेशानी रही हो, वे कभी गुम नहीं हुए, भले ही लोग उनसे पैसे वसूलने के लिए पीछे पड़े रहते थे। बोनी कहते हैं, “मेरी पत्नी हमेशा साथ रहीं। वह नंगे पैर सिद्धिविनायक मंदिर तक गईं। मेरे भाई भी मेरे साथ खड़े रहे”।
मेरे पापा रईस हैं
एक बार उनके बेटे अर्जुन कपूर ने हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था, “पापा ने बहुत झटके झेले हैं और हर बार मजबूत होकर उठे हैं। वह एक बिजनेसमैन हैं और एक जुआरी की तरह रिस्क लेते हैं। कुछ लोग अमीर होते हैं, कुछ के पास पैसा नहीं होता लेकिन वे रईस होते हैं। मेरे पापा रईस आदमी हैं।”
