Overview: रश्मिका मंदाना ने अपने हालिया बयान से सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी
रश्मिका मंदाना का "पुरुषों को भी पीरियड्स आने चाहिए" वाला बयान भले ही ट्रोलिंग का कारण बना, लेकिन इसने समाज में एक गंभीर मुद्दे को उजागर किया। एक्ट्रेस ने शालीनता से अपनी बात स्पष्ट की और ट्रोल्स को बिना आक्रामकता के जवाब दिया। उनके इस व्यवहार ने यह साबित किया कि संवेदनशील मुद्दों पर बात करना गलत नहीं — बस इरादा साफ़ और दिल सच्चा होना चाहिए
Rashmika Mandanna On Trolling: साउथ से लेकर बॉलीवुड तक अपनी पहचान बना चुकीं एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना अक्सर अपने बयानों और मुस्कान के लिए सुर्खियों में रहती हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि “काश पुरुषों को भी पीरियड्स आते, ताकि वे महिलाओं के दर्द को महसूस कर सकें।” इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया — किसी ने उनकी बात को ‘असंवेदनशील’ कहा तो किसी ने ‘बेवकूफी भरा’। मगर अब रश्मिका ने ट्रोलिंग पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बेहद गरिमामय तरीके से जवाब दिया है।
बयान से मचा सोशल मीडिया पर बवाल
रश्मिका मंदाना का ये बयान कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। X (पूर्व ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लोगों ने उनके शब्दों को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ दीं। कुछ यूज़र्स ने कहा कि एक्ट्रेस का इरादा सही था लेकिन शब्दों का चयन ठीक नहीं था, जबकि अन्य ने बिना समझे उन पर तंज कसना शुरू कर दिया। कई मीम्स और व्यंग्यात्मक पोस्ट भी वायरल हुए।
रश्मिका ने दी अपनी सफाई
ट्रोलिंग बढ़ने के बाद रश्मिका मंदाना ने एक स्टोरी शेयर करते हुए कहा, “मेरा मकसद किसी को नीचा दिखाना नहीं था। मैं बस यह कहना चाहती थी कि काश पुरुष भी समझ पाते कि पीरियड्स के दौरान एक महिला किस शारीरिक और मानसिक दर्द से गुजरती है।” उन्होंने यह भी लिखा कि अगर किसी को उनके शब्दों से ठेस पहुंची है तो उन्हें खेद है, लेकिन उनकी बात का भाव पूरी तरह से महिलाओं के प्रति सहानुभूति जताने वाला था।
फैंस ने किया सपोर्ट
जहाँ एक ओर रश्मिका को आलोचना झेलनी पड़ी, वहीं दूसरी ओर उनके फैंस उनके समर्थन में उतर आए। कई यूज़र्स ने लिखा कि एक्ट्रेस ने समाज में एक अहम मुद्दा उठाया है — कि महिलाओं का मासिक धर्म अब भी टैबू क्यों बना हुआ है? कुछ लोगों ने कहा कि अगर पुरुष पीरियड्स का अनुभव करते, तो शायद दुनिया में इसे लेकर शर्म नहीं बल्कि सम्मान की भावना होती।
इंडस्ट्री के साथियों का भी मिला साथ
मनोरंजन जगत से भी कुछ कलाकार रश्मिका के समर्थन में आगे आए। एक्ट्रेस नेहा धूपिया ने कहा, “रश्मिका ने जो कहा, वो गलत नहीं, बस अलग सोच है।” वहीं कई अभिनेत्रियों ने यह बात दोहराई कि समाज को महिलाओं के दर्द को समझने की कोशिश करनी चाहिए, न कि उनका मज़ाक उड़ाना चाहिए।
रश्मिका की सकारात्मक सोच
रश्मिका ने ट्रोलिंग के बीच भी अपनी मुस्कान नहीं खोई। उन्होंने आगे कहा कि वो चाहती हैं लोग एक-दूसरे की भावनाओं को समझें, चाहे वह महिला हों या पुरुष। उनका संदेश साफ़ था — “सहानुभूति और समझ ही इंसान को इंसान बनाती है।” इस प्रतिक्रिया ने कई आलोचकों का भी दिल जीत लिया।
सोशल मीडिया पर चर्चा जारी
रश्मिका का बयान भले ही विवादों में घिर गया हो, लेकिन उसने एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है — महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर समाज का रवैया। बहुतों ने माना कि इस विषय पर खुलकर बात करने की ज़रूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इसे शर्म का नहीं, बल्कि सामान्य जीवन का हिस्सा मानें।
