Shark Tank India judges
Shark Tank India judges

“अपनी मेहनत , अपनी कशिश

किस्मत बदल सकती है।”

–      अश्नीर ग्रोवर : shark tank India judges

शार्क टैंक इंडिया से चर्चे में आए 39 वर्षीय अश्नीर ग्रोवर फिनटेक फर्म भारतपे के को-फाउंडर और सीईओ हैं। 2018 में शुरू हुई यह कंपनी छोटे व्यापारियों को न केवल यूपीआई से पेमेंट करने की सुविधा देती है बल्कि उन्हें लोन भी मुहैय्या कराती है। आज सफलता के जिस शिखर पर अश्नीर हैं वो लाखों-करोड़ों के लिए सपने से ज्यादा कुछ भी नहीं है। इसी के चलते अश्नीर शार्क टैंक इंडिया में जज और मेंटर की भूमिका निभा रहे हैं। अश्नीर का जीवन कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है जिसकी शुरुआत एक बड़ी कंपनी को छोड़ने से हुई थी। ऐसे भी कई मौके आए जब अश्नीर ने खुद को बेहद अकेला पाया लेकिन हार मानना उन्होंने नहीं सीखा था। अश्नीर के आत्मविश्वास का ही परिणाम है कि वे एक स्टार्टअप को सफल कर पाए और अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब हुए।

शुरूआती दिनों में ही लिए बड़े फैसले

shark tank India judge ashneer grover

अश्नीर ऐसे परिवार से हैं जहां पढ़ाई और पद दोनों ही मायने रखते हैं। अश्नीर के पिता चार्टर्ड अकाउंटेंट और मां अध्यापिका हैं। अपनी ही तरह वे अपने बेटे को भी स्थाई नौकरी में देखना चाहते थे। गौरतलब है कि अश्नीर को कभी भी सामाजिक या आर्थिक रूप से किसी तरह की कमी नहीं हुई। उन्होंने आईआईटी दिल्ली जैसे नामी संस्थान से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। अश्नीर की योग्यता के चलते एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत फ्रांस भेजा गया। अश्नीर चुने गए 6 विद्यार्थियों में से एक थे।

एक बड़ी मल्टी नेशनल कंपनी में काम करने के ख्वाब के चलते अश्नीर ने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया और 2006 में एमबीए की डिग्री प्राप्त की। अश्नीर को उनकी पहली नौकरी कोटक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में मिली जहां वे वाईस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत थे। सात साल यहां काम करने के बाद अश्नीर ने 2013 में अमेरिकन एक्सप्रेस को डायरेक्टर ऑफ कॉर्पोरेट डेवलपमेंट के रूप में ज्वाइन किया। यह वह दौर था जब अश्नीर स्टार्ट-अप की दुनिया से जुड़ना चाहते थे, लेकिन कीमत थी अपनी पुरानी नौकरी को छोड़ना।

अश्नीर स्टार्ट-अप्स के पोटेंशियल को समझते थे इसलिए उन्होंने ग्रोफर्स से जुड़ने का फैसला लिया। अश्नीर के इस फैसले से उनके माता –पिता को आपत्ति होना स्वाभाविक था। आखिर अपनी अच्छी खासी नौकरी को छोड़कर भला स्टार्ट-अप से कौन जुड़ना चाहेगा। लेकिन, अश्नीर स्टार्ट-अप की दुनिया में कदम रखना चाहते थे जिसके चलते एमेक्स की नौकरी छोड़कर 2015 में ग्रोफर्स से जुड़ गए। इस वक्त में अश्नीर की पत्नी माधवी ने उनका हाथ थामे रखा और पूरा सहयोग दिया।

ग्रोफर्स से जुड़ना अश्नीर के लिए बेहद फायदेमंद रहा, इससे न सिर्फ उन्हें एक्सपोजर मिला बल्कि स्टार्ट-अप किस तरह काम करता है इससे वे भलीभांति परिचित हो गए। अश्नीर ने कुछ साल यहां काम किया और फिर 2017 में पीसी ज्वेल्लर लिमिटेड से जुड़े।  

पीसी ज्वेल्लर्स में बिजनेस हेड के रूप में अश्नीर नए पेमेंट ऑप्शंस पर काम कर रहे थे जिसके दौरान उन्हें भारतपे का आईडिया आया। एक बार फिर अपनी अच्छी-खासी नौकरी को छोड़ने का सवाल सिर पर था और एक बार फिर उन्हें परिवार से कोई सहयोग नहीं मिला, सिवाए उनकी पत्नी के।

 आखिर, अश्नीर ने भारतपे को शुरू करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ी और उनके जीवन में एक नए अध्याय का आरम्भ हुआ।

हर कदम पर मिला पत्नी का साथ

भारतपे को शुरू करने के समय अश्नीर ज्यादा लोगों को काम पर रखने में असमर्थ थे। अश्नीर को अपने साथ काम करने के लिए किसी की आवश्यकता थी और ऐसे में उनकी पत्नी माधवी जैन ग्रोवर ने फैसला किया कि वे भारतपे से जुड़ेंगी। वे भारतपे में फाइनेंस और बैंकिंग संभालने लगीं।

अश्नीर और माधवी की मुलाकात तकरीबन 16 साल पहले करियर लॉन्चर में हुई थी। माधवी ग्रोवर ने NIFT दिल्ली से ग्रेजुएशन की है। वे डिजाइनर हैं और सत्य पॉल और आलोक इंडस्ट्रीज जैसे बड़े नामों के साथ काम कर चुकी हैं। उनका मौव और ब्राउन नाम से फर्निशिंग का बिजनेस भी है।

एक इंटरव्यू के दौरान जब माधवी से यह सवाल किया गया कि उन्होंने और परिवार के अन्य सदस्यों ने अश्नीर के एक के बाद एक नौकरी छोड़ने के निर्णय को किस तरह लिया तो वे जवाब में कहती हैं, “हमारे माता-पिता अकादमिक बैकग्राउंड के हैं। मेरे ससुर चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और सास अध्यापिका हैं, उन दोनों के लिए एमेक्स की नौकरी ड्रीम जॉब थी, तो उनके मन में कई सवाल थे। उस समय सिर्फ परिवार ही नहीं बल्कि मैं भी उलझन में थी और उनके ग्रोफर्स से जुड़ने के मसले पर पूरी तरह सहमत नहीं हो पा रही थी। हम सभी जानते थे कि यह राह उनके लिए आसान नहीं होगी और इसमें खतरे भी बहुत हैं। लेकिन, वे (अश्नीर) इसे लेकर दृण थे तो उनका साथ न देने का सवाल ही नहीं पैदा नहीं होता।”

भारतपे से जुड़ने को लेकर माधवी बताती हैं कि वे और अश्नीर बच्चों को स्कूल छोड़कर सैर पर जाते थे। वहां वे उन सब चीजों की चर्चा करते थे जो रोजमर्रा में होती थीं। इसी बीच एक दिन अश्नीर ने बताया कि कंपनी में लोगों की जरुरत है लेकिन इतने फंड्स नहीं हैं कि वे और अधिक एम्प्लॉई रख सकें। माधवी अश्नीर की परेशानी समझ गए और इसी के चलते माधवी ने सुझाव दिया कि वे उनकी मदद कर सकती हैं। माधवी ने जल्द ही बिजनेस, बैंकिंग, वेंडर पेआउट और फाइनेंस कंट्रोल करना शुरू किया और जल्द ही कंपनी से एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गईं।

निजी जीवन में इस तरह के हैं

अश्नीर ने कुछ ही महीनों पहले पंचशील पार्क में घर लिया है जिसे उनकी पत्नी माधवी ग्रोवर ने ही डिजाईन किया है। यह घर कंटेम्परोरी और ट्रेडिशनल डिजाईन का मिक्स नमूना है जिससे अश्नीर के वाइब्रेंट आर्टवर्क के प्रति प्रेम की झलक मिलती है। अमेरिकन स्टाइल में बना यह घर बहुत ज्यादा फर्नीचर और तड़क-भड़क वाले आर्टवर्क से मुक्त है।

अश्नीर अकसर अपने दोनों बच्चों के साथ घूमने जाते हैं। वे और उनकी पत्नी दोनों ही इंस्टाग्राम पर एक्टिव हैं और अपने जीवन के महत्वपूर्ण पलों को इंस्टाग्राम पर तस्वीरों के माध्यम से साझा करते हैं। उन्हें देश-विदेश घूमना पसंद है जो उनके सोशल मीडिया से साफ झलकता है।

भारतपे की सफलता से अबतक

भारतपे अपने शुरुआती एक साल में ही सफल साबित हुआ। कुछ चंद सालों में ही कंपनी ने अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अपनी पहचान बना ली है। इसके फाउंडर अश्नीर ग्रोवर और शाश्वत नक्रानी हैं। 2018 में शुरू हुआ भारतपे 20 से कम कर्मचारियों से अब 500 कर्मचारियों तक पहुंच गया है। इस समय मुंबई, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत 13 से ज्यादा शहरों में इसके ऑफिस हैं। कंपनी का नेटवर्क 140 से ज्यादा शहरों तक फैला हुआ है। यही नहीं, कंपनी ने हालिया दिनों में क्रिकेटर रोहित शर्मा, जसप्रीत बुम्ब्राह, के एल राहुल, सुरेश रैना, मोहम्मद शमी और रविन्द्र जडेजा को अपने ब्रांड अम्बेसेडर के रूप में चुना। फोर्ब्स के अनुसार, तीन सालों में भारत पे सबसे सफल स्टार्टअप बन चुका है जिसने फंडिंग के पहले राउंड में तकरीबन 2.85 बिलियन डॉलर्स की कमाई की है. वहीं, कंम्पनी ने इन्वेस्टर्स से 370 मिलियन डॉलर्स तक कमाए हैं।

अन्य कम्पनियां जहां शुरूआती दिनों में किसी भी तरह के विवादों में आने से बचती हैं वहीं अश्नीर ग्रोवर ने पेटीएम जैसी बड़ी कंपनी की खुलकर आलोचना की। अश्नीर अपनी इसी बेबाकी के चलते अक्सर चर्चा में बने रहते हैं। अश्नीर का कहना है कि “अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो कुछ बड़ा करें, क्योंकि अगर आप छोटा भी करते हैं तो मेहनत उसमें भी उतनी ही लगती है।”

अश्नीर उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं जो कोई भी नया स्टार्टअप शुरू करने से बस इसलिए चूक जाते हैं क्योंकि वे अपनी नौकरी छोड़ने को लेकर निश्चित नहीं हो पाते। 

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