Shahrukh Khan/Mukesh Khanna
Shahrukh Khan/Mukesh Khanna

Summary: मुकेश खन्ना का शाहरुख को पूरा सपोर्ट

फिल्म ‘जवान’ के लिए शाहरुख़ खान को मिला पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड उनके 40 साल लंबे करियर की मेहनत का प्रतीक है। अभिनेत्री उर्वशी की आलोचनाओं के बीच दिग्गज अभिनेता मुकेश खन्ना ने शाहरुख़ के समर्थन में कहा कि यह सम्मान पूरी तरह उचित है और इसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।

Mukesh Khanna on Shahrukh National Award: बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान को हाल ही में फिल्म “जवान” के लिए पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला है। इसके बाद उनके करोड़ों फैंस की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हालांकि इस फैसले को लेकर कुछ विवाद भी सामने आए, लेकिन दिग्गज अभिनेता मुकेश खन्ना ने शाहरुख खान के समर्थन में आगे आकर इस विवाद को सही संदर्भ में रखने की कोशिश की है।

शाहरुख खान को मिला यह अवॉर्ड मिलना सबके लिए खुशी का विषय था, लेकिन फिल्म “उल्लोज़ुक्कु” के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीतने वाली एक्ट्रेस उर्वशी ने ज्यूरी के निर्णय पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि साउथ इंडियन सिनेमा को अवॉर्ड्स में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला। उनके इस कमेन्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और लोग शाहरुख खान के नेशनल अवॉर्ड पर विभाजित हो गए।

Mukesh Khanna
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इस पूरे विवाद पर दिग्गज अभिनेता मुकेश खन्ना ने अपनी राय रखते हुए कहा कि अवॉर्ड्स को राजनीति का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने एक बातचीत में कहा, “यह कहना कि साउथ के किसी एक्टर को यह अवॉर्ड मिलना चाहिए था, अपने आप में राजनीतिक बयान है। जब एआर रहमान को ‘जय हो’ के लिए ऑस्कर मिला था, तब भी बहुत लोग यह सवाल कर रहे थे कि उन्हें पहले के बेहतरीन गानों के लिए क्यों नहीं मिला।” मुकेश खन्ना ने आगे कहा कि शाहरुख खान ने लगभग फिल्म इंडस्ट्री को 40 साल दिए हैं, इसलिए उनका नेशनल अवॉर्ड पाना पूरी तरह जायज है। उन्होंने आगे कहा, “वह लगातार मेहनत कर रहे हैं, दर्शकों को एंटरटेन कर रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है अगर उन्हें आखिरकार यह सम्मान मिला?”

अवॉर्ड की घोषणा के बाद शाहरुख खान ने एक वीडियो रिलीज करके अपने फैंस और ज्यूरी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “नेशनल अवॉर्ड केवल उपलब्धि का प्रतीक नहीं है। यह याद दिलाता है कि जो मैं करता हूं, वह मायने रखता है। सुना जाना और सम्मानित होना मेरे लिए एक आशीर्वाद है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सम्मान उनके लिए अंत नहीं बल्कि नई शुरुआत है। उन्होंने कहा, “यह अवॉर्ड मुझे और मेहनत करने और नई कहानियां कहने की प्रेरणा देता है। मेरे लिए अभिनय सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि सच्चाई को परदे पर लाने की जिम्मेदारी है।”

शाहरुख खान का यह अवॉर्ड न केवल उनके फैंस के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि उन सभी आर्टिस्ट के लिए भी प्रेरणा है जो वर्षों से अपने सपनों के लिए मेहनत कर रहे हैं। मुकेश खन्ना का समर्थन यह संदेश देता है कि सिनेमा में योगदान को समय के साथ मान्यता मिलती ही है। साथ ही, यह विवाद इस बात का भी प्रमाण है कि भारतीय सिनेमा अब केवल क्षेत्रीय सीमाओं में बंधा नहीं रहा। चाहे बॉलीवुड हो या साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री, हर कलाकार अपनी मेहनत से पहचान बना रहा है और दर्शकों तक अपनी कहानियां पहुंचा रहा है।

स्पर्धा रानी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज ने हिन्दी में एमए और वाईएमसीए से जर्नलिज़्म की पढ़ाई की है। बीते 20 वर्षों से वे लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट लेखन में सक्रिय हैं। अपने करियर में कई प्रमुख सेलिब्रिटीज़ के इंटरव्यू...