Azim Premji Home: जब भी हम करोड़पति पर्सनालिटी के घरों के बारे में सोचते हैं तो मन में सबसे पहले ख्याल आते हैं मचमाती दीवारें, महंगे झूमर और महंगी गाड़ियां, लेकिन विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी का बेंगलुरु में स्थित बंगला इस सोच को पूरी तरीके से चेंज कर देता है। इस बंगले में ना तो कोई दिखावा है और ना ही शोर शराबा। इस घर का हर कोना सादगी से सजाया गया है और 6000 स्क्वायर फीट का यह बंगला अपनी सादगी के लिए बेहद खास है। अजीम प्रेमजी समाज सेवा, विनम्रता और सादगी के लिए जाने जाते हैं। ठीक वैसे ही उनका घर भी शांत, साफ-सुथरा और गहरी सोच-समझ से डिजाइन किया गया है।
बाहर से इस बंगले को देखा जाए तो यह एक साधारण बंगला लगता है, लेकिन जैसे ही आप इस घर के अंदर घुसेंगे तो आपको बहुत शांति और सुकून का एहसास होगा। यह बंगला कोई ओवर द टॉप डिजाइन का प्रमाण नहीं है, बल्कि यह एक जीता जागता सादगी में क्लास का उदाहरण है। किचन से लेकर लिविंग रूम और बालकनी से लेकर एंटीक शो पीस तक हर हिस्सा काफी सिंपल है और बेहद एलिगेंट भी।
मिनिमलिस्ट आर्किटेक्चर के साथ क्लासी

इस बंगले की सबसे खास बात है इसका मिनिमलिस्ट डिजाइन। यह बाहर और अंदर दोनों से ही काफी साधारण है। इसमें बहुत भारी भरकम सजावट नहीं है। बस नेचुरल लाइट, हल्के रंगों की दीवारों और शार्प लाइंस से बना हुआ यह घर बेहद सुकून भरा है। इस घर को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि सूरज की रोशनी हर कमरे में आसानी से पहुंच जाती है। यहां की दीवारों पर सफेद और हल्के मिट्टी कलर्स की पेंटिंग है। इस घर के फर्नीचर भी साधारण लेकिन बहुत ही टिकाऊ है। यहां कोई शो ऑफ नहीं है। जरूरत की सारी चीज हैं लेकिन बेहद क्लासी हैं
सिंपल लेकिन परफेक्ट सेटअप
किचन में बहुत ज्यादा चमक धमक नहीं है लेकिन हर चीज को इतनी परफेक्ट तरीके से प्लेस किया गया है कि काम करते वक्त एक भी सेकंड आपका बर्बाद नहीं होगा। इंडक्शन से लेकर बेसिक स्टोरेज तक का सब कुछ स्मार्टली फिट किया गया है। एक साथ कई चीजें किचन में पकाई जा सकती हैं। लिविंग रूम में बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं, जिनसे बाहर का गार्डन साफ दिखाई देता है। कंफर्टेबल कुर्सियां, सादे रंग का लैंप, कुछ किताबें और हल्के झूमर इस जगह को बेहद खास बनाते हैं। यहां पर बैठो तो ऐसा लगता है जैसे समय रुक सा गया है। यहां पर सबसे खास चीज है दीवार में छुपा हुआ टीवी, जिसे आप जब चाहे तभी यह दिखेगा।
हर चीज के पीछे है कहानी

बालकनी में गमले, बांस की कुर्सियां, कुछ क्ले पॉट्स और बहुत ही शांत नेचुरल वाइब है। यहां बैठकर चाय या कॉफी पीना मेडिटेशन जैसा एहसास कराता है। घर में एक छोटा हिस्सा है, जहां कई पुराने एंटीक पीस रखे गए हैं। साउथ इंडियन मूर्तियां, पुराने दरवाजा के हैंडल, लकड़ी की भगवान की मूर्तियां इत्यादि। इन शो पीस को सिर्फ फालतू में नहीं रखा गया है। हर पीस के पीछे कोई ना कोई कहानी है। कुछ चीजें उन्हें ट्रैवल के दौरान मिली, कुछ गिफ्ट में और कुछ फैमिली की यादें हैं। इस जगह पर खड़े होकर या किसी छोटे म्यूजियम से कम नहीं लगता है।
गार्डन और ओपन स्पेस

घर के चारों तरफ खुला गार्डन है। यहां सब्जियां और फूल लगाए गए हैं। इसको देखकर अजीम प्रेमजी का पेड़ पौधों से लगाव नजर आता है। इस गार्डन में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी है। इस जगह पर सिर्फ नेचर को देखा नहीं जाता बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा भी बनाया गया है। इस कोने में बैठकर मेडिटेशन किया जा सकता है, जो काफी शांति और आध्यात्मिकता का एहसास कराता है। इस जगह में कोई दिखावा नहीं है ना ही कोई स्पेशल इंटीरियर।
