उन्होंने बताया कि क्योंकि जगह-जगह पत्रकार उनसे फिल्म की कहानी पूछ रहे थे और वो खुद फिल्म की कहानी बताना नहीं चाहते थे इसलिए बहुत सोचने के बाद उन्होंने फिल्म के संदेश को ही खत के रूप में लिख दिया। वैसे इस दौरान उन्होंने भी कहा कि असल “जिंदगी में भी मेरी राय यही होगी जो मैंने फिल्म में कहा है। मैंने इस फिल्म में एक भी ऐसा डायलॉग नहीं बोला है जिसमें मैं यकीन नहीं करता हूं।”
फिल्म के बारे में बात करते हुए फिल्म के निर्माता सुजीत सरकार ने ये भी कहा कि अगर हर महिला दूसरी महिला का साथ देने लगे तो महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ जैसे मामले कम हो सकते हैं।
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