Amitabh Birthday Special: सदी के महानायक अमिताभ बच्चन वो नाम जो लोगों को हर तरह से प्रेरित करता है। 80 के दशक के एंग्री यंग मैन आज भी बड़े-बड़े सितारों को पीछे छोड़ काम करने और आगे बढ़ने में विश्वास रखते हैं। जीवन में आए मुश्किल समय को उन्होंने न सिर्फ हराया बल्कि हर बार नई उंचाइयों को छुआ। टीवी जिसे छोटा पर्दा माना जाता था उसे केबीसी के जरिए एक अलग ऊंचाई पर ले जाना ये सिर्फ महानायक ही कर सकते हैं। आज उनके जन्मदिन पर उनकी नातिन नव्या नवेली ने हरिवंश रॉय बच्चन की कविता की पंक्तियों को शेअर किया। ‘तू न थकेगा कभी, तू न रूकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ कर शपथ, अग्निपथ अग्निपथ..’। अमिताभ बच्चन ने उम्र के हर पड़ाव को न सिर्फ जिया है बल्कि हर पड़ाव में नए बदलावों को स्वीकारा भी है। जहां वे अपनी बेटी के समय में कुछ बातों को शायद उतनी आसानी और सहजता से नहीं ले पाते थे। वहीं वे अपनी नातिन नव्या के साथ हर विषय पर खुलकर बात करते हैं। हाल ही में महिलाओं के स्वास्थ्य पर आधारित एक कार्यक्रम में उन्होंने मेंस्चुरेशन पर बड़ी सहजता के साथ नव्या के साथ बात रखी। उनकी नातिन और उनके रिश्ते से हर जेनरेशन के लोगों को प्रेरणा ले, घरो में नए बदलावों पर बात करना और जीवन में बदलावों को स्वीकारना सीखना चाहिए। अमिताभ समय की बयार के साथ कदम से कदम मिलाकर चले और यही वजह है कि न सिर्फ वे बड़े पर्दे पर सफल है बल्कि अपने हर रिश्तों की कसौटी पर भी सफल हैं।
तोड़ें अमिताभ और नव्या की तरह घर की असहज दीवारें

अरे मैं डाउन हो गई हूं, मुझे महीने वाली प्राब्लम चल रही है, अरे कुछ समस्या है इसलिए पीठ में पेट में तेज दर्द है आज। ऐसे ही कुछ वाक्य लगभग हर घर में महीने में एक बार सुनने में आते हैं। ये उस विषय के बारे में कहे जाते हैं जिसके बारे में बात करते हुए बहुत सी महिलाएं भी असहज महससू करती हैं। जी हां पीरियड्स, जो हर लड़की के जीवन में उसे परिपक्व होने की कडी से जोडना का पहला चरण है। सदियों से ये ऐसा विषय बना हुआ है जिसकी वजह महिलाओं पर कई पाबंदियां लगीं और आज भी पढ़े-लिखे समाज में इसे मेन्सचुरेशन या पीरियड्स बुलाने की बजाय लड़कियों की समस्या या कुछ और कहकर बुलाया जाता है। घर में पिता, भाई या चाचा, मामा किसी को भी पीरियड्स से जुड़ी बातों के बारे में जानकारी होती ही नहीं है या फिर बहुत कम होती है। ज्यादातर पुरूषों को पीरियड्स के दौरान महिलाओं को होने वाली परेशानियों का अंदाजा ही नहीं होता। ऐसे में जरूरी है कि घरों में पिता और भाई को इस बारे में जानकारी हो। हाल ही में महिलाओं के स्वास्थ्य पर एनडीटीवी के एक कार्यक्रम के दौरान अमिताभ बच्चन और नव्या नवेली ने जेनरेशन गैप का तोड़ते हुए पीरियड्स पर बात की। अमिताभ बच्चन और नव्या की जैसी पहल हर घर में होने की आवश्यकता है।
अमिताभ की तरह सहज बनाएं घर के माहौल को
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियां होती हैं। इसके बावजूद न तो वे और न ही घर के अन्य सदस्य इस बारे में खुलकर बात करतें हैं। एनडीटीवी के कार्यक्रम के दौरान रश्मिका मंदाना ने भी कहा कि किशोरावस्था में कुछ विषयों पर बात करने पर सहज नहीं होते हैं। वहीं नव्या के लिए घर का माहौल हमेशा ऐसा रहा जसमें वे अपनी बातें खुलकर कर सकती हैं। नव्या अपने नाना के साथ इस विषय पर बात करते हुए बहुत ही सहज थीं। पीरियड्स पर दो जेनरेशन का ओपन बात करना कहीं न कहीं बदलाव की शुरूआत हो सकती है। अगर नव्या की तरह ही हर लड़की और घर के अन्य सदस्य बातों को खुलकर एक दूसरे के सामने करने की शुरूआत करते हैं। क्योंकि इस दौरान महिलाओं को अधिक देखभाल और अच्छा महसूस करने की जरूरत होती है। अमिताभ के घर में जितना अनुशासन है उतनी ही हर किसी को अपनी बात कहने की आजादी भी है। यही नहीं महानायक ने अपनी बेटी को भी हर कदम पर सपोर्ट किया है। वे आज भी श्वेता और अभिषेक को सपोर्ट करते हैं।
उन्होंने पिंक के जरिए पहले भी महिलाओं की सेफ्टी पर बात की

अमिताभ इस उम्र में न सिर्फ काम में एक्सपेरीमेंट कर लोगों को नए आयाम ढूंढने की प्रेरणा देते हैं बल्कि वे समाज को जागरूक करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। पिंक मूवी के दौरान उन्होंने महिलाओं की सेफ्टी पर बात की थी। यही नहीं उस मूवी के बाद उन्होंने नव्या के लिए एक लेटर लिख अपने मन की बात भी कही थी। अमिताभ अपनी महिला सहकर्मियों के प्रति सम्मान और उनकी प्रंशसा करने से भी नहीं चूकते। ऐसा कई बार हुआ है जब भी उन्हें उनके सहकलाकार का काम पसंद आया है तो वे उन्हें कोई तोहफा या मैसेज देकर अपनी प्रशंसा उनतक पहुंचाते हैं। हाल ही में उन्होंने रश्मिका मंदाना को गुडबॉय में उनके अच्छे अभिनय के लिए लेटर लिखा। महानायक से अपनी प्रशंसा सुन रश्मिका बेहद खुश हुईं थीं। ऐसे छोटी छोटी बातें अमिताभ बच्चन को दूसरों से अलग करती हैं।
