popular star kids: हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे अभिनेता हैं जिनका फिल्मी बैकग्राउंड होने के बावजूद अपना नाम बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। इन सभी बॉलीवुड सितारों ने फिल्म उद्दोग में अपना नाम बनाने के लिए अर्श से फर्श तक का सफर तय किया है। आज इस लेख में हम उन्ही अभिनेताओं के बारे में जानेंगे जिन्होंने अपने प्रतिभा और संघर्ष के दम पर एक सफल मुकाम हासिल किया है, यूं कहें कि उनके एक्टिंग का लोग आज लोहा मानते हैं।
सलमान खान

इसमें सबसे पहला नाम आता है, बॉलीवुड के दबंग कहे जाने वाले सलमान खान का। आज सलमान का नाम बिकता है, इनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों का बिजनेस करती हैं। हर प्रोड्यूसर डॉयरेक्टर आज उनको अपनी फिल्म में साइन करना चाहते हैं। लेकिन ये सफलता सलमान को विरासत में नहीं मिली है बल्कि अपने दम पर उन्होंने हासिल किया है जबकि उनके पिता सलीम खान एक सफल पटकथा लेखक थे, लेकिन उन्होंने कभी भी सलमान की मदद नहीं की न ही किसी से सिफारिश की।
दबंग खान ने एकबार अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ”मैंने जब अपना करियर शुरू किया उस दौर में जैकी श्राफ, अनिल कपूर, सनी देओल जैसे कलाकार सुपरस्टार थे। जब भी कोई पापा (सलीम खान) के पास आता था तो सुझाव मांगने की किसको कास्ट किया जाय तो वो कभी भी मेरा नाम नहीं लेते थे बल्कि इनलोगों का नाम सजेस्ट करते थे।” सलमान बताते हैं कि जब मैंने करियर शूरू किया तो मुझे फिल्म के हिट फ्लॉप होने से फर्क ही नहीं पड़ता था, क्योंकि फिल्में ही नहीं ऑफर होती थीं। ऐसे में जो मिल रहा है कर लो, स्क्रिप्ट चुनने या सुनने का कोई विकल्प ही नहीं था।
सलमान की बॉलीवुड डेब्यू फिल्म थी बीवी हो तो ऐसी (1988) जिसको व्यवासायिक सफलता नहीं मिली। इसके बाद सलमान ने सूरज बड़जात्या की फिल्म मैंने प्यार किया (1989) में मुख्म भूमिका के रूप में डेब्यू किया। ये फिल्म सलमान के फिल्मे करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म ने दबंग खान को रातों रात स्टार बना दिया। मैंने प्यार किया के लिए इन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट डेब्यू एक्टर (मेल) के पुरस्कार से भी नवाजा गया। इसके बाद सलमान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सलमान की सुपरहिट फिल्में रही हैं- हम दिल दे चुके सनम, तेरे नाम, नो इंट्री, किक, पार्टनर, टाईगर, टाईगर जिंदा है, बजरंगी भाई जान, बॉडीगार्ड, दबंग सीरीज आदि। आपको बता दें कि सलमान की 6 फिल्में 100 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी हैं जिसमें एक था टाइगर – 198 करोड़, दबंग-2 – 158 करोड़, बॉडीगार्ड – 142 करोड़, दबंग – 145 करोड़, Ready (2011 film) – 120 करोड़, जय हो (फ़िल्म) – 111 करोड़ है।
आमिर खान

अब आते हैं बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान पर। इनका भी पारिवारिक पृष्ठभूमि फिल्मी ही थी। आमिर के पिता और चाचा दोनों ही इस व्यवसाय से जुड़े हुए थे। इसके बावजूद आमिर ने बिना उनका नाम इस्तेमाल किए अपना फिल्मी सफर तय किया और आज एक सफल अभिनेता के रूप में फिल्मी इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं।
आमिर ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत बाल कलाकार के रूप में की थी। ये फिल्म चाचा नासिर हुसैन निर्देशित यादों की बारात (1973) की थी। इसके ग्यारह साल बाद आमिर ने फिल्म होली (1984) से शुरूआत की जो की बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई। फिर चार साल बाद उनकी फिल्म आई कयामत से कयामत तक (1988), इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी व्यवसायिक सफलता मिली। ये फिल्म आमिर के करियर को शिखर पहुंचा दिया।
आपको बता दें कि आमिर को कयामत से कयामत तक के लिए फिल्मफेयर का बेस्ट एक्टर डेब्यू (पुरुष) भी मिला। आमिर ने इसके बाद तो एक्टिंग दुनिया में अपनी धमक बना ली। 1996 में आई फिल्म राजा हिंदुस्तानी की अपार सफलता के बाद तो आमिर की मांग डॉयरेक्टर और प्रोड्यूसर के बीच और बढ़ गई। इस फिल्म के लिए आमिर ने फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता। यहां तक 2001 में आई ब्लॉकबास्टर फिल्म लगान को अकादमी पुरस्कार के लिए नामंकित भी किया गया जिसका निर्देशन आशुतोष गोवारिकर ने किया था।
इसके बाद आमिर ने एक्टिंग से चार साल का ब्रक लिया फिर केतन मेहता की फिल्म द रायजिंग (2005) से वापसी की। २००७ में, वे निर्देशक के रूप में फिल्म तारे जमीन पर का निर्देशन किया, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार दिया गया। कई कमर्शियल सफल फिल्मों का अंग होने के कारण और बहुत ही अच्छा अभिनय करने के कारण, वे हिन्दी सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता बन गए हैं।
रितिक रोशन

बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग और डांसिंग स्किल्स के लिए मशहूर अभिनेता ऋतिक रोशन सफल निर्देशक व अभिनेता राकेश रोशन के बेटे हैं। ऋतिक ने भी फिल्म इंडस्ट्री में कदम जमाने के लिए बहुत मेहनत की है। बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि ऋतिक बचपन में हकलाते थे। ये बात ऋतिक ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, ”जब वह छोटे थे, तब हकलाते थे और इस वजह से ओरल टेस्ट के दौरान वह स्कूल बंक कर देते थे। मैं बीमार पड़ जाता था, मैं खुद को चोट पहुंचा लेता था जिससे स्कूल न जाना पड़े। हालांकि मम्मी-पापा ने बहुत सपोर्ट दिया, लेकिन कभी-कभी प्यार ही सब कुछ नहीं होता।” ऋतिक ने अपने हकलाहट को स्पीच थेरेपी से ठीक किया।
ऋतिक ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत कहो न प्यार है (2000) से किया। इस फिल्म को बड़ी सफलता मिली जिसके लिए ऋतिक को फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उन्होंने कोई मिल गया (2003), क्रिश (2006) और धूम 2 (2006) जैसी फिल्मों में अपने सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए जाने जाते हैं जो कि अब तक उनकी सबसे बड़ी व्यावसायिक सफलता हैं। और इसके लिए उन्हें कई सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से भी नवाजा गया है।
सन 2008 में, रोशन को उनका चौथी फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार प्राप्त हुआ तथा कजान में उन्हें स्वर्ण मिंबर अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपना प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार और जोधा अकबर फिल्म के अभिनय के लिए उनको रूस में सम्मानित किया गया। इस तरह भारत में ऋतिक रोशन, एक प्रमुख अभिनेता के रूप में खुद को स्थापित किया है।
शाहिद कपूर

शाहिद कपूर की बात की जाए तो उनके माता-पिता दोनों ही फिल्म इंडस्ट्री से संबंध रखते हैं। शाहिद के पिता पंकज कपूर का नाम बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार है। इसके बावजूद शाहिद ने अपने करियर की शुरूआत सुभाष घई की फिल्म ताल से बैकग्राउंड डांसर के रूप में की थी। इसके पहले शाहिद ने कई संगीत एल्बमों में भी काम किया था। यहां तक एड में भी शाहिद ने काम किया है। शाहिद कपूर की मुख्य भूमिका वाली पहली फिल्म थी इश्क विश्क जो 2003 में आई थी।
फिल्म में अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें फ़िल्म फेयर बेस्ट मेल डेब्यू पुरस्कार जीता। अपनी फिल्मों, जैसे फिदा (२००४) और शिखर (Shikhar) (२००५) में उनके एक्टिंग की फिल्म समीक्षकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। शाहिद को अपनी पहली व्यावसायिक सफलता सूरज बड़जात्या की विवाह (Vivah) (२००६) से मिली। इसके बाद में आई जब वी मेट (२००७) ने उनको सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया । इस फिल्म के गाने और शाहिद और करीना की एक्टिंग ने सबको दिवाना बना दिया। इसके बाद, कमीने, हैदर, उड़ता पंजाब कबीर सिंह जैसी सुपरहिट फिल्म में अपनी एक्टिंग से धमाल मचा दिया। आज शाहिद खुद को सर्वश्रेष्ठ अभिनेताओं के रूप में खुद को स्थापित करने में सफल हो चुके हैं। आज उनकी एक्टिंग स्किल और डांसिंग स्किल के लोग दिवाने हैं।