फिल्में…हमारी असल जिंदगी का ही दूसरा रूप। जिन्हें थोड़ा ड्रामा, एक्शन, कॉमेडी और रोमांस से इस लायक बनाया जाता है कि हम सब पैसे चुका कर इन फिल्मों से मनोरंजन करें लेकिन सीख जरूर लें। हर बार सीख का ये सिलसिला वैसे ही नहीं चल पाता है, जैसे चलना चाहिए लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिन्हें सदियों तक सकारात्मकता बढ़ाने के लिए याद किया जाता है। ये फिल्में जब भी देखो दिल में उत्साह घर कर लेता है। आप फिर से जिंदगी को बेहतर तरीके से जीने के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसी फिल्में असल में अपना काम करती हैं और आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित भी करती रहती हैं। ऐसी फिल्मों को कभी भुलाया नहीं जाता है। बल्कि इन्हें संजो कर रखा जाता है ताकि जब भी निराशा सामने हो आप इन फिल्मों को देखने के बाद इसे कह सकें ‘चल हट’। ऐसी फिल्मों कौन सी हैं। आइए जानें-

चक दे का नशा

साल 2007 में आई ये फिल्म महिला हॉकी खिलाड़ियों पर बनी बेहतरीन फिल्म साबित हुई थी। हालांकि फिल्म लड़कियों के ऊपर बनी थी लेकिन इसमें जीतने की ललक और मेहनत को कुछ इस तरह दर्शाया गया था कि महिला-पुरुष, टीनएजर-बुजुर्ग, जो भी देख ले वो जीवन में कुछ कमाल करने के लिए खुद की सारी ताकत समेट ले। इस फिल्म में हार कर फिर जीत जाने की कहानी दिखाई गई थी। ये फिल्म आज भी मोटिवेशन का मकसद पूरा करती है। 

 

थ्री इडियट का सोच

ये एक ऐसी फिल्म रही, जिसे बच्चों की पढ़ाई और परवरिश के अनोखे पाठ पढ़ाने के लिए पहचाना जाता रहा है। थ्री इडियट ने ही माता-पिता को समझाया कि पढ़ाई के दौरान बच्चों की खुशी ज्यादा अहमियत रखती है ना कि डॉक्टर, इंजीनियर बनने की चाहत। इस फिल्म के गाने, कुछ खास सीन और हर चरित्र जिंदगी को अपने हिसाब से पूरे उत्साह से जीने के लिए प्रेरित करते हैं। 

 

नीरजा की बहादुरी

नीरजा सोनम कपूर के करियर की सबसे बेहतरीन फिल्म साबित हुई है। ये असल जिंदगी पर बनी फिल्म है, जिसे एयर होस्टेस नीरजा की जिंदगी पर बनाया गया था। उन्होंने हाइजेक करने आए आतंकियों से यात्रियों को बचाते हुए अपनी जान गंवा दी थी। नीरजा आपको जिंदगी में रिस्क लेने, कुछ नया करते रहने के लिए प्रेरित करती है। 

 

मैरीकॉम की हिम्मत

बॉक्सर मैरीकॉम पर बनी इस फिल्म में विपरीत परिस्थितियों में भी अपना बेस्ट देने और जीतने की बात समझाई गई थी। मैरीकॉम ने असल जिंदगी में ऐसा किया भी था। उन्होंने बहुत छोटे से राज्य मणिपुर से निकल कर पूरी दुनिया में नाम कमाया था। ऐसी परिस्थितियों में अक्सर ही हम लगो फंसते हैं लेकिन इनको अपनी मजबूरी मान कर ही हार मान लेते हैं। जबकि ये सोच गलत होती है। 

 

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