आपको बता दें कि शौकत कैफी की शादी मशहूर शायर कैफी आजमी से हुई थी। कैफी आजमी और शौकत कैफी की प्रेम कहानी का जिक्र उनपर लिखी गई किताब में शौकत और कैफी की प्रेमकथा और उनके संस्मरणों की किताब ‘कैफी और मैं’ बहुत मशहूर है। बेटी शबाना ने अपने पति जावेद अख्तर के साथ मिलकर इसका थिएटरों में प्रभावी मंचन किया है। इसमें शबाना ने शौकत की जिंदगी और जावेद अख्तर ने कैफी के किरदार को अपने लफ्जों में पिरोया है।
शौकत ने मुज्जफर अली की फिल्म ‘उमराव जान’, एमएस साथ्यु की ‘गरम हवा’ और सागर साथाडी की फिल्म ‘बाजार’ में यादगार भूमिकाएं निभाईं। शौकत आखिरी बार फिल्म ‘साथिया’ (2002) में नजर आईं थीं, जिसमें उन्होंने बुआ का रोल निभाया था। शौकत ने कैफी के साथ मिलकर इंडियन पीपुल्स थिएटर एसोसिएशन (इप्टा), प्रोग्रसिव एसोसिएशन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की कल्चरल विंग के लिए लम्बे अरसे तक काम किया।
