उन्होंने कहा कि टेस्ट में आने के बाद क्रिकेट को लेकर घरवालों से उनकी कभी कोई बात नहीं हुई। मेरे खेल के विषय में वे क्या सोचते हैं, उनका नजरिया क्या है, यह मैं नहीं जानता। इस फिल्म के निर्माता अरुण पांडेय व उनकी टीम ने फिल्म में यह हिस्सा भी डाला है। इसे जानना मेरे लिए भी कौतूहल का विषय है। वैसे मैं वर्तमान में रहने-जीने वाला इंसान हूं, लेकिन इस फिल्म में पूर्व के समय का वास्तविक दृश्य मिलेगा।
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल के दिनों में मैं शरारती नहीं था। वहां फुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन सभी कुछ खेलता था। बनर्जी सर हमारे फुटबॉल व क्रिकेट दोनों के कोच थे। उन्होंने मुझे सातवीं में विकेटकीपिंग के लिए चुना। फिर आठवीं में बल्लेबाजी का मौका दिया।
फिल्म में उनका किरदार निभा रहे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के बारे में बात करते हुए धोनी ने कहा कि फिल्म बनने के दौरान सुशांत ने उनसे सैकड़ों सवाल पूछे। इसका जवाब देते हुए फिल्म के हीरो सुशांत सिंह राजपूत ने कहा कि वह धोनी की चिंतन प्रक्रिया को जानना चाहते थे, ताकि उनके अभिनय में बनावट न रहे। इसलिए तमाम तैयारियों के बावजूद धौनी को जानना जरूरी था। ये सवाल भी इसी से जुड़े थे। धोनी ने साथ ही मजाकिया अंदाज में ये भी कहा कि फिल्म की तैयारी के मद्देनजर सुशांत इतना अच्छा क्रिकेट खेलने लग गए हैं कि वो अब किसी क्रिकेट लीग में भी हिस्सा ले सकते हैं। लेकिन वो ये नहीं चाहेंगे की सुशांत आईपीएल में खेले क्योंकि वहाँ वो उनसे मुकाबला नहीं करना चाहते।
साभार- क्रिक टुडे
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