Maggi in Train
Maggi in Train

Summary: केतली से मामला गर्म

सेंट्रल रेलवे ने उस महिला पर कार्रवाई करने की बात कही है। एक बयान में कहा गया कि ट्रेन में इलेक्ट्रॉनिक केतली का इस्तेमाल करना सख्त मना है। यह असुरक्षित, गैर-कानूनी और दंडनीय अपराध है। इससे आग लग सकती है और यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।

Electric Kettle Maggi in Train: ट्रेन में परिवार के साथ सफर करने वालों के लिए खाने-पीने से जुड़ी यादें सबसे खास होती हैं। लोग घर से ढेर सारा खाना लेकर चलते हैं और खिड़की से बाहर दिखने वाले सुंदर नजारे देखते हुए उसे मजे से खाते हैं। लेकिन महाराष्ट्र की एक महिला का वीडियो अलग ही वजह से चर्चा में है। इस वायरल वीडियो में वह ट्रेन के डिब्बे के अंदर खाना बनाती दिख रही है। कुछ लोग इसे लेकर सुरक्षा की चिंता जता रहे हैं तो कुछ इसे नागरिक समझ की कमी बता रहे हैं।

सेंट्रल रेलवे ने उस महिला पर कार्रवाई करने की बात कही है। एक बयान में कहा गया, “ट्रेन में इलेक्ट्रॉनिक केतली का इस्तेमाल करना सख्त मना है। यह असुरक्षित, गैर-कानूनी और दंडनीय अपराध है। इससे आग लग सकती है और यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।” रेलवे ने यह भी कहा, “यात्रियों से अनुरोध है कि वे ऐसी खतरनाक हरकतों से बचें। अगर उन्हें ऐसी कोई गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करें ताकि सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”

आमतौर पर हॉस्टल में केतली में मैगी बनती है, लेकिन इसे ट्रेन में होते देख लोगों ने हैरानी जताई। वायरल वीडियो में एक महाराष्ट्र की महिला एसी कोच में लगे स्विच में केतली लगाकर मैगी बनाती दिख रही है। वह मज़े से मैगी पका रही है और कैमरे में हंसकर पोज़ भी देती नजर आती है। ट्रेन में गरमा-गरम मैगी कौन नहीं खाना चाहेगा? लेकिन यह तरीका सुरक्षित नहीं है, क्योंकि इससे ट्रेन की वायरिंग पर लोड पड़ सकता है और आग भी लग सकती है।

एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “यह बड़ा सुरक्षा खतरा है। इससे आग लग सकती है और पूरी ट्रेन के यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है। इसी वजह से हम अच्छी सुविधाओं को टिकाऊ नहीं रख पाते। कई लोग नियमों का दुरुपयोग करते हैं और उन्हें इस पर गर्व भी होता है।” इस पर किसी ने पूछा, “कैसे? ट्रेन में डीसी बिजली मिलती है। जब लैपटॉप चार्ज कर सकते हैं तो यह खतरनाक कैसे हो गया?”

एक यूज़र ने पुराना किस्सा बताया, “कई साल पहले चेन्नई से टाटानगर की यात्रा में एक परिवार ने पूजा की और अगरबत्ती व कपूर जलाया। मैंने टीटी को बताया तो उसने उन्हें चेतावनी दी। तब इंटरनेट का जमाना भी नहीं था। आज भी कुछ नहीं बदला, लोग अभी भी समझ की कमी दिखाते हैं।” एक अन्य व्यक्ति ने लिखा, “कमाल है। लोग बुनियादी नियम नहीं मानते, लेकिन एक प्लेट गर्म पानी के लिए पूरी ट्रेन को खतरे में डाल देंगे।”

कुछ लोगों ने यह भी पूछा कि जब केतली खतरनाक है, तो इन्हें ट्रेन में ले जाना प्रतिबंधित क्यों नहीं किया जाता? कई लोगों ने कहा कि कुछ यात्री सोचते हैं कि टिकट खरीद लिया तो डिब्बे में कुछ भी करने का अधिकार मिल गया। एक यूजर ने यह सुझाव भी दिया कि रेलवे को ट्रेन में ऐसे पावर आउटलेट लगाने चाहिए जो अधिक करंट संभाल सकें और इसके बारे में जागरूकता भी फैलाना चाहिए।

ढाई दशक से पत्रकारिता में हैं। दैनिक भास्कर, नई दुनिया और जागरण में कई वर्षों तक काम किया। हर हफ्ते 'पहले दिन पहले शो' का अगर कोई रिकॉर्ड होता तो शायद इनके नाम होता। 2001 से अभी तक यह क्रम जारी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म के लिए फिल्म समीक्षा...