Shivaji Satam Journey
It is streaming on OTT platform

Shivaji Satam Journey: बॉलीवुड इंडस्ट्री के अलावा टेलीविजन के ऐसे कई सितारे हैं, जो दर्शकों के दिलों का राज करते हैं। इन्हें सालों से अलग-अलग सीरियल में कुछ फेमस किरदार निभाते हुए देखा जा रहा है। यह कलाकार अपने किरदारों से इतनी ज्यादा मशहूर हो चुके हैं कि लोग इन्हें इनके असली नाम नहीं बल्कि किरदार के नाम से पहचानते हैं। इन्हीं में से एक एसीपी प्रद्युमन है जिन्हें टीवी शो सीआईडी में देखा जा सकता है।

सीआईडी एक ऐसा शो है जिसे 21 सालों तक टेलीविजन की दुनिया पर राज किया है। हर उम्र के दर्शकों ने इस शो को पसंद किया। इसके किरदार इंस्पेक्टर दया और अभिजीत को दर्शकों ने बहुत प्यार दिया। इन दोनों किरदारों के अलावा एसीपी प्रद्युमन का कैरेक्टर ही ऐसा था जिसने शो को बांधकर रखा था। अपने एसीपी के किरदार से एक्टर शिवाजी साटम ने घर-घर में लोगों के बीच खास पहचान बनाई। चलिए आज हम आपको उनके संघर्ष की कहानी बताते हैं।

शिवाजी साटम ने एसीपी प्रद्युमन बनकर भले ही लोगों के दिलों पर राज किया लेकिन उनकी सफलता का सफर इतना आसान नहीं था। टेलीविजन की दुनिया में कदम रखने से पहले वह थिएटर में काम किया करते थे। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन एक शो में काम करने पर उन्हें केवल 20 रुपए मिलते थे। उन्होंने बॉलीवुड में भी अपना करियर बनाने के बारे में सोच और काफी स्ट्रगल भी किया लेकिन वह यहां कुछ खास पहचान हासिल नहीं कर पाए। तमाम कोशिश करने के बावजूद भी उन्हें बॉलीवुड में रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने संघर्ष को सफलता में बदल दिया।

Used to work for just 20 rupees
Used to work for just 20 rupees

शिवाजी ने अपने करियर की शुरुआत में काफी स्ट्रगल का सामना किया। मराठी थिएटर में काम किया करते थे। यहां पर एक शो करने पर उन्हें केवल 20 रुपए मिलते थे। अपने एक्टिंग के इस पैशन के साथ उन्होंने बैंक की नौकरी की। परिवार की जरूरत पूरा कर सके इसके लिए उन्होंने अपनी अंग्रेजी को दुरुस्त किया। इसके अलावा एक्स्ट्रा कमाई के लिए वह बच्चों को पढ़ाया करते थे। जब उन्होंने हिंदी फिल्म पेस्टनजी जी में काम किया तब उन्हें धीरे-धीरे सफलता मिली। बताया जाता है इस फिल्म में काम करने के लिए उन्हें 500 रुपए फीस दी गई थी।

बॉलीवुड में शिवजी की किस्मत कुछ खास नहीं चली। उनकी किस्मत का सिक्का तब उछाल जब 1985 में उन्हें टीवी सीरियल सीआईडी का ऑफर मिला। एक दोस्त के जरिए उन्हें निर्माता बीपी सिंह से मुलाकात करने का मौका मिला। शुरुआत में वह सीआईडी के साथ दूसरे शो भी किया करते थे। जब उनका काम कम हुआ तो वह पूरे फोकस के साथ सीआईडी में अपना किरदार निभाने लगे। दर्शकों के बीच मशहूर इस शो को 1998 में ऑन एयर किया गया था। इसमें बताई जाने वाली जुर्म की कहानी और सभी किरदार इतने पॉपुलर हुए कि वह आज भी अपने कैरेक्टर के नाम से ही प्रसिद्ध हैं।

एक समय ऐसा था जब शिवाजी को 20 रुपए में काम करना पड़ा था। लेकिन अब वो शो का करोड़ों रुपए लेते हैं। सीआईडी के जरिए उन्होंने एक रिकॉर्ड भी कायम किया था। जब एक टेक के लिए उन्होंने 111 मिनट का एपिसोड शूट कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया था। इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के माने तो अपने एसीपी प्रद्युमन के किरदार के लिए वह हर एपिसोड का एक लाख रुपए लेते हैं।

शिवाजी साटम आज घर-घर में एसीपी प्रद्युमन के नाम से प्रसिद्ध हैं लेकिन एक समय ऐसा था जब उनका एक्टिंग से कोई लेना देना ही नहीं था। वह महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिसका फिल्मी दुनिया से कोई लेना-देना नहीं है। एक्टर के पिता मजदूरी क्या करते थे। 15 लोगों का उनका परिवार एक चॉल में रहा करता था। चॉल के ही एक गणपति उत्सव के दौरान जब शिवाजी मंच पर पहुंचे तब उन्हें अपने अंदर मौजूद एक्टिंग के गुण का एहसास हुआ। अपने इस हुनर को उन्होंने आगे बढ़ाने की सोची और एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा। कड़ी मेहनत के बाद वो संघर्षों की जिंदगी से निकल कर सफलता के शिखर पर पहुंचे।

मैं एक बहुमुखी मीडिया पेशेवर हूं, जिसे कंटेंट लेखन में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव है। मेरा लक्ष्य ऐसी सामग्री पर ध्यान केंद्रित करना है जो सूचित, शिक्षित और प्रेरित करती है। चाहे लेख, ब्लॉग या मल्टीमीडिया सामग्री बनाना हो, मेरा लक्ष्य...