Summary: इन गांवों में महिलाएं हैं नेता, पुरुषों की नहीं है जरूरत
इन गांवों में पुरुषों की संख्या न के बराबर है, जबकि महिलाएं परिवार-समाज दोनों चलाती हैं।
Zero Men Population Village: पूरी दुनिया में जहां पुरुष और महिलाओं को बराबरी का अधिकार दिए जाने की बात की जाती है, लेकिन कई जगहों पर आज भी महिलाएं बराबरी के लिए संघर्ष कर रही हैं। हालांकि, दुनिया में कई समाज, समुदाय ऐसे भी हैं जहां औरतों का दबदबा होता है। पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं हर हाल में बाहर निकलकर अपनी आज़ादी से जीने की कोशिश करती हैं। ये हालात सिर्फ भारत में नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में देखने को मिलते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ ऐसे 6 गांवों हैं जहां पुरुष नहीं महिलाओं का राज चलता है, जिनमें महिलाएं ही लीडर होती हैं।
इन जगहों पर चलता है महिलाओं का राज
ब्रिब्री जनजाति- कोस्टा रिका

कोस्टा रिका की ब्रिब्री जनजाति में भी मातृवंशीय परंपराएं निभाई जाती हैं, यहां भूमि और आध्यात्मिक ज्ञान बेटियों को विरासत में दिया जाता है। महिलाएं परंपराओं की रक्षक मानी जाती हैं। महिला शमानी समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारियां निभाती हैं।
मोसूओ जनजाति-चीन
दक्षिण-पश्चिम चीन की मोसूओ जनजाति को चीन का आखिरी मातृवंशीय समाज माना जाता है। यहां संपत्ति मां की लाइन से अगली पीढ़ी को जाती है। बच्चों की परवरिश मां और मामा मिलकर करते हैं। जिसमें पुरुष रात को महिला के घर आते हैं और संबंध आपसी सहमति पर निर्भर करते हैं। पुरुषों की भूमिका सीमित होती है, जबकि महिलाएं घर और समाज दोनों चलाती हैं।
उमोजा गांव- केन्या

उमोजा, जिसका अर्थ है “एकता”, केन्या का एक महिलाओं का विशेष गांव है। इसकी स्थापना 1990 में उन महिलाओं ने की थी जो लैंगिक हिंसा से बचकर निकली थीं। यहां पुरुषों को बसने की अनुमति नहीं है। महिलाएं पर्यटन, हस्तशिल्प और महिला अधिकारों की शिक्षा से अपनी आजीविका चलाती हैं। यह गांव सुरक्षा का स्थान ही नहीं, बल्कि स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुका है।
खासी जनजाति -मेघालय

पूर्वोत्तर भारत के मेघालय राज्य की खासी जनजाति में मातृवंशीय परंपरा का पालन होता है। यहां संपत्ति, जमीन और पारिवारिक विरासत बेटियों के नाम होती है। लड़कियां परिवार की अगली कड़ी मानी जाती हैं। महिलाएं घरेलू ही नहीं, सामुदायिक निर्णयों में भी अहम भूमिका निभाती हैं। विवाह के चयन और तलाक पर भी महिलाओं की स्वतंत्रता को सम्मान दिया जाता है। यहां महिलाओं को समाज में ऊंचा दर्जा प्राप्त है, और पुरुष परिवार में मेहमान जैसे माने जाते हैं।
मिनांगकबाऊ- इंडोनेशिया
इंडोनेशिया के वेस्ट सुमात्रा क्षेत्र की मिनांगकबाऊ जनजाति दुनिया की सबसे बड़ी मातृवंशीय जनसंख्या में से एक है। धन और संपत्ति मातृ पक्ष से चलती है। महिलाएं पारिवारिक और सामाजिक निर्णयों में अग्रणी भूमिका निभाती हैं। पुरुष धार्मिक और प्रशासनिक कार्यों में भाग लेते हैं जिससे लैंगिक संतुलन बना रहता है। पुरुष धार्मिक और प्रशासनिक कार्यों में भाग लेते हैं जिससे लैंगिक संतुलन बना रहता है।
अकरन लोग- घाना
घाना के अकरन समुदाय में भी संपत्ति और वंश परंपरा महिलाओं की रेखा से चलती है। महिलाएं परिवार और समुदाय के निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालांकि, पुरुष धार्मिक और राजनीतिक पदों पर रहते हैं, लेकिन महिलाओं का प्रभाव स्थायी और गहरा होता है।सामाजिक संरचना में महिलाएं सम्मानित और शक्तिशाली मानी जाती हैं।
