Village Tourism in India
Village Tourism in India

भारत के इन गाँवों की ख़ास बात

भारत के कुछ गांव ऐसे हैं जहाँ न शोर है और  न भागमभाग। सिर्फ शुद्ध हवा, हरियाली, धीमी रफ्तार की ज़िंदगी और सुकून भरे लोग। यहाँ कुछ दिन बिताकर आप तनाव को अलविदा कह सकते हैं और एक नई ऊर्जा के साथ वापस लौट सकते हैं।

Village Tourism in India: भागदौड़ भरी ज़िंदगी, मोबाइल की स्क्रीन, ट्रैफिक की आवाज़ें और लगातार चलते काम के बीच अगर आप भी तनाव से घिरने लगे हैं तो यकीन मानिए आपको भी एक डिजिटल डिटॉक्स और नेचर थेरेपी की ज़रूरत है। अच्छी बात यह कि इसके लिए विदेश नहीं भारत के गाँव ही सबसे सटीक और सच्चे उपाय हैं। भारत के कुछ गांव ऐसे हैं जहाँ न शोर है और न भागमभाग। सिर्फ शुद्ध हवा, हरियाली, धीमी रफ्तार की ज़िंदगी और सुकून भरे लोग। यहाँ कुछ दिन बिताकर आप तनाव को अलविदा कह सकते हैं और एक नई ऊर्जा के साथ वापस लौट सकते हैं। तो आइए जानते हैं भारत के ऐसे सुंदर और शांत गांवों के बारे में जो तनाव से मुक्ति पाने के लिए एकदम परफेक्ट हैं।

Mawlynnong – Cleanliness loving village of Meghalaya
Mawlynnong – Cleanliness loving village of Meghalaya

मावलिननॉन्ग को एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव कहा जाता है और यह उपाधि इसने सच में कड़ी मेहनत से पाई है। मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स में बसा यह गाँव प्रकृति, साफ़-सफाई और समुदाय की मिसाल है। यहाँ की गलियों में चलते हुए आप फूलों की खुशबू महसूस करेंगे और हर घर के आगे बांस की टोकरी में कचरा जमा मिलेगा। तनाव को दूर करने के लिए यह गाँव एक शांत वातावरण, साफ हवा और गर्मजोशी से भरे लोग देता है। साथ ही, पास ही में जीवित जड़ पुल और झरने भी हैं जो आपके अनुभव को और खास बना देंगे।

Khonoma – First green village of Nagaland
Khonoma – First green village of Nagaland

पूर्वोत्तर भारत का यह गांव आत्मनिर्भरता, हरियाली और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक है। खोनोमा को भारत का पहला ग्रीन विलेज कहा जाता है। यहाँ की पहाड़ियों पर धान की खेती की जाती है और गाँव के लोग प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर रहते हैं। यहाँ रहने से आपको डिजिटल दुनिया से दूरी मिलेगी और आप सुबह पक्षियों की चहचहाहट, रात को झींगुरों की आवाज़ और लोगों की सादगी के साथ ज़िंदगी को गहराई से समझ पाएंगे। तनाव से बाहर निकलने के लिए यह गाँव एक प्राकृतिक मेडिटेशन रिट्रीट की तरह काम करता है।

Tosh – Hill paradise of Himachal Pradesh
Tosh – Hill paradise of Himachal Pradesh

पार्वती घाटी में बसा तोष गाँव उन लोगों के लिए आदर्श है जो पहाड़ों की गोद में सुकून ढूंढते हैं। कसोल से थोड़ा ऊपर यह छोटा सा गाँव आपको हिमालय की शांति, बर्फ से ढके पहाड़ और धीमी गति की ज़िंदगी से मिलवाता है। यहाँ इंटरनेट की स्पीड भले धीमी हो लेकिन आपके मन की गति भी उतनी ही धीमी हो जाती है और यही तो चाहिए तनाव भगाने के लिए। पगडंडियों पर चलना, स्थानीय लोगों से बात करना और शाम को लकड़ी के घर में बैठकर सूरज को ढलता देखना। बस इतना काफी है खुद को फिर से तरोताज़ा करने के लिए।

गुजरात के कच्छ क्षेत्र में बसा होडका गाँव रैण और रेगिस्तान के बीच बसी एक शांत और रचनात्मक बस्ती है। यहाँ के लोग कढ़ाई, बुनाई और मिट्टी के काम में माहिर हैं। होडका का शांत वातावरण, लोक संगीत, ग्रामीण जीवन और खुले आसमान के नीचे तारे देखने का अनुभव मन को सुकून देता है। यहाँ जाकर आप सिर्फ अपने तनाव को नहीं भूलेंगे बल्कि जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को फिर से महसूस कर पाएंगे।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...