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लॉन्ग लास्टिंग और स्टे वाला फाउंडेशन, वॉटरप्रूफ मस्कारा और चमकदार लिपस्टिक डेली मेकअप का हिस्सा बन गए हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं, आपकी यही पसंद आपकी सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
Waterproof Makeup Effects: युवतियों और महिलाओं के लिए मेकअप सिर्फ खूबसूरती नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की एक परत भी होता है। यही कारण है कि वे ऐसा मेकअप चुनती हैं जो लंबे समय तक उनकी स्किन पर बना रहे। लॉन्ग लास्टिंग और स्टे वाला फाउंडेशन, वॉटरप्रूफ मस्कारा और चमकदार लिपस्टिक डेली मेकअप का हिस्सा बन गए हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं, आपकी यही पसंद आपकी सेहत के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।
‘फॉरएवर केमिकल्स’ को पहचानें

दरअसल कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स में ऐसे खतरनाक रसायन पाए जाते हैं जिन्हें पीएफएएस यानी प्री एंड पॉलीफ्लोरोएल्काइल सब्सटेंस कहा जाता है। ये ‘फॉरएवर केमिकल्स’ होते हैं। ये एक बार शरीर में चले जाएं तो आसानी से बाहर नहीं निकलते हैं। पीएफएएस मानव-निर्मित रसायन हैं। ये मेकअप को वाटरप्रूफ, स्मूथ और टिकाऊ बनाते हैं। ये लिपस्टिक, फाउंडेशन, मस्कारा और कंसीलर जैसे प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं। यही कारण है कि आपका मेकअप पसीने या पानी में भी टिका रहता है। लेकिन यह टिकाऊपन शरीर के लिए जहर बन सकता है।
इसलिए है बड़ा खतरा
पीएफएएस के कण इतने छोटे होते हैं कि वे आपकी त्वचा से लेकर खून तक में पहुंच सकते हैं। एक बार ये शरीर के अंदर चले गए तो ये सालों तक बने रहते हैं। और धीरे-धीरे आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं। ऐसे में कई बीमारियां और इंफेक्शन आपको घेर सकते हैं। इतना ही नहीं ये हार्मोन्स को भी प्रभावित करते हैं। कई बार कैंसर का कारण भी बन सकते हैं।
स्टडीज बताती हैं खतरे
विशेषज्ञ बताते हैं कि जिन लोगों के खून में पीएफएएस का स्तर ज्यादा होता है, उनमें टीकों के प्रति प्रतिक्रिया कमजोर होती है। कोविड-19 टीकाकरण पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि पीएफएएस वाले लोगों में एंटीबॉडी की मात्रा कम बनी थी। एक अन्य रिसर्च का दावा है कि पीएफएएस शरीर के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ सकते हैं, जिससे डायबिटीज और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। टॉक्सिक्स जर्नल में छपी एक स्टडी के अनुसार जिन लोगों के शरीर में पीएफएएस ज्यादा होते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज और इंसुलिन रेजिस्टेंस की आशंका भी बढ़ जाती है।
आंखों और होंठों से सीधा असर
सबसे डराने वाली बात यह है कि पीएफएएस आंखों और होंठों से सीधे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। मस्कारा या आईलाइनर के जरिए पीएफएएस आंखों की नलिकाओं से खून तक पहुंच जाते हैं। वहीं लिपस्टिक में मौजूद पीएफएएस धीरे-धीरे मुंह में चले जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक एक महिला अपने जीवन में कई पाउंड लिपस्टिक निगल जाती है। ऐसे में अगर उसमें पीएफएएस है तो नुकसान तय है।
फ्रांस ने उठाया बड़ा कदम
पीएफएएस से होने वाले गंभीर प्रभावों को देखते हुए अब फ्रांस ने एक अनोखी पहल की है। फ्रांस जनवरी 2026 से सभी कॉस्मेटिक, कपड़ों और स्की वैक्स उत्पादों में पीएफएएस के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने जा रहा है। ब्रिटेन और अमेरिका में भी इस पर सख्त नियम बनाने की चर्चा चल रही है।
ऐसे बचें इस खतरे से
टोरंटो यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार मार्केट में मिलने वाले आधे से ज्यादा ब्यूटी प्रोडक्ट्स में पीएफएएस पाया जाता है। इससे बचाव के लिए आपको कुछ कोशिशें करनी होंगी। सबसे जरूरी है हमेशा पीएफएएस फ्री या क्लीन ब्यूटी प्रोडक्ट्स ही उपयोग में लें। लंबे समय तक टिकने वाले या वॉटरप्रूफ मेकअप से बचें। मेकअप हटाने के बाद चेहरा अच्छी तरह साफ करें ताकि केमिकल्स का असर कम हो। मस्कारा या लिपस्टिक खरीदने से पहले लेबल जरूर पढ़ें।
