Ice cube benefits for face in Hindi(Face Icing Trend) : जब बात स्किन केयर की आती है तो कई तरह के ट्रेंड्स सोशल मीडिया पर खूब छाए रहते हैं और कुछ दिनों चर्चा में रहने के बाद कब चले जाते हैं इसका पता भी नहीं चलता। आजकल सोशल मीडिया पर ब्यूटी इनफ्लुएंसर को स्किन आइसिंग या स्लीक आइस रोलर्स का खूब इस्तेमाल करते देखा जाता है। इस ट्रेंड तो फेशिल स्किन आइसिंग के नाम से जाना जाता है, जो आजकल काफी प्रचलन में है। माना जाता है कि चेहरे पर आइसिंग करने से फेस का ग्लो बढ़ता है और चेहरे की फ्रेशनेस बरकरार रहती है। इसके साथ ही आइसिंग करने से थकान दूर होने के साथ-साथ डार्क सर्कल्स भी कम होते हैं। वहीं आंखों के पफनेस को दूर करने के लिए भी स्किन आइसिंग बढ़िया उपाय माना जाता है। हालांकि इसके लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। तो हम आज एक्सपर्ट से जानेंगे कि आखिर स्किन आइसिंग काम करता है या नहीं।
सेलिब्रिटी एस्थेटिशियन और BiE के सह-संस्थापक, दिनयार वर्किंगबॉक्सवाला ने एचटी लाइफस्टाइल के साथ स्किन आइसिंग के ट्रेंड पर अपने विचार शेयर किए और इस बात पर चर्चा की कि क्या स्किन आइसिंग केवल एक फैशन ट्रेंड है या स्किन केयर रूटीन का पार्ट बनने लिए तैयार है।
नेचुरल स्किन का तापमान बिगड़ना

डायरेक्ट स्किन पर बर्फ़ का इस्तेमाल त्वचा पर तापमान के बैलेंस को बिगाड़ देता है। स्कfन का टेंपरेचर काफी लो होने के कारण स्किन में ड्राइनेस, रेडनेस और यहां तक कि त्वचा में जलन भी हो सकती है। वहीं अचानक तापमान में अंतर के कारण उनमें सिकुड़न जैसा महसूस होगा और सेल्स भी टूट सकती हैं।
त्वचा की बाधा को नुकसान
इसे इस तरह सोचें कि आपकी त्वचा एक नाज़ुक गुब्बारा है और यह आपके और बाहरी दुनिया के बीच एक बाधा के रूप में काम करती है। यह आपके शरीर को बाहरी स्ट्रेस से बचाने में मदद करती है है। अपने चेहरे पर डायरेक्ट बर्फ लगाने से आप इस नेचुरल बैरियर को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। ये कोल्ड झटका पहले से ही थकी हुई सुरक्षात्मक त्वचा बाधा को और कमज़ोर कर सकता है और त्वचा में इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
ब्लड सर्कुलेशन में बाधा
एक तरफ जहां बताया जाता है कि आइसिंग करने से ब्लड फ्लो बेहतर होता है। वहीं सच मानो तो फेस आइसिंग करने से आपकी स्किन को काफी हद तक नुकसान पहुंच सकता है। एक्सपर्ट के हिसाब से स्किन आइसिंग करने के कारण ब्लड सरकुलेशन बाधित हो सकता है। ब्लड सर्कुलेशन में बाधा आने पर चेहरे पर डलनेस आ सकती है और स्किन की इलास्टिसिटी इसकी वजह से प्रभावित हो सकती है। इसके अलावा स्किन टोन का संतुलन भी बिगड़ सकता है। ऐसे में लंबे समय तक आइसिंग करने से बचें। ब्लड सरकुलेशन बेहतर बनाने के लिए आप कुछ अलग एक्टिविटी कर सकते हैं।
बढ़ सकती है स्किन प्रॉब्लम

जो लोग पहले से ही रोसैसिया, एक्जिमा या मुंहासे जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए स्किन पर आइस लगाने से उनकी स्थिति और खराब हो सकती है। ठंडे तापमान हमारी त्वचा से प्राकृतिक तेल और नमी को खींच सकते हैं, जिससे यह सूखी और परतदार दिखाई देती है। स्किन आइसिंग करने से स्किन की कंडीशन अधिक बिगड़ सकती है। खुजली और लालिमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस तरह की परेशानी होने पर आप डॉक्टर से अपना ट्रीटमेंट करवाएं या कोई भी घरेलू उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
ध्यान रखने योग्य बातें
भले ही स्किन आइसिंग सूजन और सूजन को शांत करने के मामले में तुरंत फायदा दे सकती है लेकिन इसका प्रभाव केवल थोड़े समय के लिए ही रहता है। लगातार अपनी त्वचा को इस तरह के तनाव में रखने से महीन रेखाएं, झुर्रियां होने का जोखिम बढ़ जाएगा। ध्यान रहे किसी भी तरह के ट्रेंड को अपनाने से पहले हमेशा किसी प्रोफेशनल स्किन एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। एक व्यक्ति के लिए जो कारगर है, वह दूसरे के लिए कारगर नहीं हो सकता।
