Sunscreen for Skin: गर्मियों में तेज धूप से चेहरा काफी टैन हो जाता है, इससे बचने के लिए सनस्क्रीन जरूर लगाएं। सनस्क्रीन त्वचा को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाता है।
सनबर्न और टैनिंग, ये दो समस्याएं ऐसी हैं जो गर्मी के मौसम में हमेशा हर किसी को परेशान करती है। सूरज की हानिकारक यूवी किरणें स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं। ये किरणें न सिर्फ स्किन को डल करती हैं,
बल्कि उसे बूढ़ा बना देती हैं और कई बार स्किन कैंसर का कारण भी बन सकती हैं। ऐसे में एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन लोशन और सन प्रोटेक्शन क्रीम लगाकर आप अपनी स्किन को यूवी किरणों से बचा सकते हैं।
आमतौर पर सभी सनबर्न को एक कॉमन परेशानी मानते हैं, जिसमें धूप के कारण स्किन काली पड़ जाती है। लेकिन असल में ये उससे कहीं ज्यादा खतरनाक है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी के अनुसार, अमेरिका में स्किन कैंसर सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। इसमें सबसे कॉमन है कैंसर, मेलेनोमा। धूप इसका
सबसे बड़ा कारण है। विशेषज्ञ बताते हैं कि सिर्फ पांच बार अगर आपको सनबर्न होता है तो मेलेनोमा कैंसर का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप एसपीएफ से भरपूर सनस्क्रीन लगाएं।
सनस्क्रीन क्या है
सनस्क्रीन उत्पाद केवल सूरज की किरणों को फिल्टर करते हैं, कुछ पराबैंगनी किरणों के माध्यम से जाने और त्वचा में प्रवेश करने की अनुमति देता है। उदाहरण के तौर पर समुद्रतट पर सनबाथिंग का आनंद ले रहे पुरुष और महिला जिस सनस्क्रीन ऑयल और लोशन का इस्तेमाल करते हैं वह सनस्क्रीन पूरी तरह से लिक्विड फॉर्म में होता है, इसलिए इसके उत्पाद लोशन या ऑयल के रूप में बाजार में दिखते हैं।
आप न करें यह गलती
मार्केट में इन दिनों 20 से 55 एसपीएफ वाले सनस्क्रीन आ रहे हैं। एसपीएफ यह बताता है कि आपका सनस्क्रीन आपको कितनी सुरक्षा देगा। विशेषज्ञों के अनुसार स्किन पर कम से कम 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लोशन लगाना चाहिए। लेकिन अक्सर लोग जो बड़ी गलती करते हैं, वो ये है कि वे एक ही सनस्क्रीन को दिनभर लगाते हैं। जबकि सुबह की धूप दोपहर की धूप के मुकाबले स्किन को कम प्रभावित करती है। ऐसे में आप सुबह-शाम भले ही 30 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं, लेकिन दोपहर में बाहर जाते समय आपको कम से कम 50 एसपीएफ सनस्क्रीन क्रीम या लोशन ही लगाना चाहिए। इतना ही नहीं इसे हर दो घंटे में री-अह्रश्वलाई भी करना चाहिए।
सनस्क्रीन का चुनाव करते समय ध्यान दें
स्किन टोन के अनुसार लें :
आजकल बाजार में क्रीमबेस, पाउडर, जैल आदि कई तरह के सनस्क्रीन के ब्रांड मौजूद हैं, लेकिन सनस्क्रीन
खरीदने से पहले खुद के स्किनटोन को एक बार अवश्य चेक कर लें और उसी के अनुसार सनस्क्रीन
खरीदें जो आपकी त्वचा के रंग से मेल खाता हो।
माइक्रोनाइज्ड फार्मूले के सनस्क्रीन का यूज करें :
जिन महिलाओं का रंग साफ है उनके लिए तो सनस्क्रीन सही रहता है लेकिन डस्की स्किन पर यह ग्रेइश इफैक्ट देता है जो अच्छा नहीं लगता। इसलिए सांवली त्वचा पर माइक्रोनाइज्ड फार्मूले वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। इससे सनस्क्रीन इफेक्ट कम होता है और त्वचा पर इसकी परत कम दिखाई देती है।
एसपीएफ सन प्रोटेक्शन फैक्टर :
अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्मोटोलॉजी के एक्सपर्ट मानते हैं कि कम से कम एसपीएफ-15 की मात्रा
वाले सनस्क्रीन तो लेना ही चाहिए। हमारे लिए एसपीएफ-15 से लेकर एसपीए-30 वाले सनस्क्रीन लोशन
प्रभावी होते हैं।
यूवीए और यूवीबी :
सनस्क्रीन खरीदते समय इस बात पर ध्यान अवश्य दें कि उसके लेबल पर यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन प्रिंट हो। यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन न केवल सनबर्न से बल्कि त्वचा के कैंसर से भी बचाने में मदद करता है।
वॉटर स्पोर्ट्स में कारगर सनस्क्रीन :
आप जरूरत के हिसाब से कोई भी अच्छा वॉटरप्रूफ सनस्क्रीन ले सकते हैं, ये पानी के भीतर लगभग 80
मिनट तक प्रभावी होते हैं। वहीं वॉटर रेजिस्टेंस सनस्क्रीन पानी में लगभग 40 मिनट के लिए टिके रहते हैं।
