Abhay Prabhavana Museum: जैन दर्शन और भारतीय विरासत को समर्पित अभय प्रभावना म्यूज़ियम एंड नॉलेज सेंटर का उद्घाटन जोश और उत्साह के साथ किया गया। इसे भारत के सबसे बड़े ‘म्यूज़ियम ऑफ आइडियाज़’ के रूप में देखा जा रहा है, जो न केवल जैन परंपराओं को संजोने का कार्य कर रहा है बल्कि आधुनिक दृष्टिकोण के साथ भारतीय मूल्यों को बनाए रखने में भी योगदान दे रहा है।
अभय प्रभावना म्यूज़ियम अमर प्रेरणा ट्रस्ट के चेयरमैन श्री अभय फिरोदिया की दूरदृष्टि का साकार रूप है। इस म्यूज़ियम का उद्देश्य जैन दर्शन से प्रेरित भारतीय मूल्यों को समझने और आधुनिक समय में उनकी प्रासंगिकता को उजागर करना है।
जैन सिद्धांतों पर आधारित मूलभूत दर्शन
श्री अभय फिरोदिया ने उद्घाटन समारोह में कहा, “अभय प्रभावना म्यूज़ियम भारत की नैतिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक प्रयास है। यह शिक्षा, उद्यमिता और नैतिकता के सिद्धांतों को समाहित करता है, जो संतुलित और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं।”
यह संग्रहालय जैन परंपरा के दस मूलभूत सिद्धांतों को समाहित करता है:
असिः सुरक्षा और उत्पादकता को बढ़ावा देने वाले उपकरण एवं हथियार
मसिः संचार और लेखन के माध्यम से ज्ञान का प्रसार
कसिः कृषि और पशुपालन की उपयोगिता
वाणिज्यः आर्थिक समृद्धि के लिए व्यापार
शिल्पः कौशल और कारीगरी का विकास
विद्याः गणित, ब्रह्मांड विज्ञान, चिकित्सा और अन्य ज्ञान क्षेत्रों का महत्व
अहिंसाः सभी जीवों के प्रति करुणा और अहिंसा का पालन
अपरिग्रहः भौतिक संसाधनों की न्यूनतम आवश्यकता
अनेकांतवादः विचारों की विविधता को स्वीकारना
क्षमताः क्षमा करने और मांगने का गुण
कला, आधुनिक तकनीक और आध्यात्मिकता का संगम
इंद्रायणी नदी के किनारे, 3.5 लाख वर्गफीट में फैला यह म्यूज़ियम 50 एकड़ भूमि पर निर्मित है। इसमें 30 विशेष गैलरियां हैं, जहां जैन धर्म की शिक्षाओं को समर्पित अनूठी कलाकृतियां और इंस्टॉलेशन प्रदर्शित किए गए हैं।
यह संग्रहालय आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से प्राचीन भारतीय दर्शन को सजीव करता है। यहां 350 से अधिक कलाकृतियां, भव्य मूर्तियां और प्रतिकृतियां मौजूद हैं। संग्रहालय में 35 प्रोजेक्टर, 675 ऑडियो स्पीकर, 230 एलईडी टीवी/कियोस्क, 8000 लाइटिंग फिक्सचर और अत्याधुनिक एचवीएसी सिस्टम लगा है।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र
पुणे के ऐतिहासिक स्थल पर स्थित यह म्यूज़ियम 2200 साल पुरानी पीली जैन गुफाओं के निकट बना है। यहां प्रतिदिन 2000 से अधिक आगंतुकों के आने की संभावना है। प्रेरणा स्रोत के रूप में यह हर वर्ग और हर उम्र के लोगों को जैन सिद्धान्तों का अनुभव पाने के लिए आमंत्रित करेगा। यह संग्रहालय सांस्कृतिक अन्वेषण का केन्द्र बन जाएगा और आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षा के प्रकाश स्तंभ के रूप में अपनी स्थिति को बेहद मजबूत बना लेगा।
अभय फिरोदिया के दूरदृष्टा नेतृत्व में अमर प्रेरणा ट्रस्ट शिक्षा एवं हेल्थकेयर को बढ़ावा देते हुए भारत की समृद्धधरोहर को संरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अभय प्रभावना म्यूज़ियम इसी दृष्टिकोण का साकार रूप है- एक मंचजो भारत की समृद्ध परम्पराओं के साथ भावी पीढ़ी को ऐसे मूल्य अपनाने के लिए प्रेरित करता है जो उन्हें सद्भाव और सहानुभूति के साथ जीवन जीने का संदेश देते हैं।
प्रख्यात विभूतियों संग एक ऐतिहासिक उद्घाटन
इस भव्य उद्घाटन समारोह में प्रख्यात विद्वान, विचारक, और समाजसेवी एक मंच पर एकत्र हुए। इस कार्यक्रम में माननीय केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी और महामहिम श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया विशेष अतिथि रहे। जस्टिस दलवीर भंडारी, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस, द हॉग ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। महामहिम मेवाड़ के महाराज कुमार लक्ष्यराज सिंह; पद्म भूषण डीआर मेहता, बीएमवीएसएस के संस्थापक, पद्म भूषण अन्ना हज़ारे, गांधीवादी लीडर इस अवसर पर माननीय अतिथि थे। श्रीमति मेनका गांधी, राज्य के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) भारत सरकार भी उद्घाटन समारोह में मौजूद रहे। पद्मश्री आचार्य चंदना जी महाराज (वीरायतन) और पूज्य गुरूदेव श्री राकेश जी (धरमपुर) तथा महामहिम 14वें दलाई लामा का प्रतिनिधित्व करने वाले श्रद्धेय सिलिंग टोंगखोर रिनपोचे ने कार्यक्रम को आर्शीवाद दिया।
