Dark Circle Therapy: खूबसूरत दिखने की चाह हर किसी को होती है। जिसके चलते मंहगे से मंहगे ब्यूटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करना, काॅस्मेटिक सर्जरी करवाना आम है। लेकिन आज के बिजी और अनहैल्दी लाइफ स्टाइल की बदौलत कई महिलाओं को न चाहते हुए भी सौंदर्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पडता है। जिनमें से एक है- आंखों के नीचे काले घेरे पड़ना, जिसके पीछे नींद का अभाव, तनाव, ज्यादा देर तक कंप्यूटर, टीवी देखना, हैल्दी डाइट न लेना जैसे कई कारण हैं।
यह कालापन आंखों के नीचे की त्चचा मे समुचित मात्रा में ब्लड सर्कुलेशन की कमी से भी होता है। हालांकि इनसे निजात पाने के लिए महिलाएं नेचुरल या घरेलू उपाय भी अपनाती हैं, लेकिन नियमित रूप से अमल न कर पाने के कारण ये उपाय कम प्रभावी रहतेे हैं। जिसे देखते हुए आंखों के नीचे डार्क सर्कल की समस्या से निजात पाने के लिए पिछले कुछ सालों से कार्बोक्सी थेरेपी काफी प्रचलित हो रही है। कम समय में बढ़िया रिजल्ट मिलने के कारण ब्यूटी कांश्यिस महिलाएं इसे अपना रही हैं।
क्या है कार्बोक्सी थेरेपी?
किसी भी उम्र में होने वाले आंखों के नीचे डार्क सर्कल से निजात पाने का नाॅन-सर्जिकल तरीका है-कार्बोक्सी या कार्बन थेरेपी। कार्बोक्सी थेरेपी एक ब्राजीलियन थेरेपी है जिसमें सौंदर्य उपचार के लिए महिलाओं को उनकी में त्वचा के अंदर छोटी और पतली नीडल वाले इंजेक्शन से कार्बन डाई ऑक्ससाइड रिलीज की जाती है। जरूरत हो तो विशेषज्ञ त्वचा पर लोकल एनिस्थिसिया क्रीम लगाकर त्वचा को सुन्न भी कर देते हैं जिससे मरीज को किसी तरह के दर्द की अनुभूति नहीं होती। कार्बन डाई ऑक्ससाइड का एक्सपोजर होने से ब्लड सेल्स तेजी से एक्टिव हो जाते हैं और इसे सोखने के लिए ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन माॅलिक्यूल्स छोड़ते हैं। आंखों के नीचे कार्बन डाई ऑक्साइड का इंजेक्शन देने से डार्क सर्कल में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। वहां मौजूद टाॅक्स्कि पदार्थ निकल जाते हैं, त्वचा में कोलेजन की मात्रा बढ़ने लगती है और उसमें लचीलापन आ जाता है । वहां की त्वचा पुनर्जीवित या रिजुुवनेट हो जाती है और डार्क सर्कल धीरे-धीरे कम होने लगते हैं।

हालांकि यह थेरेपी दर्दनाक लग सकती है, लकिन विशेषज्ञों का दावा है कि उपचार के दौरान केवल थोड़ी सी झुनझुनी महसूस होती है। नियत समय अंतराल पर इसके मल्टीपल सेशन लेने पड़ते हैं। एक सेशन 20-30 मिनट तक चलता है। ये सेशन 2-2 सप्ताह के गैप में करीब 8-12 बार सिटिंग्स होती हैं जिससे डार्क सर्कल खत्म हो जाते हैं।
कार्बोक्सी थेरेपी एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) द्वारा मान्यता प्राप्त तकनीक है और बहुत सुरक्षित है। हालांकि थेरेपी के दौरान कार्बन डाई ऑक्साइड गैस की वजह से मरीज की आंखों के आसपास सूजन आती है। जिसे धीरे-धीरे शरीर एब्जाॅर्ब कर लेता है और सूजन 1-2 दिन में खत्म हो जाती है।
थेरेपी के साइड इफेक्ट्स

- कार्बन डाई ऑक्साइड नेचुरल गैस होने के कारण कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है।
- नीडल से होने वाला दर्द ब्लड लेने वाली नीडल से भी कम होता है।
- 24-48 घंटे तक आंखों में फूलावट, सूजन और लालिमा रहती है।
- नजर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता
कैसे रखें सावधानी?
ट्रीटमेंट के बाद महिला को कम से कम एक दिन तक अपना चेहरा न धोने के लिए कहा जाता है। वैसे तो यह परमानेंट ट्रीटमेंट है, लेकिन यह हमारी लाइफ स्टाइल पर निर्भर करता है। अगर महिला हैल्दी लाइफ स्टाइल फोलो करती है, तो दुबारा होने की संभावना कम रहती है।
(डाॅ अजय कश्यप, सीनियर काॅस्मेटिक सर्जन, फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली)
