खुद को रिलैक्स रखने के लिए हॉट स्टोन मसाज इन दिनों लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। आज के समय में हॉट स्टोन थेरेपी एक नया ट्रेंड बन गया है लेकिन यह थेरेपी काफी पुरानी और पारंपरिक है। सदियों से आयुर्वेद में इस थेरेपी का खूब उपयोग किया जाता है। हॉट स्टोन थेरेपी शरीर के चक्रों को शांत कर मांपसेशियों की जकड़न को खत्म करने में मदद करती है और तनाव से मुक्त रखती है। इस स्टोन में अपार ऊर्जा होती है जो शरीर में गहरायी से प्रवेश करती है और शरीर के चक्र को संतुलित रखने में मदद करती है जिसके कारण आपको राहत और असीम उर्जा का अनुभव होता है। आइये जानते हैं हॉट स्टोन मसाज करने का तरीका और इससे होने वाले लाभ।
हॉट स्टोन मसाज का महत्व
आमतौर पर डॉक्टर शरीर के चक्र को संतुलित रखने और दर्द से निजात पाने के कई तरीके बताते हैं। लेकिन आप घर पर ही हॉट स्टोन थेरेपी से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। हॉट स्टोन मसाज में उन्हीं स्टोन का इस्तेमाल किया जाता है जो क्षारीय प्रकृति के नहीं होते हैं। किसी भी प्रकार के पत्थर जो आपकी हथेली में आ जाए और उस पर बैक्टीरिया या कीटाणु न जमा होए उसे अच्छी तरह से साफ करके मसाज करने के लिए उसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
स्टोन को गर्म करें
मसाज करने से पहले स्टोन को कुकर या ओवन में कम तापमान पर गर्म करें। आप स्टोन को कपड़े में लपेटकर भी उसे गर्म कर सकते हैं। तापमान के अनुसार स्टोन को गर्म करने में एक घंटे या इससे अधिक समय लग सकता है। स्टोन को सिर्फ उतना ही गर्म करें जिससे की उसे पकड़ते समय आपकी हाथ न जले।
ऐसे करें मसाज
हॉट स्टोन से मसाज करने के लिए आपको गहरी सांस लेकर आराम से लेट जाना चाहिए। मसाज कराने के लिए आप पार्टनर की मदद ले सकते हैं। हॉट स्टोन थेरेपी तभी काम करती है जब मसाज स्टोन को आपकी पीठ या आपके चेहरे पर रखा जाता है।
मांसपेशियों में तनाव और दर्द को करे दूर
मांसपेशियों के तनाव और दर्द को कम करने के लिए लंबे समय से हीट का उपयोग किया जाता रहा है। यह प्रभावित क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है। हीट मांसपेशियों की ऐंठन को कम करके फ्लैक्सिबिलिटी को बढ़ाने में मददगार है। वहीं, कोल्ड थेरेपी सूजन को दूर करने में मदद करती है। ऐसे में आप अपने लक्षणों के आधार पर मालिश के दौरान गर्म और ठंडे पत्थरों का वैकल्पिक उपयोग सहायक हो सकता है।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी को करे कम
हॉट स्टोन मसाज तनाव और चिंता को कम करने में बेहद ही कारगर तरीके से काम करती है। अध्ययनों ने यह भी साबित किया है कि यह रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। सर्जरी व ऑपरेशन के बाद होने वाले दर्द और तनाव को दूर करने के लिए भी हॉट स्टोन मसाज की मदद ली जा सकती हैं। हालांकि यह ऑप्शन चुनने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
ऑटोइम्यून बीमारी के लक्षणों से दे राहत
इस मालिश को फाइब्रोमायल्गिया या पुरानी दर्द की स्थिति के इलाज में बेहतरीन प्रभावी तरीके से काम करता है। अध्ययनों के अनुसारए जिन रोगियों ने हॉट स्टोन मसाज थेरेपी का इस्तेमाल कियाए उन्हें अपेक्षाकृत कम दर्द का अनुभव हुआ। इसके अलावाए इसने दर्द के ट्रिगर पॉइंट से बेहतर तरीके से निपटने में मदद की। ऐसे में ऑटोइम्यून बीमारी से लड़ने में मसाज थेरेपी एक अच्छा विकल्प है।
मिलेगी बेहतर नींद
आज के समय में व्यक्ति इतने तनाव व चिंताओं से घिरा हुआ है कि उसका विपरीत प्रभाव उसकी नींद पर देखने को मिलता है। अधिकतर महिलाओं को रात में ठीक से नींद ही नहीं आती या फिर अगर उन्हें नींद आती भी है तो वह रात में बार.बार उठ जाती हैं और फिर उन्हें दोबारा सोने में परेशानी होती है। अगर आप को भी ऐसी कोई समस्या है तो नींद की गोलियां लेने के स्थान पर आप हॉट स्टोन मसाज थेरेपी का विकल्प चुनें।
इम्युनिटी बूस्टर
हॉट स्टोन मसाज एक इम्युनिटी बूस्टर मसाज भी है। यह मसाज आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने में मददगार भी होती है। यह मसाज आपको कई बीमारियों से दूर रखने और हाई बीपीए वॉटर रिटेंशन आदि को विनियमित करने में भी मददगार है।
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