नियमित तौर पर योग करने से न सिर्फ आपका तनाव कम होता है, बल्कि शरीर भी स्वस्थ बना रहता है और नींद भी अच्छी आती है। इससे शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं, जिससे आपकी त्वचा में भी एक प्राकृतिक चमक आ जाती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो योग की मदद से चर्म रोग से संबंधित समस्याओं जैसे- कील-मुहांसों से छुटकारा मिलता है और हमारी त्वचा अंदर से साफ हो जाती है। डॉ. निवेदिता कहती हैं कि किसी की त्वचा उसके स्वास्थ्य की सूचक होती है और त्वचा को स्वस्थ दिखने के लिये उसे भरपूर मात्रा में रक्त संचार की आवश्यकता होती है। शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है, ताकि सभी आन्तरिक अंग ठीक ढंग से काम करें। सुचारु रक्त संचार के जरिये त्वचा को आवश्यक पोषक तत्व मिलने लगते है और त्वचा धीरे-धीरे स्वस्थ और निखरने लगती है, इसके अतिरिक्त योग आपके शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में मदद करता है फलस्वरूप शरीर में स्फूर्ति और त्वचा में रंगत आ जाती है। आइये जानते हैं कौन-कौन सी योग मुद्राओं से आप कैसे निखार सकती हैं अपनी सुंदरता।
हास्य योग :-
जब भी समय मिले तब बहुत जोर-जोर से और खुलकर हंसें क्योंकि हंसने से शरीर की एक साथ 600 मांसपेशियों की कसरत होती है। ठहाके मारकर हंसने से हमारा इम्यून सिस्टम बेहतर होता है, फेफड़ों में ऑक्सीजन जाती है, रक्त शुद्ध होता है और चेहरा गुलाब की तरह खिल जाता है।
शीर्षासन या हेडस्टैंड :-
इस आसन से हमारे शरीर में रक्त का उल्टा संचार होने लगता है यानी पैर से सिर तक। इससे हमारे चेहरे को एक स्वस्थ चमक मिलती है। इस आसन को नियमित रूप से करने से हमारी त्वचा झुर्रियों से मुक्त रहेगी। इस आसान में सिर के बल खड़े होना होता है, इस वजह से यह आसान करने में थोड़ा कठिन होता है लेकिन इसके नियमित अभ्यास से रक्त संचार सुधरता है और त्वचा में कसाव और चमक आती है।
कपालभाति प्राणायाम :-
यदि आपकी त्वचा की रंगत गोरी है, लेकिन त्वचा के बेजान होने के कारण आपकी सुंदरता फीकी पड़ जाती है, तो कपालभाति प्राणायाम आपके लिए एक बेहतर विकल्प है। कपालभाति सांस लेने की एक क्रिया है, जिसे करने से फेफड़े बिल्कुल साफ हो जाते हैं। इस आसन को करने से ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन शरीर के अंदर जाती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर आती है। यदि आप इस आसन को 4-5 महीने तक लगातार करते हैं तो आपकी त्वचा पर चमक और लालिमा आ जाएगी।
उत्तानासन :-
ये भी एक ऐसा आसन है, जिसमें हमारे शरीर में रक्त का संचार नीचे से ऊपर की ओर यानी हमारे चेहरे और स्कैल्प तक होता है। इससे चेहरे में चमक आती है और यह आंखों के लिए भी हितकर होता है।

पश्चिमोत्तानासन :-
यह आगे की तरफ झुकने वाली मुद्रा होती है जिसमें चेहरे में रक्त संचार होता है। इसके अलावा इसे उदर बेहतर कार्य करता है, जांघ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पीठ तथा बांहों को आराम मिलता है। ध्यान रहे यदि आपको पीठ या रीढ़ सम्बन्धी किसी प्रकार की समस्या है तो इसे कदापि न करें। इसके साथ ही धीरज से काम लें, हो सकता है कि आप अपने माथे को घुटने से न छुआ पाएं। इस बात को जान लें कि यदि आप ऐसा कर पाते हैं तो आप अपना लचीलापन वापस पा सकते हैं और मुद्रा को बेहतर ढंग से कर पाएंगे।
चक्रासन :-
इस आसन में आप अपने पैर अलग और समानांतर रखकर सीधे खड़े रहें। अपने हाथों को सामने की तरफ आपस में फंसा लें। सांस लेते हुए अपने हाथ ऊपर उठाएं और पीछे झुकें। सांस बाहर छोड़ते हुए आगे झुककर बांहों को पीछे की तरफ झुलाएं व उंगलियों को पीठ के पीछे आपस में फसाएं और अपने सिर की ओर खींचें। यह आसन आपके शरीर में लचीलेपन के साथ-साथ रक्त संचार सही करने में बहुत उपयोगी है।
हलासन :-
इस आसन के जरिए भी शरीर में ब्लड सक्र्युलेशन हमारे चेहरे और सिर की ओर होता है, जिससे हमारे चेहरे पर एक गुलाबी चमक आती है।

त्रिकोणासन :-
यह ट्रायंगल पोज मन और सम्पूर्ण शरीर के अंगों में संतुलन बनाए रखता है। यह छाती, फेफड़ों और हृदय तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है। इससे शरीर में ताजगी का अनुभव होता है। यह आसान चेहरे को पोषण और चमक देता है, जो आपको जवां रखता है
प्राणायाम :-
गहरी सांस लेने और छोडऩे से रक्त ऑक्सीकृत होता है संचार बेहतर होता है। इससे मन भी शान्त होता है और थकावट भरी तंत्रिकाओं को आवश्यक आराम मिलता है। यह तनावमुक्त और सुन्दर रहने के लिये सबसे कारगर है।
श्वासन :-
योगनिद्रा या शवासन पूर्ण रूप से आराम के अहसास का तरीका है। आप लेटकर अपने हाथ-पैर तथा जोड़ों को शिथिल कर दें। आंखें बन्द कर लें। एक शव के समान लेटे रहें। यह हमारे शरीर के मांसपेशियों के लिए
बेहद कारगर होता है।
सर्वांगासन :-
इसे शोल्डर पोज भी कहते हैं। यह आसान चेहरे के तेज को बढ़ाता है। साथ ही त्वचा को सॉफ्ट बनाकर गड्ढों को भरने में मददगार है। यह आसन ब्रेन तक ब्लड सर्कुलेशन का प्रवाह बनाए रखता है, जिससे आप जवान नजर आती हैं।
मत्स्य आसन :-
इस मुद्रा से चेहरे की मांसपेशियों को आराम मिलता है और गर्दन तथा पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे चेहरे में नियंत्रित मात्रा में रक्त का संचार होता है और रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। यदि आपको उच्च रक्तचाप, गर्दन या पीठ दर्द की शिकायत है तो इस आसन को करने से बचें।
पवनमुक्तासन :-
यह आसान पाचनक्रिया को, पीठ दर्द को, पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ की हड्डी के उपचार में सहायक होता है। यह पेट और पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द और विकार से मुक्ति दिलाता है। इसके अलावा, यह ऊर्जा, कब्ज में राहत देता है और त्वचा को यौवन देने में सहायक होता है।

किस बात का ध्यान रखें :-
- एक बात का ध्यान रखें कि ज्यादातर सौंदर्य समस्याओ के पीछे की वजह मानसिक तनाव होता है।
- योग करने से तनाव कम होता है तथा इससे जुड़ी सौंदर्य समस्याओं से निजात मिलती है।
- योग का लगातार अभ्यास करने से केवल त्वचा संबंधी ही नहीं बल्कि बालों के झडऩे की समस्याओं का भी स्थाई उपचार होता है।
- योग से बाहरी शारीरिक सौंदर्य को निखारने में काफी मदद मिलती है।
- खानपान का विशेष ध्यान रखें। हरी सब्जियों का सेवन करें।
- नारियल पानी का सेवन करें, क्योंकि इसमें कैलोरी नहीं होती है और यह वजन को ज्यादा बढऩे नहीं देता।
- 3 से 4 लीटर पानी पिएं, जिससे आपके शरीर में पानी की कमी नहीं रहती और शरीर को ऊर्जा मिलती है।
(स्किन एंड हेयर क्लीनिक की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर निवेदिता दादू से बातचीत पर आधारित)
