योग जीवन जीने की कला हैं। योगासन जहां हमारे शारीरिक क्षमता को बढ़ाते हैं, वही प्राणायाम मानसिक शक्ति का विकास करते हैं ।

 

महिलाओ के जीवन में योग क्यों आवश्यक – :

 

  • महिलाएं योग को अपनी जीवन शैली का अभिन्न अंग बनाकर न केवल शारीरिक रूप से स्वास्थ रह सकती हैं ,बल्कि जीवन में विभिन्न प्रकार के मानसिक विकारों को दूर एक संतुलित जीवन जी सकती हैं ।
  • नियमित योगभ्यास शरीर में न केवल चुस्ती-फुर्ती लाता हैं बल्कि अतिरिक्त चर्बी को घटाकर शरीर को सुडौल, लचीला एवं रोगमुक्त बनाता है ।
  • महिलाओं का जीवन चक्र हार्मोन्स के साथ जुड़ा हैं । ईस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन्स का संतुलन । आयु की हर अवस्था में यह अपना प्रभाव बनाए रखते हैं।आसनो के माध्यम से की गई आकुंचन -संकुचन की क्रिया हार्मोन्स का संतुलन बनाए रखने के लिए सबसे अधिक सहयोगी होती है ।
  • शरीर में रक्त का सुचारु रूप से संचार, प्रतिरोधक शक्ति में सुधार एवं ग्रंथियों से होने वाले स्राव का नियंत्रण योग द्वारा ही संभव हैं ।
  • योग द्वारा महिलाओ का सामान्य स्वास्थ तो अच्छा बनता है उसके प्रजनन अंग भी स्वस्थ एवं सुदृढ़ बनते हैं।
  • नियमित योगाभ्यास से चेहरे पर दमक, आंखो में चमक, त्वचा में कोमलता एवं कांति आती हैं। मन प्रसन्न रहता हैं ।
  • योग से चित एकाग्र होता है, मन की चंचलता समाप्त करने के लिए प्राणायाम एक सटीक योग क्रिया है।
  • अक्सर परिवार में छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव और मानसिक परेशनी हो जाती है अगर हम नियमित योगाभ्यास करते है तो इन छोटी-छोटी परेशानियों से घबराएँगे नहीं बल्कि संतुलित दिमाग से इन सबका सामना करेंगे।
  • नियमित योग उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीरे करता है।
  • नियमित योग हमरे विचारो को सकारात्मक बनाता है साथ ही व्याक्तिव को भी निखारता है ।

यदि महिलाएं नियमित योग करती हैं तो वह अपने बच्चों को भी योगाभ्यास के लिए प्रेरित कर पाएगी। इससे वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे पाएँगी ।

 

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