Overview: सिर पर बाल उगाने के लिए पतंजलि वाले आचार्य बालकृष्ण ने बताया नुस्खा
हम में से बहुत से लोग रोजाना कंघी करते समय कुछ बाल टूटने को सामान्य मानते हैं, लेकिन जब यही संख्या 10-15 से बढ़कर सैकड़ों में हो जाए, तो यह एक गंभीर समस्या बन जाती है, जिसे हम हेयर फॉल कहते हैं और जब सिर के बाल कम होने लगते हैं और हेयरलाइन पीछे हटने लगती है, तो यह गंजेपन की शुरुआत होती है।
Hair Growth Remedy by Patanjali Acharya Balkrishna: हमारे देश में सदियों से आयुर्वेद का महत्व रहा है। यह एक ऐसा विज्ञान है, जो न सिर्फ रोगों का इलाज करता है, बल्कि उन्हें जड़ से खत्म करने की शक्ति भी रखता है। भले ही आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग तुरंत आराम के लिए एलोपैथिक दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद की धीमी मगर स्थायी प्रक्रिया का कोई मुकाबला नहीं है। आजकल की सबसे आम और परेशान करने वाली समस्याओं में से एक है बालों का झड़ना और गंजापन।
हम में से बहुत से लोग रोजाना कंघी करते समय कुछ बाल टूटने को सामान्य मानते हैं, लेकिन जब यही संख्या 10-15 से बढ़कर सैकड़ों में हो जाए, तो यह एक गंभीर समस्या बन जाती है, जिसे हम हेयर फॉल कहते हैं और जब सिर के बाल कम होने लगते हैं और हेयरलाइन पीछे हटने लगती है, तो यह गंजेपन की शुरुआत होती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग अक्सर महंगे शैंपू, कंडीशनर और हेयर ट्रीटमेंट का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें मौजूद केमिकल्स कभी-कभी फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं।
आचार्य बालकृष्ण का नुस्खा
आचार्य बालकृष्ण अपने एक वीडियो में बताते हैं, दो साधारण सी जंगली जड़ी-बूटियां इस समस्या को हल करने में आपकी मदद कर सकती हैं। ये जड़ी-बूटियां इतनी आम हैं कि आपको किसी भी सड़क के किनारे या पार्क में आसानी से मिल सकती हैं।
चमत्कारिक जड़ी-बूटियां

दूधी के पत्ते और कनेर के पत्ते इन दोनों का उपयोग बालों के लिए बहुत ही फायदेमंद माना गया है। दूधी, जिसे लिटिल मिल्केवीड भी कहते हैं, बालों के झड़ने को कम करने और उन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है। वहीं, कनेर के पत्ते भी बालों की समस्याओं के लिए एक बेहतरीन समाधान हैं।
इस्तेमाल करने का तरीका
इन पत्तियों का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। सबसे पहले, इन दोनों पत्तियों को बराबर मात्रा में लें। फिर इन्हें किसी सिलबट्टे या मिक्सर की मदद से पीसकर एक रस तैयार कर लें। इस रस को अपने बालों की जड़ों यानी स्कैल्प और बालों की लंबाई पर अच्छी तरह से लगाएं। इस मिश्रण का नियमित इस्तेमाल बालों का झड़ना, टूटना और असमय सफेद होना कम कर सकता है। यह बालों की ग्रोथ को भी बढ़ावा देता है, जिससे गंजेपन की समस्या से राहत मिलती है।
इन बातों का रखें ख्याल

यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि ये दोनों जंगली जड़ी-बूटियां हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल सावधानी से करें। कुछ लोगों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है, और उन्हें कनेर के पत्तों से एलर्जी हो सकती है, जिससे सिर में दाने निकल सकते हैं। अगर आपको ऐसा कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो कनेर के पत्तों का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें। ऐसी स्थिति में आप सिर्फ दूधी के पत्तों का रस लगा सकते हैं। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दूधी का रस अकेला भी बालों के लिए बहुत ही गुणकारी माना गया है।
