Craving Pickles- प्रेग्नेंसी के वक्त महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। वजन बढ़ने के साथ प्रेग्नेंट महिलाओं की भूख और क्रेविंग में काफी बदलाव आ जाता है। इस दौरान 90 प्रतिशत महिलाएं खट्टा खाना पसंद करती हैं। उन्हें अचार की महक और टेस्ट काफी प्रभावित करने लगता है। हालांकि कई चिकित्सक स्वास्थ्य की दृष्टि से अचार को न खाने की सलाह देते हैं, लेकिन फिर भी महिलाएं अपनी क्रेविंग को शांत करने के लिए इसका स्वाद चख ही लेती हैं। लेकिन आपने कभी सोचा है कि प्रेग्नेंसी में अचार खाने की इच्छा क्यों होती है। प्रेग्नेंट महिला को अचार खाने से क्यों रोका जाता है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
अचार की क्रेविंग के बारे में विज्ञान क्या कहता है

अचार खाने की इच्छा सदियों से प्रेग्नेंट महिला को प्रभावित करती आ रही है। प्रेग्नेंसी में किसी चीज को खाने की इच्छा होना एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
हार्मोन्स
प्रेग्नेंसी के दौरान तेजी से बदलते हार्मोन क्रेविंग को बढ़ा देते हैं। हार्मोन्स में बदलाव फर्स्ट ट्रेमिस्टर के दौरान अधिक होता है, जिसमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में काफी बढ़ोतरी होती है। कई बार हार्मोन इम्बैलेंस से उल्टी और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या हो जाती है। सेकंड ट्रेमिस्टर में अधिकांश प्रेग्नेंट महिलाओं की मॉर्निंग सिकनेस कम हो जाती है और क्रेविंग बढ़ जाती है। ऐसे में महिलाओं को खट्टा खाने की तीव्र इच्छा हो सकती है। हालांकि ये लक्षण हर प्रेग्नेंट महिला अनुभव करें ये जरूरी नहीं है।
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पोषक तत्वों की कमी
अचार खाने की इच्छा अधिकतर तब होती है तब आपका शरीर सोडियम की कमी को महसूस करता है। प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड की मात्रा के साथ-साथ सोडियम की आवश्यकता बढ़ जाती है और अचार की लालसा बढ़ जाती है। ये सच है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ पोषक तत्वों की जरूरतें बदल जाती हैं। इसमें जिंक, फोलेट, आयोडीन और प्रोटीन में मुख्य रूप से परिवर्तन आता है। प्रेग्नेंसी में कम पोषक तत्व, हाई सोडियम और हाई फैट वाले खाद्य पदार्थ जैसे अचार, आइसक्रीम, चॉकलेट और पिज्जा खाने की इच्छा होने लगती है।
प्रेग्नेंसी में अचार खाने के स्वास्थ्य प्रभाव

प्रेग्नेंसी के दौरान अचार खाने से सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं।
सकारात्मक प्रभाव
– मिलता है हाई सोडियम
– विटामिन से भरपूर
– इलेस्ट्रोलाइट्स को संतुलित करता है
– पाचन अच्छा रहता है
– कोलेस्ट्रॉल की समस्या को दूर रखता है
– स्कर्वी रोग से मिलता है छुटकारा
– एनीमिया से राहत
– एनर्जी बढ़ाता है
नकारात्मक प्रभाव
– सोडियम की मात्रा बढ़ सकती है
– तेल की वजह से फैट बढ़ सकता है
– पेट में जलन हो सकती है
– किडनी और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है
अचार खाने से पहले बरतें सावधानियां
– अपने नमक के सेवन को कम करने के लिए पैकेजिंग पर कम सोडियम वाला लेबल देखें।
– ध्यान रखें कि मीठे अचार को चीनी से बनाया जाता है, इसलिए कम सेवन करें।
– दिन में एक बार से अधिक अचार का सेवन न करें।
– कई अचार में सिरका होता है जो बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके सेवन से बचें।
– बाजार के बने अचार की बजाय घर का बना अचार खाएं।
