Diwali Puja Upay 2024: इस साल दिवाली 1 नवंबर, शुक्रवार को मनाई जाएगी, जो धन-धान्य और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा का दिन है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से लक्ष्मी पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और आर्थिक तंगी, कर्ज या दरिद्रता जैसी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। दिवाली पर पूजा के दौरान मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को विशेष वस्त्र, फूल, मिठाई और अन्य पूजन सामग्रियां अर्पित की जाती हैं, जिससे परिवार में धन-धान्य की बरकत और खुशहाली बनी रहती है।
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हल्दी की गांठ
हल्दी की गांठ को विशेष रूप से शुभ और मंगलकारी माना जाता है। यह मान्यता है कि अगर इसे किसी भी पूजा में इस्तेमाल किया जाए, तो विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है। खासकर दिवाली पूजन में मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को हल्दी की गांठ अर्पित करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है और घर-परिवार से नकारात्मकता का नाश हो जाता है। इसका धार्मिक महत्व समृद्धि और सौभाग्य की वृद्धि के लिए अत्यधिक माना गया है।
खील और बताशे
दिवाली पूजन में लक्ष्मी और गणेश जी को खील और बताशे अर्पित करने की परंपरा अत्यंत शुभ मानी जाती है। यह मान्यता है कि अगर इनका पूजन में प्रयोग किया जाए, तो घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और समृद्धि का वास रहता है। इससे परिवार के सभी सदस्यों की उन्नति के मार्ग खुलते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। खील और बताशे अर्पित करने से धन प्राप्ति के नए अवसर मिलते हैं और जीवन में कभी भी धन की कमी महसूस नहीं होती है।
पैसों की थाली
दिवाली के दिन मां लक्ष्मी, जो धन की देवी मानी जाती हैं, और भगवान गणेश, जिन्हें बुद्धि का कारक माना जाता है, की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन घर के सभी पैसों को एक थाली में रखकर लक्ष्मी-गणेश जी को अर्पित करना शुभ माना जाता है। पैसों पर अक्षत छिड़कें और थोड़ा सा कुमकुम भी लगाएं। ऐसा करने से धन की सुरक्षा होती है और घर में धन आगमन के नए रास्ते खुलते हैं। यह पूजा समृद्धि और आर्थिक उन्नति का प्रतीक मानी जाती है।
कुमकुम और चंदन
दिवाली पूजन में कुमकुम और चंदन का विशेष महत्व होता है। देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए चंदन की लकड़ी को उनके चरणों में अर्पित किया जाता है, जो शांति और समृद्धि का प्रतीक है। वहीं, कुमकुम से देवी लक्ष्मी और गणेश जी का तिलक करने से पूजा का शुभ प्रभाव बढ़ता है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। कुमकुम और चंदन के साथ पूजा करने से घर में धन, वैभव और शांति बनी रहती है।
दूर्वा घास
दूर्वा घास का लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा में विशेष महत्व है। मान्यता है कि दूर्वा घास अर्पित करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। गणेश जी की पूजा में दूर्वा का उपयोग करना भी शुभ माना जाता है, जिससे बुद्धि और संपत्ति में वृद्धि होती है। पूजा के बाद दूर्वा घास को प्रसाद के रूप में बांटने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
