Hindi Kahani: बरसों बरस बीत गए,बचपन कब का पीछे छूट गया।स्कूल ही क्या वो शहर वो राज्य भी अब तो छूटे वर्षो गुज़र गए।मेरे पिताजी सरकारी नौकरी में अधिकारी थे,अक्सर ही तबादले होते रहते थे और शहर के साथ ही हमारा स्कूल भी बदल जाता था।एक तो मैं बचपन से ही अत्यंत मृदुभाषी था थी,उस […]
Author Archives: मृणालिका दुबे
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एक अजनबी हसीना से-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Hindi Story: रवि बड़ी ही बैचेनी से उस छोटे से रेलवे प्लेटफार्म पर टहल रहा था!!रात के 10 बज रहे थे!!चारों ओर एकदम सन्नाटा सा छाया हुआ था!!इक्का दुक्का मुसाफिर प्लेटफॉर्म पर बनी बेंच पर चादर ओढ़े सो रहे थे!!इस छोटे से गाँव के रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का रात भर इंतज़ार करने को रवि […]
