Posted inहिंदी कहानियाँ

रिश्ते-21 श्रेष्ठ बालमन की कहानियां बिहार

“क्या हुआ हरीश, तुम इतने उदास क्यों रहते हो? और कक्षा में सबसे अलग भी बैठते हो? तुम लंच भी सबके साथ नहीं करते…?” गौतम ने लंच टाइम में हरीश के पास जाकर पूछा। “मुझे नहीं मालूम गौतम। मेरे साथ ना तो कोई बैठना चाहता है और ना ही कोई लंच करता है।” -हरीश ने […]

Posted inहिंदी कहानियाँ

भरोसा: गृहलक्ष्मी की कहानियां

गृहलक्ष्मी की कहानियां: आज आटो लेकर जल्दी—जल्दी घर से निकला क्योंकि आज नीट का एंट्रेस एग्जाम था। बहुत से प्रतियोगी अलग-अलग जगहों से रायपुर आये होंगे तो सवारी मिलने की संभावना बहुत ज्यादा थी। स्टेशन पहुंचा तो प्रतियोगियों की भीड़ दिखी। कई सवारियों को उनके मंजिल तक पहुंचने के बाद मै स्टैंड पर सुस्ता रहा […]

Gift this article